समय की दूरी
सफरोकि जिंदगी में
काम्याबी के डगरपे
किस कदर रखु मे तेरे
किस्सो को बेनक्काब ॥
दूप और छाव केलिए
आशियानो पे हर कदम
ढूंढ़ता चला तेरी नेनोतले
हरवक्त दिलगी मचलती गई ॥
तडपता रहगया इस दुनियाकी
तकलीफ भरे दिनोमे खोजता तुम्हे
तारीफ करूकिसको तुजे बनाया
तेरीमेरी बिचकि दूरी करगया समय ॥
जी आर कवियुर
30/04/2020
सफरोकि जिंदगी में
काम्याबी के डगरपे
किस कदर रखु मे तेरे
किस्सो को बेनक्काब ॥
दूप और छाव केलिए
आशियानो पे हर कदम
ढूंढ़ता चला तेरी नेनोतले
हरवक्त दिलगी मचलती गई ॥
तडपता रहगया इस दुनियाकी
तकलीफ भरे दिनोमे खोजता तुम्हे
तारीफ करूकिसको तुजे बनाया
तेरीमेरी बिचकि दूरी करगया समय ॥
जी आर कवियुर
30/04/2020