Wednesday, December 27, 2023

ये कहानी

 ये कहानी


दिल की धड़कनों में बसी है एक कहानी,

पलकों की झपकियों में छुपी है राज़ी।

रातें लम्बी, ख्वाबों में खोई,

तेरी बातों में बसी है सवारी।


चाँदनी की रातों में, बहते हैं ये गीत,

तेरे इश्क की छाया में बसी है ये बातें।

ज़िंदगी की कहानी, एक गज़ल की भाषा,

छूने लगी है दिल की तरंगों को ये बातें।


सितारों की बातें, रात की माज़गाएं,

तेरे बिना कहीं न रूके, ये रुके नहीं।

मोहब्बत की राहों में, बिखरा है सफर,

तेरी मुस्कानों में बसी है ये कहानी


रचना 

जी आर कवियूर

 27 12  2023

Thursday, December 21, 2023

सफर सुहाना।

सफर सुहाना।

वह कहानी मुझ में
अधूरी रह गई  
तेरी आने की झलक
पाने के लिए बेचैन हो गया

दिल में छुपी बातें, 
कहीं बिछा हो राज,
आँसुओं की मिठास, 
ख्वाबों में है साज।

रातें हैं लम्बी, 
सितारों से सजीव,
तेरी यादों में, 
हर रात है दीवा.

चाँदनी रातों में, 
बदन में है बहकानी,
जैसे हों सभी लम्हे,
 एक प्यार की कहानी।

दिल की गहराईयों में, 
बसा है वो सपना,
तेरी मुस्कान से, 
है जीवन का सफर सुहाना।

रचना 
जी आर कवियूर
 22 12  2023

Tuesday, December 12, 2023

एक अनकही कहानी.

एक अनकही कहानी.

   बारिश होने के बाद
   शोरबा में भिगोया हुआ
   दिल के दर्द का प्रतिबिंब,
   आत्मा का दर्पण.

   अनंत चमकते रास्ते,
   आंतरिक दुनिया के माध्यम से यात्रा,
   जिंदगी की कश्ती तूफान में है
   अंधेरे में डूबती बेबसी

   निराशा में फंसे हुए हैं
    यादों के साये में
   प्रेम गीत लिखें
    एक अनकही कहानी.

   जी आर कवियूर
   11 12 2023

Tuesday, December 5, 2023

मेरी ख्वाहिश, तुझे पाना। ( गज़ल )

मेरी ख्वाहिश, तुझे पाना। ( गज़ल )

रातों के सन्नाटा में 
तेरी होठों में खिली 
आवाज मुझे खींच लाती है
महफिल की  तराना में

सितारों से रौशन है रात,
तेरी मुस्कान की मिठास का साथ।
चाँदनी की रातों में, जैसे सपनों का सफर,
तेरी बातों में बसा है प्यार।

जब से मिला हूँ तुझसे, 
हर लम्हा है महका,
तेरे साथ बिताए लम्हों में, 
है सच्चा प्यार का इज़हार।

तेरी बातों का जादू है, 
मेरे दिल को छू गया,
इस गज़ल में है 
मेरी ख्वाहिश, तुझे पाना।

रचना , 
जी आर कवियूर

Monday, November 27, 2023

यही तो है तेरी कहानी।

यही तो है तेरी कहानी।

तेरी यादों ने मुझे
दुनिया से अलग कर दी
जीते जागते दुश्मन के कार
बना दिया दुनिया ने

दिल की धड़कनों में बसी तेरी बातें
सपनों में तेरी मुस्कान बनी रहती है
रातें हैं सुनसान, पर तेरी यादों में
चाँदनी भी खो जाए, फिर भी रौंगतें रहती हैं

हर पल तेरी यादों में खो जाता हूँ
जैसे ही आती हैं, दिल को बहुत सुकून मिलता है
मोहब्बत का सफर है ये, रास्ते बहुत हैं
पर मंज़िल की तलाश में, हर कदम में बढ़ता हूँ

