Saturday, June 13, 2020

जवानों को प्रणाम

जवानों को प्रणाम. (Translation from malayalam)

भारत के माटी को सीने से लगाए
 फौजी है मेरी अभिमान
 पिघलते हुए सर्दी में और 
जलते हुए धूप में लड़ते हुए धीर 

भारत के माटी का रखवाली करते हैं 
अपने देश की नक्शे को बरकरार रखें
 दुश्मनों की गोलियों से अमर रहकर वे
 अपनी देश की तिरंगा ओढ़ कर

 देश लौट कर सब को दुखी करके
 चले जाते हैं आंसू बहा के 
याद करो इन सैनिकों को मेरे भाई 
अर्पण करते हैं इनको 

समर्पण भरी प्रार्थना से 
ले और कश्मीर की चोटियों 
लडाख सियाचिन बर्फीली चोटियों को
 देखरेख करते रहते हैं वे 

वे भारत के लिए मर मिटते हैं 
मां की चरणों को छूकर
 उसे प्रणाम से अधिक देखते हैं 
पिताजी पुकारते हुए औलाद को
 सीने से लगाकर घर छोड़ते हैं 
यह वीर जवानों को मेरा प्रणाम

मेरी गम (गजल)


मेरी गम (गजल)

और गम लेकर जुदाई के
 सौगात करूं कैसे 
मन अपनी रास्ते पर खोजें 
तेरी नैनो की रंग भरी दिवाली

 तरसे होठों का 
चाहत इतना भी है 
फिसल गई हाथ से 
जाम और जानम भी 

टूटे हुए दिल की लंबे
 ढूंढते रह गए 
तेरी आशियाना ओ को 
मगर मिला नहीं अंजुमन तेरी

 जीआर कवियाूर
14.06.2020

Friday, June 5, 2020

भीकरे तेरी राहोप्पे ....


भीकरे तेरी  राहोप्पे

रात  गयी तो बात  कोई न समजे
मुलाकात कितनी बी हो गये 
शाम और रात   गुजरगाये   
दिलकी लगी आग कोईना भुजाये 

तेरी अश्को से बरी गीला हुवा  चादर  
वे  रहे  फिर भी  खामोश  इसकदर 
आये गये ऋतुवसे तेरी आनेकी इंतजार   
हरेक  सासोमे ,  हरेक आहट  मे तेरी      

आनेकी  उम्मीदोपपे  जीराहुमे  
तेरे  बारेमे  कहगई  कोयल  
हवावोमेभी  तेरी  अनमोल  महक  
पुलभी  खिलके  भीकरे तेरी  राहोप्पे 

 जी आर कवियुर 
05 06 2020