Sunday, December 7, 2025

झलक” (प्रेम गीत)

झलक” (प्रेम गीत)

ओ… ओ… ओ… ओ…
ओ… ओ… ओ… ओ…
आ… आ… आ… आ…
ओ… ओ… ओ… ओ…

इक राह पे ठहरा था मैं,
इक टूटी-सी दिल की धड़कन लिए,
इक झपक भी न दी मैंने,
इक और झलक तेरी पाने को।

इक दिन तो आएगा,
इक मुस्कान तेरी फूल बन खिल जाएगी,
इक-इक अंदाज़ तेरे,
इक पल में ही दिल को भिगो जाएँगे।

इक-इक पत्ता गिरता जाए,
इक मीठी धुन संग दिल भी गाए,
इक-इक चाहत तेरी दिल को छू जाए,
इक हवा भी तेरी याद बढ़ाए।

इक-इक गीत दिल में खिलता जाए,
इक कदम तेरे आते ही मौसम बहार बन जाए,
इक अंधेरे में तेरी प्यार की रौशनी चमके,
इक रात भी तेरे कारण उजली हो जाए।

जी आर कवियुर 
07 12 2025
(कनाडा, टोरंटो)

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