Tuesday, April 23, 2024

ग़ज़ल कहानी से

ग़ज़ल कहानी से


अपने गमों को
सीने में भारी
लबों पे उतरे
इश्क भरी शायरी से

दिल में छुपे राज़ को
बयां किया तन्हाई में
रात की गहराई में
धुंधली रोशनी से

ज़िन्दगी के क़़िस्से
सपनों के सवालों से
मिलते हैं जवाबों से
खुशियों की राहों से

उम्मीदों की राहों से
हर एक ग़ज़ल कहानी से

रचना 
जी आर कवियूर
24 04 2024

Friday, April 19, 2024

फिर जीने की तमन्ना है ( गजल )

फिर जीने  की तमन्ना है ( गजल )


फिर एक बार
जीने  की तमन्ना है
 देखे हुए तस्वीर को
आमने-सामने मिलना है

रातों की गहराई में खोया हुआ,
तुम्हारी यादों को फिर से पाना है।
चाँदनी की किरनें छू रही हैं रात को,
तेरी बातों को फिर सुनना है।

दिल के आगे तेरी मोहब्बत का इजहार करना है,
तेरे साथ हर पल बिताना है।
तेरी आँखों की गहराइयों में खोना है,
तेरी मुस्कान को प्यार से छूना है।

मेरे दिल में तेरी जगह बनानी है,
तेरे साथ जीवन की सफर साझा करना है।

रचना 
जी आर कवियूर
19 04 2024

Thursday, April 18, 2024

भूल नहीं सकता

याद करता हूं
तेरे बारे में
भूल नहीं सकता
बीते हुए दोनों की यादें

अब तक तेरी खुशबू
घूमती है घर के कोनों में
तेरे ख्वाबों में खोया
हर पल हो या रात का सोना

जब भी आँखें बंद करता हूँ
तेरी यादों का किताब खोलता हूँ
बीते हुए लम्हों की धूप
मेरे दिल को चीर कर गुजरती है छांव


रचना 
जी आर कवियूर
18 04 2024

Thursday, April 11, 2024

मगर सज़ा है।

मगर सज़ा है।

तेरे बगैर कोई जन्नत है क्या
जीत और हर तेरे प्यार के नाम
जलता है जिया  जलने दो
जालिम यह इश्क पागल कर दिया

दिल को आबाद कर दिया 
बेखुदी में हमने खुद को खो दिया 
तेरी चाहत में हमने जान गंवाई 
हर दर्द को हमने अपनी भूल दिया 

तेरे इश्क की राह में चलते चलते 
सब कुछ खोकर हमने सिर्फ तुझे पा लिया 
ये मोहब्बत का आलम है कुछ अज़ाब है 
तेरे बिना जीना तोहफा, मगर सज़ा है।

रचना
जी आर कवियूर
12 04 2024

Tuesday, April 9, 2024

तेरे मेरे बीच में

तेरे मेरे बीच में


तेरे बगैर जिंदगी की राह में
क्यों इतना फ़ासला रहता है
सपनों की मन्जिलों की धुंध में,
मेरा दिल क्यों खोया रहता है।

तेरी यादों की छांव में,
मेरा जहाँ बिखरा रहता है।
हर रोज़ तेरी यादों का ख्वाब, 
मेरी रातों में बसा रहता है।

अक्सर दिल के रिश्ते की, 
धड़कनों में तेरा नाम रहता है।
तेरी बिना ज़िंदगी की हर राह, 
मेरे लिए बेहाल रहता है।

क्यों दर्द भरी ये बातें,
मेरे दिल में बसा रहता है।
तेरे बिना हर पल बेमानी, 
मेरे दिल को सताता रहता है।

तेरी यादों की बारिश में,
मेरा दिल तरसता रहता है।
तेरे ख्वाबों की गहराई में, 
मेरा दिल डूबा रहता है।

अब कैसे कह दूँ तुझसे, 
मेरा जीना बिना तेरा कैसे रहता है।
तेरी बिना दिल मेरा बेकरार, 
तेरा इंतजार रहता है।

तेरे साथ ही मेरी
खुशियों का गुजरिश्तान, 
तेरी यादें हर जगह साथ रहती हैं।
फिर भी क्यों इतना फ़ासला

रचना
जी आर कवियूर
09 04 2024


Monday, April 8, 2024

तेरी मोहब्बत में,

तेरी मोहब्बत में,


वह यकीन नहीं थी मगर
तेरी आने की उम्मीद लेकर

उसने रातों को सिर्फ ख्वाब देखे,
तेरे ख्वाबों में उसने अपनी राह ढूंढी।

धुआं में उसने तेरी खुशबू पाई,
खुशियों के संग उसने अपनी तकदीर लिखी।

राहों में मिली तेरी यादों की रोशनी,
उसने अपनी मंजिल की ओर कदम बढ़ाया।

कभी थक कर भी, ना हारते हुए,
उसने तेरी तस्वीरों को अपने दिल में सजाया।
वह यकीन करता रहा, और तेरी मोहब्बत में,
अंत में, वह तेरे दीदार की धुन सुनाई।

रचना
जी आर कवियूर
09 04 2024

Thursday, March 28, 2024

तलाश में

तलाश में

किसी की नजर से
ना गिरा दो मुझे

इस तरह बातों से
तेरी यादों पर जीता हूं

दिल की धड़कनों में छुपी
तेरी बातों को पाता हूं

हर ख्वाब में तेरी तलाश
मैं रात भर निकलता हूं

बातें हैं अधूरी मेरी
तेरे बिना जीना सीखता हूं

ख्वाबों की गहराइयों में
तेरा चेहरा छुपाता हूं

दिल के रिश्ते तेरे नाम
हर पल तुझसे जुड़ता हूं

आँखों में छुपी है बातें
तेरे ख्वाबों में बसाता हूं

इस इश्क़ की राहों में
तेरी तलाश में भटकता हूं

रचना
जी आर कवियूर
29 03 2024


Sunday, March 24, 2024

अंधेरी राह भी

अंधेरी राह भी  

यह इश्क तुझे 
भुला ना पाया मैं
तेरी याद के रोशनी से
अंधेरी राह भी  आसान सा
 हो जाता है सनम

