Monday, March 7, 2022

जीने दो सपनों में

जीने दो सपनों में


लोग कहे मैं तेरे
 प्यार में पागल.
शोर मत करियो.
मेरे ख्वाबों.से वह
 चली ना जाए.
उसकी नशीली नैना
छलकती.प्यारासा...
होठों में.
यह नजारा हाय जीने.
जीने का सहारा था.
अरे लोगों क्यों इतना 
चिंतित हो हमारे लिए.
हम तो ठहरे.आशिक आवारा.
हमें जीने दो इस हाल में.
यादों की बरसातों में.
दिल में बिजली चमकती है 
उनकी अदाओं में 
जीने दो सपनों में ही सही

जी आर कवियुर
8.03 .2022

Thursday, March 3, 2022

आवो महसूस करके

यूं मुस्कुराए.
लागे चांद..उत्तर आए.
मोरे निंदिया में.
सपना सालोरा.कर दे.

हाय यह अदाएं...
मुझे भाग गई.इतना रे.
रूट क्यों गई मुझसे.
मनाना आता नहीं..

मान भी...जावे.
अरमानों को पूरा करके.
मुस्कान भर कर जाइएगा.
जनम जनम की.

कीमत चुकाते.हुए..
लौट के जाना है सबको.
क्यों रूठ कर 
टूट कर क्या मिलेगा.

आवो महसूस करके 
मोहब्बत का इस आशियाना...

जीआर कवियूर
03 03 2022