बारिश की बूँदों में छुपी तेरी मुस्कान
सावन की रातों में, लगता है साथ है तू
तेरी बातों में बसी है एक कहानी
जो सदियों तक याद रहेगी, यही तो है तेरी कहानी।


रचना 
जी आर कवियूर
 27 11  2023

Sunday, November 26, 2023

हर पल है एक नया सूर।

हर पल है एक नया सूर।

भूले भटके  कहनेकी
बातें है बहुत तुझसे
मगर सफलता की राहों में
हैं कई रास्ते हैं अनेक

जीवन की लड़ाई में
छुपे हैं अनगिनत राज़
रातों में चमकते हैं
तारे तेरी मुस्कान में
सपनों की उड़ान में
हैं अपने ही मील के पथ

दिल की धड़कन में
बसा है एक ख्वाब अद्भुत
साहस से भरा है
रास्तों का ये सफर लम्बा

समय के साथ बदलते
ये रंग जीवन के राह पर 
मुश्किलों ही  हैं 
मगर हौंसला है अब हाथों में

चलते रहो तुम मुस्कराते
हर दर्द को करो भूल
यह गीत है जीवन का
हर पल है एक नया सूर।

रचना 
जी आर कवियूर
 26 11  2023

Saturday, November 25, 2023

तू मेरे दिल की धड़कन।

 तू मेरे दिल की धड़कन।


क्या कहूं कैसे कहू
याद मुझे तड़पति है
बिना तेरे, दिल मेरा है बेहद उदास,
आँखों में छुपा, एक ख्वाब अधूरा,
तेरी बातों में, बसी है सबसे प्यारा।

चाँदनी रातों में, राहों में तेरी बू,
दिल की हर धड़कन, कहती है तेरा ही गीत,
ये ज़िंदगी है मेरी, तू है सवारी,
तेरी बातों में, बसी है हर यादगारी।

सोचता हूँ रात-दिन, कैसे कहूँ,
तू मेरी जिंदगी का सबसे हसीं पर्वा,
तेरे बिना, ये दुनिया है सुनसान,
एक बार फिर, तू मेरे दिल की धड़कन।

रचना 
जी आर कवियूर
 26 11  2023

बस तुझसे है सवेरा।

बस तुझसे है सवेरा।

कभी किसी से कहा ना पाया
तेरी यादों की बातें हरदम

इन दिलों में छुपी राज़ों की बातों में
बीते पलों का आज भी अहसास है।

रातें लम्बी, तन्हाई संग हैं
तेरे बिना जीना कैसा, ये पूछता है दिल।

कहानी अधूरी, मोहब्बत अधूरी
दिल की गहराइयों में बसा है वो राज़।

आँखों में छुपा दर्द, दिल की बातें बयां करती हैं
तेरी मुस्कान की मिठास में, ये लम्हे रुका है दिल।

सपनों की राहों में, तेरा ही सफर है
बीता कल, बस तुझसे है सवेरा।

रचना 
जी आर कवियूर
 26 11  2023

हम ना खो जाया है

तेरी राहों में
आंखें बिचाकर
इस रूठे हुए दिल को
हमने मनाया है

सितारों से रोशन
रातें गुजारी हैं
तेरे बिना जीना
कैसा ये बताया है

बर्फबारी की राहों में
तेरी यादों को छोड़ा है
दिल की धड़कनों में
तेरा इंतजार किया है