तेरी बातों की गहराई में
खो जाता हूँ मैं हर दम
दिल की धड़कनों में बसता
तेरा ख्वाब सा गुलिस्तान

मुझमें तेरी खुशबू बिखरी
हर पल, हर इक ख्वाब में
तेरी यादों का जादू सा
मेरे दिल में बसा रहा

इस इश्क के सिलसिले में
तेरी यादों की गहराई में
मैं हूँ अब तक उलझा हुआ
इस अल्फ़ाज़ के गुंजा सा।

रचना
जी आर कवियूर
25 03 2024

गुन गुनाया कितना

गुन गुनाया कितना
घुंघरू की तरह
फिर भी गूंजता नहीं
तेरे दिल पर मेरे लिए कुछ भी

तेरी यादों की धुन में
खोया हूँ मैं रात दिन
पर तेरी बातों के सिलसिले में
ढूंढूँ मैं अपना मकान

तेरे ख्वाबों की छाँव में
बसा हूँ मैं हर दिन
मगर तेरे सपनों की मस्ती में
बिखरता हूँ मैं, तनहाई

कहीं गुम है वो मंजिलें
जहाँ मिले तेरा साथ
पर आज भी दिल में उम्मीदें
बस तेरी ही बात।

रचना
जी आर कवियूर
24 03 2024

Wednesday, March 20, 2024

मेरे आँसू हैं।

मेरे आँसू हैं।



सुखी हूँ मैं, अपनी आँसूओं के साथ,
वे मेरे दर्द को समझते हैं, ज्यादा तुमसे।

तुम्हें समझाने की चेष्टा की मैंने,
पर वे चुप रहे, मेरे आँसू ही मेरे साथ।

मेरी खुशियों की कहानी तो तुम न समझ पाए,
वे खुशी के साथ ही रोए, मेरे साथ ही मुस्काए।

आज भी मैं खोया हूँ, अपने आँसूओं में,
वे मेरी मंज़िल हैं, मेरी सहेली, मेरे साथ।

उन आँसूओं के साथ ही मैं जीता हूँ,
वे मेरे साथ ही हैं, मेरे रिश्तों की बुनियाद, मेरे संग।

क्योंकि वो मेरी भाषा हैं, मेरी अद्भुत कविता,
जो तुम न समझ पाए, जो तुमसे कह न सका, मेरे आँसू हैं।

रचना
जी आर कवियूर
19 03 2024

Tuesday, March 19, 2024

तेरे मेरे संग

तेरे मेरे संग


तेरे मेरे संग,  
बीते हुए तरंग,  
सपनों की राहों में,  
खोए हम दोनों तन्हा।  

दिल की गहराइयों में,  
बसी है वो दरिया।  
तेरी यादों की लहरें,  
छू गईं।

साथ चलते रहें, 
ज़िंदगी के सफ़र में,
रातों की चाँदनी में, 
बिखरे हुए तारे।

मिलकर हमें खुदा से मोहब्बत है,
ज़िंदगी के हर पल को नवाज़ा है।
दिल की हर धड़कन, तेरे नाम की है,
बस तू ही मेरी ज़िन्दगी की राह है।

रचना
जी आर कवियूर
19 03 2024

Sunday, March 10, 2024

मेरी खुशियाँ

मेरी खुशियाँ

आंखों से तूने कैची
मेरी पतंग की डोर
पेच लड़ने से पहले ही 
कट गई मेरी तो

तू खुद भी बाज़ अब बन गई
उड़ना मेरा इतना आसान
समझ में नहीं आया कब
हो गई तू मेरे तन मन का आन

तेरी ख्वाहिशों में खोकर
मैंने भूला अपना सफर
अब तू बन गई है मेरी तक़दीर
मेरी पतंग का हुआ बेहाल हाल

पर फिर भी चलता है ये खेल
क्योंकि तू है मेरी मधुर सख़ा
तेरी हँसी में छुपी है मेरी खुशियाँ
और मेरी पतंग अब है तेरी राहों का मार्ग।

रचना
जी आर कवियूर
11 03 2024


Saturday, March 9, 2024

याद जो करता हूं आज भी

याद जो करता हूं आज भी

तेरी मीठी मीठी बातों को
याद जो करता हूं आज भी
रात या दिन भूल गया हूं
मुद्दों ख्वाबों में तेरी याद

ख्वाबों में भी तेरी यादें
मेरे दिल को छू जाती हैं
जब भी साथ तेरा था मुझे
जीवन में बसा के लाती हैं

धड़कनों में भी तेरी धुन
बिना बोले ही कह जाती हैं
दर्द भरी ये रातें भी
तेरे बिना बिताई जाती हैं

खुशियों के साथ तेरे थे
बिना तेरे अब आँसू आते हैं
सोचता हूं तेरे बिना मैं
जीने का मतलब ही खो जाता हैं

रचना
जी आर कवियूर
10 03 2024

Thursday, March 7, 2024

हर वक्त में तेरे यार में पागल

हर वक्त में तेरे यार में पागल 


तेरे प्यार के सागर में हर वक्त खोया हूं,
भूख और प्यास का अहसास नहीं किया है मैंने कभी,
लहे-लहे बीत गए एक दूसरे के साथ,
पर इंतजार की खड़िया अभी भी खाली है।

हर सांस में तेरा ही नाम लिया है,
तेरे बिना मेरा दिल है उदास लिया है।
तेरी आँखों के जादू में खो गया हूं,
तेरे प्यार के आग में जल गया हूं।

तेरी यादों की तस्वीर में हम उलझे हुए हैं,
तेरे ख़यालों में ही मेरी सारी कहानियाँ हैं।
हर दिल की धड़कन में तेरा ही साथ है,
तेरी बाहों में मेरी जिंदगी की राहत है।

रचना 
जी आर कवियूर
07 03 2024

Monday, March 4, 2024

कहूं कैसे वह कहानी

कहूं कैसे वह कहानी

किसको पूछे कैसे पूछे
किस्सा तेरा मेरा प्यार का
कहूं  तो कहूं कैसे वह कहानी
ख्वाबों की दुनिया में, बिछा दूं तेरी रानी.

