Thursday, March 28, 2024

तलाश में

तलाश में

किसी की नजर से
ना गिरा दो मुझे

इस तरह बातों से
तेरी यादों पर जीता हूं

दिल की धड़कनों में छुपी
तेरी बातों को पाता हूं

हर ख्वाब में तेरी तलाश
मैं रात भर निकलता हूं

बातें हैं अधूरी मेरी
तेरे बिना जीना सीखता हूं

ख्वाबों की गहराइयों में
तेरा चेहरा छुपाता हूं

दिल के रिश्ते तेरे नाम
हर पल तुझसे जुड़ता हूं

आँखों में छुपी है बातें
तेरे ख्वाबों में बसाता हूं

इस इश्क़ की राहों में
तेरी तलाश में भटकता हूं

रचना
जी आर कवियूर
29 03 2024


Sunday, March 24, 2024

अंधेरी राह भी

अंधेरी राह भी  

यह इश्क तुझे 
भुला ना पाया मैं
तेरी याद के रोशनी से
अंधेरी राह भी  आसान सा
 हो जाता है सनम

तेरी बातों की गहराई में
खो जाता हूँ मैं हर दम
दिल की धड़कनों में बसता
तेरा ख्वाब सा गुलिस्तान

मुझमें तेरी खुशबू बिखरी
हर पल, हर इक ख्वाब में
तेरी यादों का जादू सा
मेरे दिल में बसा रहा

इस इश्क के सिलसिले में
तेरी यादों की गहराई में
मैं हूँ अब तक उलझा हुआ
इस अल्फ़ाज़ के गुंजा सा।

रचना
जी आर कवियूर
25 03 2024

गुन गुनाया कितना

गुन गुनाया कितना
घुंघरू की तरह
फिर भी गूंजता नहीं
तेरे दिल पर मेरे लिए कुछ भी

तेरी यादों की धुन में
खोया हूँ मैं रात दिन
पर तेरी बातों के सिलसिले में
ढूंढूँ मैं अपना मकान

तेरे ख्वाबों की छाँव में
बसा हूँ मैं हर दिन
मगर तेरे सपनों की मस्ती में
बिखरता हूँ मैं, तनहाई

कहीं गुम है वो मंजिलें
जहाँ मिले तेरा साथ
पर आज भी दिल में उम्मीदें
बस तेरी ही बात।

रचना
जी आर कवियूर
24 03 2024

Wednesday, March 20, 2024

मेरे आँसू हैं।

मेरे आँसू हैं।



सुखी हूँ मैं, अपनी आँसूओं के साथ,
वे मेरे दर्द को समझते हैं, ज्यादा तुमसे।

तुम्हें समझाने की चेष्टा की मैंने,
पर वे चुप रहे, मेरे आँसू ही मेरे साथ।

मेरी खुशियों की कहानी तो तुम न समझ पाए,
वे खुशी के साथ ही रोए, मेरे साथ ही मुस्काए।

आज भी मैं खोया हूँ, अपने आँसूओं में,
वे मेरी मंज़िल हैं, मेरी सहेली, मेरे साथ।

उन आँसूओं के साथ ही मैं जीता हूँ,
वे मेरे साथ ही हैं, मेरे रिश्तों की बुनियाद, मेरे संग।

क्योंकि वो मेरी भाषा हैं, मेरी अद्भुत कविता,
जो तुम न समझ पाए, जो तुमसे कह न सका, मेरे आँसू हैं।

रचना
जी आर कवियूर
19 03 2024

Tuesday, March 19, 2024

तेरे मेरे संग

तेरे मेरे संग


तेरे मेरे संग,  
बीते हुए तरंग,  
सपनों की राहों में,  
खोए हम दोनों तन्हा।  

दिल की गहराइयों में,  
बसी है वो दरिया।  
तेरी यादों की लहरें,  
छू गईं।

साथ चलते रहें, 
ज़िंदगी के सफ़र में,
रातों की चाँदनी में, 
बिखरे हुए तारे।

मिलकर हमें खुदा से मोहब्बत है,
ज़िंदगी के हर पल को नवाज़ा है।
दिल की हर धड़कन, तेरे नाम की है,
बस तू ही मेरी ज़िन्दगी की राह है।

रचना
जी आर कवियूर
19 03 2024

Sunday, March 10, 2024

मेरी खुशियाँ

मेरी खुशियाँ

आंखों से तूने कैची
मेरी पतंग की डोर
पेच लड़ने से पहले ही 
कट गई मेरी तो

तू खुद भी बाज़ अब बन गई
उड़ना मेरा इतना आसान
समझ में नहीं आया कब
हो गई तू मेरे तन मन का आन

