तेरे मेरे संग
तेरे मेरे संग,
बीते हुए तरंग,
सपनों की राहों में,
खोए हम दोनों तन्हा।
दिल की गहराइयों में,
बसी है वो दरिया।
तेरी यादों की लहरें,
छू गईं।
साथ चलते रहें,
ज़िंदगी के सफ़र में,
रातों की चाँदनी में,
बिखरे हुए तारे।
मिलकर हमें खुदा से मोहब्बत है,
ज़िंदगी के हर पल को नवाज़ा है।
दिल की हर धड़कन, तेरे नाम की है,
बस तू ही मेरी ज़िन्दगी की राह है।
रचना
जी आर कवियूर
19 03 2024
No comments:
Post a Comment