अधूरा है जो बख्त से मैं ज़िन्दगानी, 
खुदा से मांग लूं तेरे लिए रब्बानी,
सपने में भी न जो तू, हो तो क्या कहानी,
बातें करते हैं दिल, मगर हैं ज़ुबानी, 

चाहत है तेरी जैसी, 
मगर है अलग निशानी,
 हर दर्द को चुपा लूं, क्योंकि है ये कहानी,
 चाँदनी से भी खूबसूरत, हो तू हर अदानी,

रोशनी में गुम, लिए हुए हैं अपने परवानी, 
चुपचाप रह जाऊं तेरे इस जहां में अदानी, 
चले जाएंगे हम, छोड़ देंगे बस ये कहानी, 
दिल में बसा लूं तुझको, बना दूं तेरी कहानी, 

रचना 
जी आर कवियूर
05 03 2024

Sunday, March 3, 2024

और कितना गम छुपाऊं

और कितना गम छुपाऊं 


दिल के अफ़साने को कैसे समझाऊं
रूह का क़ैल ग़म कैसे सुनाऊं
दिल की बातें बयाँ करूं कैसे
इस ख़ामोशी को कैसे बयाँ करूं

ख्वाबों की दुनिया में खो जाऊं
यादों की ज़मीन पे खुद को पाऊं
अपने दिल की धड़कनें सुनाऊं
तन्हाई की आँधी में खुद को ढालूं

ज़िन्दगी के राज़ कैसे समझाऊं
दर्द की कहानी कैसे सुनाऊं
अपनी हसरतों को कैसे पूरा करूं
खुदा से दुआ में मुझे माँगूं

रचना 
जी आर कवियूर
 04 03 2024

Wednesday, February 28, 2024

कर्जदार हूं मैं

कर्जदार हूं मैं

कांपता है दिल बेकारारी से
तेरी रहमत का इंतजार है
सितारों की चमक से भी गहरा
तेरा प्यार है, ऐ खुदा

हर रात की तन्हाई में
तेरी यादों का आलम है
मेरे दिल का हर राज़ तेरे सामने
एक सच्ची मंज़िल का इंतजार है

तेरी बेनूरी से है अंधेरा
मेरे दिल का हर कोना
मेरे दिल की हर धड़कन
तेरे नाम का है बस गीत

इस खोज में हूं मैं बेताब
तेरी मोहब्बत की राह में
तेरे इश्क़ में खोया हूं मैं
बस तेरी रहमत पे कर्जदार हूं मैं

रचना 
जी आर कवियूर
 29 01 2024

Tuesday, February 27, 2024

ना लगे इस रोग


ना लगे इस रोग

इश्क का चादर ओढ़
दुनिया से मुंह मोड़
एक दिन मोड पर मिली 
हसीना दिल ले गई

सदियों से चली आई
सर्दि यां धूप छा गया
बेकसूरी की कसौटी पर
छीन गई चैन और निंदिया

ढूंढे उसे चांद तारों पर
केवल पाया सपनों में उसे
यह कोई रोग है क्या
दुनिया में सबको एक बार

लग जाती है यह रोग
भूख नहीं प्यास नहीं
आनाकानी केवल उसके
कहानियों में फड़के मन 

रचना 
जी आर कवियूर
 28 01 2024

Monday, February 19, 2024

दिल थाम के सुनो

दिल थाम के सुनो


बहुत आसान था
तुझे केहने को की
मुझे नहीं चाहते हैं
मगर दिल थाम के सुनो

दर्द की गहराइयों में छुपी
ज़िन्दगी की तन्हाईयों को
खुदा से मांगता हूँ तुझे
साथ निभाने की ज़िम्मेदारी

रात के सितारों से लिखूँ
तेरे ख्वाबों की कहानी
धड़कनों में बसा लूँ तुझे
इस दिल की गहराइयों मे

प्यार की राहों में चलते
तेरी यादों के साथ जीते
दिल की हर धड़कन में सुनूँ
तेरे अभिमान की कहानी

रचना 
जी आर कवियूर
20 02 2024

Friday, February 16, 2024

बस एक अरमान।

बस एक अरमान।


धड़कनों की गहराइयों से सुन,
उसकी आवाज में छुपी बेखुदी को।
धीरे-धीरे उसकी बातों में गुम,
चिपके हैं वो लम्हे तेरे सपनों को।

उसने कहा था वो ज़िन्दगी के रास्तों से,
तेरी यादों की खुशबू उसके दिल में बसी है।
जैसे मोती खोजते हैं समुंदर की लहरों में,
वैसे ही वो तुझमें अपनी मंजिल को पाए हैं।

अब उसके आँसुओं में छुपा है तेरा गम,
तेरे इश्क के दरवाजे पर उसने किया अभिमान।
सोचता है वो क्या कहे, कैसे बयाँ करे,
उसकी कहानी में तेरा होना तो बस एक अरमान।

रचना 
जी आर कवियूर
17 02 2024

तुम नहीं तो

तुम नहीं तो

तुम नहीं तो गम भरी 
दिन ही है आज मेरी
जाने क्यों सताती है यादें तेरी

तेरे बिना ज़िंदगी सुनी
क्योंकि तू नहीं है मेरी
बहारें भी लगतीं सूनी
कहीं खो गई है चाँदनी

दिल की हर धड़कन में तू
ख्वाबों में भी बसी है तू
हर रोज़ तेरी यादों में
जी लूँ मैं फिर भी मरी

तेरी रूह का साया मेरे
हर अंधेरे में रोशनी
तेरे बिना अधूरी है ज़िंदगी
तू मेरी खुशियों की कुंजी

रचना 
जी आर कवियूर
15 02 2024

आईना भी सच कहती है

आईना भी सच कहती है

दिल की बातें, चुप रहती हैं  
ख्वाबों में तेरी यादें छाई हैं  
हर सांस में तेरी महक बसी है  
जैसे फूलों में हो खुशबू बिखरी है  

तेरी यादों के साथ रंग भरा है जीवन  
मेरी आँखों में तेरी छवि भरी है  
हर पल तेरी यादों में उलझा हूँ मैं  

तू हर दुआ में मेरी बसी है  
अब तो मेरी धड़कनें भी कहती हैं  
एक दफा तुम मुझे याद करोगी  
आईना भी सच कहती है।