कहीं भी जाऊँ
तेरा ही दीदार करूँ
चाहत का आसमान
तेरे बिना सुनसान है

राहों में मिली
तेरी मुस्कान से
इस इश्क की राहों में
हम  ना  खो जाया है

रचना 
जी आर कवियूर
 25 11  2023

Wednesday, November 22, 2023

तेरे बिना

तेरे बिना 

यह रिश्ते नाते
तेरे बिना 
कैसे जिए 
तेरे बिना 

ज़िन्दगी के सफर में
मिलते हैं ये सबसे
कहीं से ये रिश्ते
या हैं ये सबसे

मुझे चाहे ना भी
मेरा दिल ये दे बैठा
तुझे चाहूँ कैसे
ये तू समझा

हर पल यहाँ जीवूं
जीवूं मैं कैसे
तेरे बिना
तेरे बिना

मेरी रातों का तू साहिल
हर ख्वाब में तेरी मुस्कान
दिल धड़के तेरी बातों में
तू है मेरी जिंदगी का एक हिस्सा

खोई राहों में मिलता नहीं
तेरी बिना ये जहाँ लगता नहीं
बीते पलों की यादें
तेरी आँखों में हैं बसी

हर दर्द ओ ग़म को छोड़ कर
तेरे साथ हैं मेरे रास्ते
तू मेरी धड़कन, तू मेरा साथी
तेरे बिना, ये जीवन लगता नहीं

यह रिश्ते नाते
तेरे बिना 
कैसे जिए 
तेरे बिना 

रचना 
जी आर कवियूर
 22 11  2023

Saturday, November 18, 2023

यह मेरा दिल है

यह मेरा दिल है

यह मेरा दिल है
कांच की दीवार नहीं

पर सजीव राहों से
बाँधा यह सिलसिला है

रात की राहों में
चाँदनी की चादर है

बेचैनी में धड़कता
एक छोटा सा ख्वाब है

आँसुओं से सींचा
हर पल यह बहुत नहीं

सपनों की उड़ान
हवा से मिलती नहीं

इस दिल की गहराइयों में
तेरी यादों का मेला है

मोहब्बत की चादर में
यह दिल रंगीन सितारा है

इस प्यार भरे कांपे में
तेरा हर जज्बात बसा है

ख्वाबों की राहों पर
तेरी मुस्कान मेरा सहारा है

जीवन के सफर में
तेरी मीठी बातें साथ हैं

चाहत की दुनिया में
तेरी मोहब्बत ही राजा है

ये दिल धड़कता है
तेरे इश्क में बसा है

सपनों की मल्लिका है
तेरी मुस्कान का सफर है

हर पल तेरे बिना
अधूरा है जीवन मेरा

तू मेरी जिंदगी का
सबसे हसीन ख्वाब है

यह मेरा दिल है
कांच की दीवार नहीं

रचना 
जी आर कवियूर
 18 11  2023

Thursday, November 16, 2023

तू नहीं समझा मेरे प्यार का गम

तू नहीं समझा मेरे प्यार का गम

चाँदनी रातें, तेरी यादों में खो जाती हैं,
दिल की धड़कनें, तेरे नाम से गूंथी जाती हैं।

बैरिश की बूंदें, मेरे दिल की बातें कहती हैं,
तू दूर है, मगर तेरी यादें सदैव साथी हैं।

ख्वाबों में मिलता हूँ, तुझसे बातें करता हूँ,
प्यार का इज़हार, तेरे लिए दिल से करता हूँ।

दिल की बातें कहना मुश्किल है,
प्यार की कहानी, एक अधूरा ख्वाब है।

रातें लम्बी, सितारे चमकते हैं,
तेरी यादों में, दिल है बेहकता है।

बर्फीली हवा, सुनहरी सुबहों में,
तेरी मुस्कान का, मेरा दिल है दीवाना है।

रिश्तों की दास्ताँ, पलकों पर बैठी हैं,
तू नहीं समझा, मेरे प्यार का गम है।

रचना 
 जी आर कवियूर
 17 11  2023

Wednesday, November 8, 2023

अधूरी प्रेम कविता

अधूरी प्रेम कविता

तेरे बिना रात अधूरी
चांद भी लगे फीकी

सितारों की रोशनी भी सुनी
बिना तेरे जीवन लगता वीराना

मेरी धड़कनों में तेरा नाम बसा
तेरे प्यार का साथ हो, हर ग़म हल हो

ख्वाबों में भी मुस्कान छुपी रहे
तेरी आगे ज़िंदगी हरदम रोशनी से भरी रहे

तेरे बिना जीवन सुना, अधूरा सा लगे
तेरी यादों में सजीव, हर पल सजीव सा लगे

ख्वाबों में भी तेरी मुस्कान खिली रहे
हर दर्द-ओ-ग़म में भी, तेरा साथ मिली रहे

तेरी आगे हर रात सुरमई हो जाए
तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लगे