तेरी ख्वाहिशों में खोकर
मैंने भूला अपना सफर
अब तू बन गई है मेरी तक़दीर
मेरी पतंग का हुआ बेहाल हाल

पर फिर भी चलता है ये खेल
क्योंकि तू है मेरी मधुर सख़ा
तेरी हँसी में छुपी है मेरी खुशियाँ
और मेरी पतंग अब है तेरी राहों का मार्ग।

रचना
जी आर कवियूर
11 03 2024


Saturday, March 9, 2024

याद जो करता हूं आज भी

याद जो करता हूं आज भी

तेरी मीठी मीठी बातों को
याद जो करता हूं आज भी
रात या दिन भूल गया हूं
मुद्दों ख्वाबों में तेरी याद

ख्वाबों में भी तेरी यादें
मेरे दिल को छू जाती हैं
जब भी साथ तेरा था मुझे
जीवन में बसा के लाती हैं

धड़कनों में भी तेरी धुन
बिना बोले ही कह जाती हैं
दर्द भरी ये रातें भी
तेरे बिना बिताई जाती हैं

खुशियों के साथ तेरे थे
बिना तेरे अब आँसू आते हैं
सोचता हूं तेरे बिना मैं
जीने का मतलब ही खो जाता हैं

रचना
जी आर कवियूर
10 03 2024

Thursday, March 7, 2024

हर वक्त में तेरे यार में पागल

हर वक्त में तेरे यार में पागल 


तेरे प्यार के सागर में हर वक्त खोया हूं,
भूख और प्यास का अहसास नहीं किया है मैंने कभी,
लहे-लहे बीत गए एक दूसरे के साथ,
पर इंतजार की खड़िया अभी भी खाली है।

हर सांस में तेरा ही नाम लिया है,
तेरे बिना मेरा दिल है उदास लिया है।
तेरी आँखों के जादू में खो गया हूं,
तेरे प्यार के आग में जल गया हूं।

तेरी यादों की तस्वीर में हम उलझे हुए हैं,
तेरे ख़यालों में ही मेरी सारी कहानियाँ हैं।
हर दिल की धड़कन में तेरा ही साथ है,
तेरी बाहों में मेरी जिंदगी की राहत है।

रचना 
जी आर कवियूर
07 03 2024

Monday, March 4, 2024

कहूं कैसे वह कहानी

कहूं कैसे वह कहानी

किसको पूछे कैसे पूछे
किस्सा तेरा मेरा प्यार का
कहूं  तो कहूं कैसे वह कहानी
ख्वाबों की दुनिया में, बिछा दूं तेरी रानी.

अधूरा है जो बख्त से मैं ज़िन्दगानी, 
खुदा से मांग लूं तेरे लिए रब्बानी,
सपने में भी न जो तू, हो तो क्या कहानी,
बातें करते हैं दिल, मगर हैं ज़ुबानी, 

चाहत है तेरी जैसी, 
मगर है अलग निशानी,
 हर दर्द को चुपा लूं, क्योंकि है ये कहानी,
 चाँदनी से भी खूबसूरत, हो तू हर अदानी,

रोशनी में गुम, लिए हुए हैं अपने परवानी, 
चुपचाप रह जाऊं तेरे इस जहां में अदानी, 
चले जाएंगे हम, छोड़ देंगे बस ये कहानी, 
दिल में बसा लूं तुझको, बना दूं तेरी कहानी, 

रचना 
जी आर कवियूर
05 03 2024

Sunday, March 3, 2024

और कितना गम छुपाऊं

और कितना गम छुपाऊं 


दिल के अफ़साने को कैसे समझाऊं
रूह का क़ैल ग़म कैसे सुनाऊं
दिल की बातें बयाँ करूं कैसे
इस ख़ामोशी को कैसे बयाँ करूं

ख्वाबों की दुनिया में खो जाऊं
यादों की ज़मीन पे खुद को पाऊं
अपने दिल की धड़कनें सुनाऊं
तन्हाई की आँधी में खुद को ढालूं

ज़िन्दगी के राज़ कैसे समझाऊं
दर्द की कहानी कैसे सुनाऊं
अपनी हसरतों को कैसे पूरा करूं
खुदा से दुआ में मुझे माँगूं

रचना 
जी आर कवियूर
 04 03 2024