रचना 
जी आर कवियूर
17 02 2024

Sunday, February 11, 2024

फरियाद लेकर आया था (गजल)

फरियाद लेकर आया था (गजल)


दिल बेकरार है, रोज़ तड़पाता है  
उसकी यादों में, रातें बिताता है  

बेवजह ही बिछड़ा, तू मुझसे यारा  
अब तक तेरा इंतजार करता हूँ यारा  

हर दिन जलता है, दिल मेरा दीवाना  
तेरे प्यार की, है ये मेरी कहाना  

तेरी यादों में, दिल रोज बहलता है  
तेरी बातों में, दिल कभी ना ठहरता है  

तेरी बेरुखी से, दिल को चोट खाता है  
तेरी बे-रूखी से, दिल कभी भी साथ नहीं छोड़ता है  

तू मेरे दिल की, धड़कनों में बसा है  
तेरे बिना, ये दिल बेहाला हर वक्त रहता है  

तेरे इश्क की, राहों में खोया हूँ मैं  
तू मेरे लिए, जादू बना है मैं  

आँखों में छाई, है तेरी सूरत ख्वाबों में  
तेरी यादों में, दिल हर वक्त बेहलता है  

तेरे इश्क की, मेरी कहानी अधूरी है  
तू ना आया, जिंदगी बेहाल हर वक्त रहती है  

कितनी चाहत है, तेरे साथ बिताने की  
तेरे बिना, जिंदगी एक सज़ा हर वक्त लगती है


रचना 
जी आर कवियूर
12 02 2024




Saturday, February 10, 2024

काश तू मेरी होती ( गजल )

काश तू मेरी होती ( गजल )


तेरी यादों में नैना भर आई
मगर आंसू दिल पर उतर आई
कश्ती तेरी यादों के साथ
मंजिल को अपने पास ले आई

दर्द भरी ये तक़दीर भी
तेरे प्यार से सहनी होती
काश तू मेरी होती
यह कश्ती जिंदगी की
किनारा देखा होता
यह लम्हे कितना अच्छा होता


सितारों की रौशनी में
तेरी यादों का सफर होता
रात की गहराईयों में
तेरा साथ सिर्फ़ मेरा होता

हर सुबह तेरी मुस्कान से
दिल को रोशनी मिलती होती
काश तू मेरी होती
यह कश्ती जिंदगी की
किनारा देखा होता
यह लम्हे कितना अच्छा होता


रचना 
जी आर कवियूर
09 02 2024

Wednesday, February 7, 2024

कब होगी मुलाकातें

कब होगी मुलाकातें

निगाहें निगाहों से ,निशाने दाग दिए
नाकाम नहीं रह गई ,न जाने कब होगी मुलाकातें

राहतें मिलीं जो कभी, वो भी हैं गुजरीं
दिल को रोशनी दी, पर अभी भी हैं अंधेरीं

ख्वाबों की दुनिया में, चुपचाप सवरे
खोयी हुई बातों में, ढूंढता है दिन रातें

मुस्कुराहटों के पीछे, छुपी हैं आँसुओं की कहानियाँ
कभी हँसते हुए दिखे, पर दिल है उदास और बेगाना

ख़ुशी का सफर है, कठिन और संवर गया
पर दुःख की छाया में, फिर भी दिल है आज़माए

यादें तेरी साथ हैं, जैसे हवा के साथ बादल
दिल की धड़कनों में, तेरी धुंधली यादें बसाए

इस ग़ज़ल में समाहित हैं, अनगिनत ख्वाब और अधूरी चाहतें
जैसे जीना और मरना, एक ही पल में चिपके हों इन्तेज़ारों की राहतें।

रचना 
जी आर कवियूर
08 02 2024

Tuesday, February 6, 2024

दिल हर वक्त याद करता है

दिल हर वक्त याद करता है


अँधेरे की गहराइयों में, चमकते तारे जैसे,
उन लम्हों की रोशनी, हर वक्त चमकते रहें।
सपनों की गलियों में, हँसते हुए चलते,
वो पल बीते हुए, दिल को अब भी बहुत याद आते।

कभी हंसते हुए, कभी रोते हुए चलते,
वो पल बीते हुए, जीवन को सजाते।
बीते वक्त की छाया, हर पल साथ रहे,
दिल के धड़कनों में, उनकी यादें बसे।

जब भी खुशी की बूँदें, आँखों में चमक आए,
वो पल बीते हुए, फिर से जिए जाए।
यादों का सफर, हर रोज़ नया रंग बिखरे,
बीते हुए दोनों की, आवाज़ फिर से गूँजे।

