सुरों में मन की मुकुट सजता है
हवा में ठंडक धुन लेकर आती है
पंखों वाले पल सुनाई देते हैं
गायक का हृदय विशाल सागर खोलता है
मौन रात संगीत से भर जाती है
फूलों की खुशबू ताल में मिल जाती है
प्रेम के गीत आत्मा से बात करते हैं
स्मृति की परछाइयाँ ताल में गाती हैं
स्वर उठते हैं और वातावरण उत्सव बनता है
प्रेम का नशा गाया जाता है
रात के रंग संगीत की तरह होते हैं
हृदय एक संध्या गीत गाता है
जी आर कवियुर
17 12 2025
(कनाडा , टोरंटो)
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