जिंदगी की राहों में, तेरा साथ बना रहे 

रचना 
 जी आर कवियूर
 09 11  2023

Saturday, November 4, 2023

खामोशी

खामोशी

तेरे जवाब खामोशी थी
मन नहीं माना बेचैनी थी
तेरे जवाब खामोशी थी
हर बात पर दिल तड़पते थे
आंखें तरसे तेरे एक झलक पाने के लिए

दिल की गहराईयों से सवाल करती थी
तेरी ख्वाहिशों को समझाने की ख्वाहिश थी
पर तेरे जवाब में वो सुखमयी सन्नाटा था
जो हमेशा साथ चलने की बेशुमार आशिकी में छुपा था।

रातें बीतीं सितारों के संग संग
मगर तेरे ख्वाबों में भी वो बात नहीं थी
क्योंकि तेरे जवाब में छुपी थी वह सारी खुशबू
जो अब भी मेरी ख्वाहिशों में बिखरी हुई थी।

रचना 
 जी आर कवियूर
 05 11  2023

Tuesday, October 31, 2023

तुम क्यों मुस्कुराना भूल गए हो

तुम क्यों मुस्कुराना 
भूल गए हो
रातें हैं चुप, ख्वाब हैं सहमे,
दिल में छुपी बातें उठाना भूल गए हो।

चाँदनी से ढकी रातें हैं सहारे,
खोई बातों को फिर से पुनः प्यारे।
मुस्कुराहट की बुनाई सीखो,
दिल की गहराईयों में खो जाओ।

सपनों की दुनिया में खो जाओ,
खुद से मुलाकातें करो फिर से बिना किसी विरासत के।
प्यार की राहों में खो जाओ,
मुस्कुराहट को फिर से अपनाओ बिना किसी खोज के।

जिंदगी की हर खुशी को अंगिनत करो,
खोई हंसी को फिर से पा लो बिना किसी संकोच के।
मुस्कुराना भूल गए हो,
अब इसे फिर से पाने की तलाश में हो।

रचना 
 जी आर कवियूर
 01 11  2023

Sunday, October 29, 2023

दिन रात सपनों के सौदागर हो तुम

दिन रात सपनों के सौदागर हो तुम

मन की गहराईयों में बसी अजब कहानियाँ हो तुम  
चाँदनी रातों में बिखरी ख्वाबों की रानियाँ हो तुम  

हर बुढ़ापे की बहार और जवानी की मस्ती हो तुम  
जीवन की हर राह में बिखरी हंसी की बस्तियाँ हो तुम  

बारिशों की बूँदों में लिपटी खुशबू की बूंदें हो तुम  
ख्वाबों की उड़ान में बसी आसमान की सीरी हो तुम  

सुबह की पहली किरन में बसी आशा की चाँदनी हो तुम  
रात की गहराईयों में बसी चाँदनी की महफिलें हो तुम  

सपनों की मिठास में छुपी जिंदगी की मिठास हो तुम  
हर ख्वाब की ऊँचाईयों में बसी मन की उम्मीद हो तुम  

सपनों के संग सजीव रंगों की छाया हो तुम  
जीवन की हर कहानी में बसी प्यार की छाया हो तुम।