रचना 
जी आर कवियूर
07 02 2024

Sunday, February 4, 2024

मत मारो मुझे तेरी आशिक तो हूं

मत मारो मुझे तेरी आशिक तो हूं


ज़िन्दगी के सफर में, भावनाएँ महकती हैं,
सपनों का सागर, दिल में कुछ खुम्बूं है।

इश्क का जादू, दिल को छू रहा हूं,
पत्थर नहीं, मत मारो, ख्वाबों में बसा हूं।

जीवन के नृत्य में, भावनाएं खिल रही हैं,
सपनों का सागर, दिल में कुछ खुम्बूं है।

आँधीयों में उड़ान, भविष्य की ऊँचाइयों पर,
सिर्फ इश्क में, ना हो जाऊं गिरता हूं।

रात की चाँदनी, मेरे दिल का साथी,
आसमानी रंगों में, छुपा हुआ राज़ी हूं।

दर्द-ओ-ग़म को बहुत समझता हूं,
मुस्कान के पीछे, चुपी खुशीयाँ पहचानता हूं।

आँसुओं की मिठास, प्यार की राहों में,
जीवन की कहानी, हर क़दम पे बढ़ता हूं।

रचना 
जी आर कवियूर
05 02 2024

Saturday, February 3, 2024

है सारा जहाँ हमारा

है सारा जहाँ हमारा

चलो चलें साथ, बनाएं ये कहानी
दिल की धड़कनों में हो सुनी हर ज़ुबानी

पलकों के पीछे छुपी बातें कहा करो
रातें राज़ी हैं, इन तारों से गूंथी जाएं

बरसात की बूंदों में छुपा है सपना
चाँदनी रातों में, हमारा मिलना

मोहब्बत का इजहार करते हैं नजरें
इस दिल की कहानी, हमें ज़बानी से कहें

इन राहों में भटके ये कदम, हम साथ हैं
दिल के राज़ बताएं, ये बातें हमारी

सितारों के साथ रातें बिताएं
आँखों की मस्ती, इस मोसम में छाई है

सागर के किनारे बैठकर, सुनें हम बातें
इस दरिया के पार, हमारी मुलाकातें

इस गज़ल के साथ, है सपनों का सफर
तुम्हारी मुस्कान में, है सारा जहाँ हमारा


रचना 
जी आर कवियूर
04  02 2024

खामोशी के सिवा

खामोशी के सिवा

खामोशी के सिवा
क्या मिला है सिला
यह सिलसिला कब तक

रातों की बेरुखी,
दिलों की तन्हाई,
इस प्यार का सफर,
लम्हों में है राज़।

धूप में छाई है,
चाँदनी की रातें,
बैठे हैं हम यहाँ,
पलकों की पर्वाह ना।

मोहब्बत की राहों में,
उम्मीदों का सफर है।
बातों की गहराईयों में,
दिलों का हमसफ़र है।

चाहत की बारिशों में,
रिश्तों का मौसम बदले।
आँधीयों से खेलने में,
दिल का सफर चले।

रचना 
जी आर कवियूर
03 02 2024

Thursday, February 1, 2024

एक नया सवेरा

एक नया सवेरा  

चमकीली रातों में, सितारे बोल रहे हैं  
समझाएं ना दिल को, कैसे ये दिन धल रहा है  
बैठे हैं ख्वाबों में, मिली है राहों की राह में,
दिल की गहराईयों में, बसी है एक प्यारी सी बात

रुका नहीं ज़िन्दगी, चलती रहे इस कदम की आवाज  
मोहब्बत की मिठास, छू गई है सभी राज  
समय का सागर, बहता है निरंतर  
चलो बदलें राहें, साथ में हैं हम सबकी बहुत बातें

सपनों की ऊँचाईयों में, है एक नया सवेरा  
आशा की किरण, चमकती रहे तुम्हारा दिल

रचना 
जी आर कवियूर
02  02 2024

इश्क की कहानी

इश्क की कहानी

तेरी नज़रों ने मुझे घायल कर दिया
और जमाने ने भी साथ दे दिया

रातें हैं सुनसान, मेरी आहें बसीं हैं
दिल की धड़कनें, तेरे बिना ठहरीं हैं

चाँदनी रातों में, तेरी यादों की बातें
सितारों से कहूं, मेरी रातें रौंगतें हैं

बूंदें गिरीं बरसात की, मेरे दिल की बेहदों
इश्क में खोया, दिल मेरा बेहोश है तेरे बहुत

दिल की गहराईयों में, तू ही साहिल है
ख्वाबों की बुनियाद, तेरे इरादे से हैं

खुशियों की राहों में, तेरा साथ है साथ
जिन्दगी की राहों में, तू है मेरा राह

हर दर्द की राहों में, तू है मेरी मंजिल
इश्क की कहानी, हमारी ज़ुबान पर है

रचना 
जी आर कवियूर
02 02 2024

Tuesday, January 30, 2024

तू मेरी एक हिस्सा है

तू मेरी एक हिस्सा है

हर एक बार तुझे मिलने की
कोशिशें में हार गया हूं
मगर तुम मेरी शायरी
कागज कलम पे उतर आती हो

रातों की तन्हाई में तेरी बातें
ख्वाबों में सवार हो जाती हैं
दिल की धड़कनों में बसी है
तेरी मुस्कानों की छाया

बर्फीली सर्दी की रातों में
तेरी यादों में गर्मी है
मोहब्बत की राहों में
हर कदम पे तेरी रौशनी है

आँखों में छुपी बातें हैं
तेरी मुस्कानों की कहानी है
तेरे बिना जीना मुश्किल है
तू हर पल मेरे दिल में बसी है

सवेरे की धूप में बुढ़ापे की
एक नई शुरुआत है
तेरी बातों का मेरे दिल पर
राज़ है, सच है, ख्वाब है

तू मेरी रूह का हर एक हिस्सा
तू है मेरी ज़िंदगी की ताजगी है

रचना 
जी आर कवियूर
30 01 2024

Sunday, January 28, 2024

जीवनभर का वादा है।

जीवनभर का वादा है।


बातें छुपी, राज़ बनी कहानी,
अनकही चाहत, छुपा मिजाज़ है।
कहो, खुला आसमान कहानियों का,
बोलो इश्क की बातें, राज़ साफ है।

खामोशी में, सुनाई दे साज़,
प्यार का संगीत, सुना जा रहा है।
बुनो तारीक़े, छोड़ो बुने अरमानों को,
बताओ कितना, खुला दिल कह रहा है।

आँखों में झाँको, रूह के दरवाज़े,
छुपे राज़, बयां करने को बेताब।
शब्दों की पुलियों को, ज़रा सा होने दो,
प्यार की गहराई, जीवनभर का वादा है।

रचना 
जी आर कवियूर
28 01 2024

Friday, January 26, 2024

लहरें तेरी जुल्फे

लहरें तेरी जुल्फे

पलकों पे बिछा है रातों का साया  
बातें तेरी, बहुत ही प्यारी सांगता  
चाँदनी रातों में, हैं तेरी मुस्कानें  
जादू तेरा, मेरी ज़िन्दगी का आसमाना  

राहों में बिखरी हैं सितारों की मला  
बाहों में बसी है जैसे खुशबू की ख़ुशबू  
प्यार की बातें, हैं सितारों से भी ऊपर  
तेरी बाहों में, मिलता है सुनहरा सफर  

इस ज़मीन पर तू है, पर कहीं दूर सितारे  
हैरत है मेरी, तेरी खूबसूरती पर बहुतारे  
इन लहरों में, बसी है तेरी मोहब्बत  
जुल्फों की बातें, हैं ये कविता की सबसे ख़ास बातें।

रचना 
जी आर कवियूर
27 01 2024

 

