तेरी यादों में ( गजल )
तेरी यादों को मैं आज
छुट्टी देने को सोचा
मगर भुला नहीं पाया
गहराई चोट दे तू चली गई
चित्रा हुआ लफ़्ज़ों को
बीनकर गजलो की माला
पर उतर नगमा के चमक
और धमक में खो गया
मगर आंसुओं ने
अक्षरों को मिटा दिए
देखते ही देखते खेड़ा
बचे हुए रंग तितली बन उड़े
रचना
जी आर कवियूर
28 07 2023