रचना 
 जी आर कवियूर
 29 10  2023


Friday, October 13, 2023

गुनगुनाहट में बसा

गुनगुनाहट में बसा

मुझसे खुदा तक पहुंची
मेरी कहानी की कहानी
रंग-बिरंगे सपनों में
मैंने छुपाई ज़िन्दगानी

धड़कनों की लहरों में
संगीनी बिताई रातें
ख्वाबों की जहां में
हर रोज़ खोई बातें

गुनगुनाहट में बसा
प्यार का मीठा सफर
चंदनी रातों में खोया
मैंने अपना प्यार।

14 10 2023

Thursday, October 12, 2023

"तुम मेरे सब कुछ हो"।

 "तुम मेरे सब कुछ हो"। 


जज्बातों ने भर दी सागर नैनो मैं
फिर भी भूल न पाया तुझको मेरे यार।
दिल में छुपी बातें, अनकही कहानी,
सपनों की दुनिया, जो ले जाती है दूर।

विश्वास है तुझमें, ओ मेरे प्यारे दोस्त,
जैसे सितारों में बसी चाँदनी की चमक।
दिल से निकली धडकन, जैसे संगीनी की संगीनी,
तेरी यादों में ही मिलती है सुख-शांति।

सपनों की गहराईयों में छुपी बातों का सफर,
मिलता है अजब रंग, जैसे हर ख्वाब सच हो जाए।
तेरी मिठास भरी मुस्कान, जैसे सूरज की किरनें,
मेरे जीवन को सजाती है हमेशा रोशनी से।

तेरे बिना जीवन लगता है सुना,
तुझसे मिलकर ही होता है हर पल ख़ास।
जैसे ख्वाबों की मन्ज़िल हो तुम,
बिना कहे ही सब समझ जाते हो तुम।

इस ख़ास वक्त  में, इस विशेष पल में,
मैं बस कहना चाहता हूँ, "तुम मेरे सब कुछ हो"। 

रचना 
 जी आर कवियूर
 12 10  2023

Wednesday, October 11, 2023

एक पल की कहानी है।

एक पल की कहानी है।


तेरी काजल वाली अखियां
तेज से छुप गया दिल को
तू भी न जाने कैसी लगी है
तूफानों के साथ आग मन में

मन की गहराइयों में छुपी बेबसी
आँखों में छुपी वो बेख़ुदी का जज्बा
सपनों की गलियों में खोई एक ख्वाबी
दिल की धड़कन में बसी है वो प्यासी

सितारों से सजीव रात की लम्बाईयाँ
वो चाँदनी की चादर में लिपटी बेख़ुदी
धीरे-धीरे खो जाना उस आग में
जैसे मिल गई हो दो ज़िन्दगानीँ को
यह सब सिर्फ उस एक पल की कहानी है।

रचना 
 जी आर कवियूर
 12 10 2023

Tuesday, October 3, 2023

सपनों की बारात।

सपनों की बारात।

अजनबी राहे गुमनाम करती है
आज और  कल के बीच 
हैरान हूं यह वीरानों की सफर में

मेरी बातों का कोई अर्थ नहीं, 
सिर्फ विचार हैं संग्रहित,
समय के आँधी में,
 सपनों की धारा बहती है बेहद।

धुंधला सा सच, 
छुपी उम्मीद की किरन,
मेरे अंदर भी, है 
एक खोई हुई कहानी।

सितारों की चमक, 
चाँदनी की कहानी,
आज की रात, है 
एक नई मिशाल जवानी।

गुजरी बातें यादें, 
सब ले जाती हैं साथ,
आज और कल के बीच, 
है सपनों की बारात।

वीरानी की गलीयों में, 
भटक रहा हूं खो,
अपनी तलाश में, 
जीवन की लब पर मुस्कान छुपा हूं मैं।