बस इंतजार में

बस इंतजार में

वक्त बहुत कम है
बेसब्री से तेरा इंतजार में
कायम है तेरी याद में
बेचैनी से रहा हूं तन्हाई भरी
इस महफिल में

मेरे दिल का हाल है कहना
बस एक मुलाकात में
सपने बिखरे हैं रात में

रातें हैं लम्बी, दर्द है गहरा
खो गई बातें, बनी है राज़
चाहता हूं तुझे, बस यही है आज

हवा में बसी है महक तेरी
दिल की धड़कनों में बसा है प्यार
तुझसे मिलने की है बस इंतजार

रचना 
जी आर कवियूर
26 01 2024

Wednesday, January 24, 2024

खास कहानी

खास कहानी


तेरी बातों ने मुझे
ख्वाबों में उतार लिया
तेरी यादों ने मुझे
शायर बना दिया

चाँदनी रातों में
तेरी मुस्कान की चमक
दिल को छू जाती है

बातें, सपनों में
संग बिताए हर पल
मेरे दिल का सबसे प्यारा सफर

तेरी बहों में
सुकून सा बसा है
जैसे हर दर्द को छूने का एक इलाज

तेरे साथ बिताए हर पल
जीवन को रंगीन बना देते हैं
तू मेरी जिंदगी की सबसे खास कहानी

रचना 
जी आर कवियूर
24 01 2024

Tuesday, January 23, 2024

है ये मेरा इकरार

है ये मेरा इकरार


मेरे आने की खबर सुनकर
नजरे राहों पर बिछा लिए

जुल्फे सजा लिए तुमने
बात बाकी क्या मैं बताऊं

चाँदनी रातें हैं मेरी कहानी
सितारों से बुनी तुमने ये प्रेरणा

दिल की धड़कनों में बसी एक राज
तुम्हारी मुस्कान से है सारा जहां भरा

पलकों की चमक, दिल का मंच
तुम्हारे बिना है जहाँ सारा बेरंग

राहों में बसी गुज़री तुम्हारी
ख्वाबों में हूँ बसा, खुदा से साझा

हर पल साथ चलो, राहों का सफर
तुम्हारी मुसाफिर हूँ, तुम मेरा यार

दिल की दहलीज़ पे है तुम्हारा इरादा
तुम्हारी मोहब्बत, है ये मेरा इकरार

रचना 
जी आर कवियूर
24 01 2024

Monday, January 22, 2024

जिंदगी की राह में

जिंदगी की राह में

जिंदगी की राह में
रंग बदलते गए
आखिर सपना 
सपना सा रह गया

संग चलता रहा, 
राहों में हंसता रहा  
मुश्किलों की चुनौतियों से 
मुकाबला करता रहा  

छोड़ ना पाया सपनों को, 
उन्हें पकड़ता रहा  
जीवन की कहानी,
 कुछ नए पन्नों में लिखता रहा  

आसमान में चमकते सितारे, 
रातों को सजाते रहा  
दिल की धड़कन, 
ख्वाबों में गूंथता रहा  

हर चुनौती में अब 
एक नया सीख चुराता रहा  
बीते क्षणों की मिठास, 
दिल में समाता रहा  

खुशियों का साथ,
 दुखों का सामना करता रहा  
इस जिंदगी की मिसाल,
 हर कदम पर छोड़ता रहा  

सपनों का सफर, 
बिना रुकावट के बढ़ता रहा  
और आखिर में, 
एक सच्चा आत्मविश्वास 
बनाए रखता रहा।

रचना 
जी आर कवियूर
23 01 2024

Sunday, January 21, 2024

राम राम जपो

राम राम जपो

राम राम जपो
मरा मरा तक
राम राम जपो
मार बहुत खाया
जिंदगी में 
अभी तक नहीं हटी
जपे राम राम  

जीवन की यात्रा में, 
हमें बाधाओं का 
सामना करना पड़ता है,
 फिर भी, राम का नाम,
 एक आरामदायक अनुग्रह है।

 मारा मारा तक, 
चुनौतियाँ बनी रह सकती हैं,
 लेकिन विश्वास मजबूत 
होने पर उनका अस्तित्व 
समाप्त हो जाता है।

 राम की गूंज के माध्यम से, 
सांत्वना पाएं,
 प्रत्येक परीक्षण में, 
भक्ति को निखारने दो।
 प्रत्येक कठिनाई से भरपूर सबक,
 राम का मंत्र, मार्गदर्शक, पवित्र ग्रंथ।

 हर मंत्र के साथ, एक कदम आगे,
 जीवन की समस्वरता में, प्रेम व्यापक है।
 जिंदगी में अभी तक ना हुई हाता,
 राम जपो, मिलेंगे सारा सुख भरा।

 आपके दिन दिव्य प्रकाश से भरे रहें,
 जैसे राम का नाम दिन-रात मार्गदर्शन करता है।

रचना 
जी आर कवियूर
22 01 2024

Friday, January 19, 2024

हसीं सफर

हसीं सफर

लबों पे तेरा नाम
बोले दिल की धड़कन
खामोशियाँ भी तेरे इश्क की
ज़ुबान पे मेरे मित्वा

रातें भर सोने ना देने वाला
दिल को छू जाए वो एक सपना
सितारों की रोशनी में
खो जाएं हम दोनों बस हम

मोहब्बत की राहों में
बिछा दे ये दोनों कदम
बातें तेरी हैं मिठास से भरी
दिल को छूने वाली हर हंसी

तेरी मुस्कान में बसी राहत है
इश्क की राहों में बसा ख्वाब
साथ हो तो हर मोड़ पर राही
तू मेरी ज़िन्दगी का हसीं सफर

रचना 
जी आर कवियूर
20 01 2024

Thursday, January 18, 2024

बात कितनी पुरानी हो

बात कितनी पुरानी हो

बात कितनी पुरानी हो
यादें हमेशा रहती हैं, 
कुछ क्षणों की बातें 
हमेशा दिल में बसी रहती हैं।

