जंग जिंदगी का (गजल)
जी.आर.कवियूर
नजर से नजर मिली...
मिली आसमान सागर से.
मिला सागर शोर से....
सांस सांस से मिली
मिली तेरे मेरे संसार से.
हाय यह घायल दिल को..
समझाऊं कैसे.
हाय घायल दिल को
समझाऊं कैसे..
संभलते.संभलते.
रह गई डगर पर
मीठी-मीठी सपने..
साकार होगा कैसे.
तुम ना मिली तो.
होगा कैसे यह प्यार.
आओ सनम.
मिलजुल जाए.
और नहीं हो सकती..
ऐलाने.जंग जिंदगी का
जी.आर.कवियूर
30 09 2022