अजनबी राहों में, 
वो मुलाकातें भी हैं,
बीते लम्हों का जादू, 
दिल में छाया है।

बारिश की बूंदों में,
 सपने बिखरे हैं,
मिले थे हम, 
वो पल अब भी याद आते हैं।

दिल की धड़कनों में,
 एक कहानी है,
लब पे हंसी, 
मगर दर्द की बातें हैं।

ख्वाबों का जहाँ, 
दिल में बसा हुआ है,
जब से मिले हैं,
 हर दिन सा नया है।

रात की स्याही में, 
चाँदनी छुपी है,
तेरी मुस्कान, 
जीवन को सजा हुआ है।

रचना 
जी आर कवियूर
 18 01 2024

Wednesday, January 17, 2024

हमेशा तेरे साथ रहे

हमेशा तेरे साथ रहे


तेरे एक बार मुस्कुराने से
बागबान आ गई
फूल खिले खुशबू महके
आसमान में तारे चमकने लगे

चाँदनी रातें बनीं मिठी-मिठी
हवा में एक लहरा रही
दिल की धड़कनें गाने गाएं
प्यार की बातें कहने लगे

सपनों की दुनिया में खो जाएं
मिले नए रंग, नए सवेरे चमकाएं
बातें हो खास, यादें हों साथ
मोहब्बत की राहों में बढ़ जाएं

हंसी की लहरें सारे दरिया छू जाएं
दिल की धड़कनें, सुन ले जहाँ
फिर से मुस्कुरा, इस पल को जी ले
खुशियाँ हमेशा तेरे साथ रहे


रचना 
जी आर कवियूर
 18 01 2024

Tuesday, January 16, 2024

ज़िन्दगी का सहारा

ज़िन्दगी का सहारा


मेरे नियत आप जानिए 
ऐतबार रखो जरा
हम कितना चाहते हैं
दिल से महसूस करो

तेरे बिना रहा ना जाए
इश्क़ में हूँ बेहका
ये रातें लम्बी हैं
तेरी बातों में उलझा

ख्वाबों में तुझे मिलूँ
दिल को है ये ख्याल
बे-हिसाब है तेरा प्यार
ये दिल है दीवाना

चाहत की राहों में
बिछाए हैं सपने
तेरे इन आँखों में
मेरे दिल की बातें

पलकों पे बिछाए हैं
दर्द-ओ-ग़म के सितारे
तेरे होने से है रौशनी
बनी रहे ये कहानी

ज़िन्दगी का हर मोड़
तेरी मुस्कान सा हो
बेहद है तेरा इंतजार
इस दिल की धड़कन सा हो

सफर ये तेरे साथ
बना रहे हमेशा
तू मेरी मोहब्बत
है मेरी ज़िन्दगी का सहारा

रचना 
जी आर कवियूर
 17 01 2024

तेरा एहसास

तेरा एहसास

महफिल में सजी है
बातों  की  रंगत में
गजलों में तेरी महक
सारंगी में बाजी तन्हाई

चाँदनी रातों में,
 तेरी यादों का सिलसिला है
 दिल की दास्तान में, 
तेरा ही जिक्र है बसा हुआ

 रात भर तेरे इश्क में, 
खोये हैं हम दीवाने
 चाँद से गुज़रता है,
 तेरी बातें हवाओं में

 तेरे इश्क में जलते हैं, 
दिल के अरमान प्यारे
 रंगीन है जिंदगी, 
तेरी मुस्कुराहट में

 छुपी है तेरी आँखों में,
 एक खास बात कहानी
 ख्वाबों में आके, 
तू मेरे दिल में बस जा
 दिल की दुनिया बसा के,
 तू ही मेरी मंजिल है

 मौसम बदल गए हैं, 
तेरी यादों का असर है
 हवाओं में घुल गया, 
तेरा इश्क का नशा है
 मेरी हर धड़कन में, 
तेरा एहसास है।

रचना 
जी आर कवियूर
 16  01 2024

मोहब्बत की कहानी ।

मोहब्बत की कहानी ।


अब जब  तुम्हें याद करें
फूलों में मंडराए तितलियां
खुशबू महके चारों ओर
दिल नहीं काबू मैं रहे

सपनों की राहों में बिखरी
सितारों की मिठी बातें
चाँदनी रातें बुलाएं
मोहब्बत की गुफाएं

रिश्तों की बातें सुनें
हर दर्द को छू जाएं
दिल की धड़कनों का ताल
इस प्यारी दुनिया का ख्वाब

बैरागी राहों पर चलें
ये पल यूं ही रुके ना
सच्ची मोहब्बत का इजहार
जीवन की राहों में साथी।

सूरज की किरणों में लिपटे
आसमान में खो जाएं
बहारों की मिठास से भरे
हर पल को यूँ बिताएं

दरिया की लहरों में नौका ले
मन की कश्ती रौंगतें बदले
मुस्कानों की छाओं में बैठे
ख्वाबों की ऊँचाइयों तक

गीतों की सुर ताल सुनाएं
ख्वाबों के रंग में रंगे
दिल की धड़कनों की बातें
मोहब्बत की कहानी बनाएं।

रचना 
जी आर कवियूर
 16  01 2024



Monday, January 15, 2024

वापस लौटा दो मुझे

वापस लौटा दो मुझे

लाज रखते हो 
इतना हमसे क्यों
चोरी जो की है
तुमने मेरे दिल को
वापस लौटा दो मुझे
दर्द होती है समझो जरा

दिल में छुपा हुआ
इश्क़ का दर्द सुनो
कहाँ गई वो मुस्कान
जो थी हमारे होने पर
रातें लम्बी हो जातीं
बिना तुम्हारे साथ
बीततीं हैं रुक-रुक कर
क्यों छोड़ा मुझे तुमने
अब मेरी राहों में
बस तुम्हारी तलाश है
हर कहानी की तरह।

आंसुओं को पिघला दो
इन ख्वाबों को हकीकत में
मेरे दिल की गहराईयों में
तुम्हारा इजहार हो जाए
कभी था तेरे लिए एक सपना
पर अब हूँ मैं तन्हा
क्यों छोड़ा इतनी जल्दी
जाने क्यों बिगड़ गई है
तेरे बिना यह दिल
सुनसान सा हो जाए
इस इश्क की बेहद मोहब्बत
तुम्हें मेरी जरा सी है।

रचना 
जी आर कवियूर
 15  01 2024

Sunday, January 14, 2024

तेरे नाम जाब्ते जाब्ते

तेरे नाम जाब्ते जाब्ते


आँखों में छाई रातें, 
दिल में बैठी बातें
ख्वाबों की सागर में, 
खोया हुआ सफर

चाँदनी रातों में, 
छुपी है बातें पुरानी
गीतों की मेहफ़िल में, 
दिल की तराना है

रिश्तों की कहानियों में, 
बसी है ज़िन्दगी की मिठास
सितारों की चमक में,
छुपा है राज़ यही
सपनों की उड़ान में,
 है छुपी मेरी कहानी

दिल की धड़कनों में,
बसी है एक सौगात
सुबह की किरनों में, 
छुपा है एक नया सवेरा

बारिश की बूँदों में, 
है छुपा एक पल
फूलों की खुशबू में, 
है छुपा एक राज़
मुस्कान की मिठास में, 
है छुपी खुशियाँ बेहद खास।

तेरे नाम जाब्ते जाब्ते
होश और आवाज खो बैठे
जीवन की सुरताल भी
बेसुर हो गए


रचना 
जी आर कवियूर
 13  01 2024

Friday, January 12, 2024

आपका प्यार दिशाएं दिखती है।

आपका प्यार दिशाएं दिखती है।

तेरी दुआओं पे
हर कदम रहता हूं 
दिल के आईने में
तेरे ही तस्वीर लिए रहता हूं

रात चाँदनी की मुस्कान में,
सपनों में खोया हुआ, 
आपका प्यार उड़ान भरता है।
हमारे दिल की गीत गूँजता है।
 
 हर सूर्योदय के साथ, एक वादा नया,
 प्यार की गर्माहट में लिपटा हुआ कितना सच्चा।
 जीवन की यात्रा में, हाथों में हाथ डाले,
 हम साथ चलेंगे प्यार की नरम रेत पर।

 समय की कालीन में लिखी हुई
हमारी कहानी सामने आती है,
भावनाओं की एक तस्वीर, 
हमेशा कायम रहती है।
 तूफ़ानी समुद्र और साफ़ आसमान के बीच,
 आपका प्यार , हमें हमेशा दिशाएं दिखती है।

रचना 
जी आर कवियूर
 10 01 2024

Monday, January 8, 2024

सच्चे आपसी प्यार।

सच्चे आपसी प्यार।

खोजने निकला था तुझे
गली चौबारे नुक्कड़
मजारों पर तक भी खोजा
खोजते खोजते जन्म निकल गई

सूरज की किरणों में ढूंढा
चाँदनी रातों के साएं में
हर कोने में बसी तेरी मुस्कान
खोजता रहा, दिल थमा सा रहा

रिश्तों की माया में भटका
प्यार के राज़ में खोजा
आंसुओं की बूंदों में छुपा
खोजते खोजते, सपनों का सफर

बारिशों की बूंदों में मिला
प्रेम की धुप में रंगा
संगीत की ताल में बहकर
खोजते खोजते, सच्चे आपसी प्यार।

रचना 
जी आर कवियूर
 08 01 2024

Sunday, January 7, 2024

आंखें भर आई।

आंखें भर आई।

जब कोई तेरे याद आए
आंखें भर आई
दिल को छू जाए, दर्द बहुत जाए
सपने में वो तेरा मुस्कान साथ लाए

रातें लम्बी, तू हो यादों में
चाँदनी से रौंगतें, हैरान हैं
बूंदें गिराएं, दिल की धड़कन में
पलकों पे हंसी, ख्वाबों में भटके

दिल में बसी, एक दुनिया ख्वाबों की
इश्क में है सच, सच में है राज़ी
तू है मेरी रौशनी, चाँदनी की बहार
जब कोई तेरे याद आए, आंखें भर आई।

रचना 
जी आर कवियूर
 07 01 2024

तेरे सवालों के जवाबों में

तेरे सवालों के जवाबों में

उम्र भर तेरे याद पर
जीता रहा इस हाल में
तेरी खामोशियां मुझे
बेनकाब कर दिया है

दिल की बातें रुकी हैं
बस मेरी आँखों में
इश्क़ की राहों में
खो रहा हूँ साँसों में

बूंदों की तरह गिरा
तेरे दीदार का सामान
मेरी रातों में
जलता है तेरा इंतजार मैं

राहों में बिखरी है
तेरी मुस्कान की बूंदें
सपनों में हूँ भटका
तेरी यादों के ख्वाबों में

रूह का हर किस्सा
तेरे इश्क़ में बयाँ है
बसा हूँ मैं इस दीवारों में
तेरे सवालों के जवाबों में

रचना 
जी आर कवियूर
 07 01 2024

Tuesday, January 2, 2024

दिल का गीत गाता हूँ

दिल का गीत गाता हूँ


लफ्ज़ भीगी खामोशियों में 
आईना सच  दोहरा रही
दिल मगर मानता नहीं
बेजुबानियों का कीमत नदिया

इश्क की राहों में 
कहानियाँ बसा रही
रातें बिताई सपनों की छाँवों में
बयां करता हूँ अब आँसू बहुत हूँ

धूप में छुपा सितारों का सफर रहा
मोहब्बत की राहों में उम्मीदों की बूंदें
तेरे बिना हर लम्हा बेरहमी से कहता हूँ
ख्वाबों की गलीयों में राह खोजता हूँ

हर ख्वाब में तेरी मुस्कान बसा रहा
सितारों की रातों में
दिल का गीत गाता हूँ
प्यार की कहानी लबों पर सजा रहा


रचना 
जी आर कवियूर
 03 01 2024

Monday, January 1, 2024

दिल को रुला दिया

दिल को रुला दिया

आपकी नजरों ने 
मुझे गुमराह कर दिया
हाल किसे बताऊं
बेखबर कर दिया

ख्वाबों का जहाँ है
दिल बेहला बैठा
रातें सुनाती हैं
कहानी वो बीता दी

चाँदनी की रातों में
बूंदें गिरा दी
इश्क की बहारों में
दिल को बहला दिया

दर्द की राहों में
खो गया हूँ मैं
आँसूओं की बूंदें
रातों में बहा दी

बेहद तन्हा हूँ
तेरी बातों में
चाँदनी की रातों में
दिल को रुला दिया

रचना 
जी आर कवियूर
 02 01  2024