रचना 
 जी आर कवियूर
 04 10  2023

Monday, October 2, 2023

जिंदगी की दौड़ पे

जिंदगी की दौड़ पे

जिंदगी की दौड़ पे
अकेला पड़ गया
सुख दुख की रास्तों मैं
फूल और कांटे मिले

जीवन की कहानी में
हर दिन नई चुनौती
मनुष्य को आगे बढ़ना है
सपनों की ऊँचाइयों तक

रात के अंधेरे में भी
रोशनी की किरनें जगमगाती हैं
हार-जीत, गर्व-शर्म के खेल में
आत्म-समर्पण से ही मिलती है जीत

हर कदम पर सिखना है
और बढ़ते जाना है
जिंदगी की महक छुपी है
हर रोज़ नई कहानी लिखनी है।

रचना 
 जी आर कवियूर
 03 10  2023

Saturday, September 30, 2023

यह एक सपना बन जाता है

यह एक सपना बन जाता है


 मैं तुमसे कुछ नहीं कह सकता
 कभी नहीं भूलें
 भीतर का मीठा दर्द

 यादें मुझे खुद से अलग बनाती हैं
 हजारों  फूल खिले मन में
 एक चांद सा चेहरा निकला

 अपने पंख फैलाओ और तितली बन जाओ
 उड़कर करीब आने की चाहा था
 यह सिर्फ एक सपना बन कर रह जाता है

 जी आर कवियूर
 28 09 2023

Tuesday, September 26, 2023

इस पिज़्ज़ा में

तेरे रहूंनुमाइश पे जीता हूं
जिंदगी की रास्ते में इसके सिवा
क्या होगा मालूम नहीं
तू मेरे हमराही
कहां छुप गए हो

तेरे बिना दुनिया सुनी है सुनी
तेरे साथ जीने की है ये मनी
दिल की धड़कन तू ही है मेरा गाना
तू मेरे सपनों का है मिलना
इस पिज़्ज़ा में, हम दोनों हैं जवाना

रचना 
जी आर कवियूर 
27 09 2023

Thursday, September 21, 2023

मेरे विलाप

मेरे विलाप 

 शांत ध्यान में, मेरे विचार ऊंचे उठते हैं,
  मन की गहराइयों से, रात के सन्नाटे में।
  शब्द अनकहे, भावनाएँ छुपी,
  मौन के दायरे में,
  सत्य उजागर होते हैं.

  हर खामोश पल, शांति का कैनवास,
  जहां चिंताएं और संदेह अपनी मीठी रिहाई पाते हैं।
  विचारों का समूह समाप्त करते हुए, वे फुसफुसाते हैं,
  मैं मौन की भाषा में अपना रास्ता ढूंढता हूं।

  दुनिया अपनी अराजकता और शोर से शोर मचा सकती है,
  लेकिन मेरी चुप्पी में और कुछ मायने नहीं रखता।
  इस शांत जगह में मुझे सांत्वना और शक्ति मिलती है,
  मौन की गहराई में, मुझे सच्ची कृपा मिलती है।

 जी आर कवियूर
 22 09 2023

Friday, September 15, 2023

तेरी यादों की जख्मों में

तेरी यादों की जख्मों में
मलम लगाने की कोशिश
हार गया हूं बीते हुए दोनों की
हलचल से  बुलाने की कशिश नहीं

तुझसे दूर जाने की सोच कर
दिल में दरारें बढ़ गईं हैं
तेरे बिना जीने की तलाश में
रात-दिन निगाहें बिछाई है

जब भी याद आती है तेरी मुस्कान
दिल बेहलाने के लिए कोशिशें हैं
तुझको भूलने की कभी कोशिश
मन में होती है, पर कामयाब नहीं

बीते दिनों की बातें चिढ़ जाती हैं
तेरी यादों में ही खो जाता हूं
इस दर्द को कैसे दिल से निकालूं
तुझसे जुदा होने की दर करता हूं

क्या कहूं, तू है मेरी जिंदगी का हिस्सा
तेरी यादों में बिताई हर पल की ख़ुशियाँ।

रचना 
जी आर कवियूर 
15 09 2023

तू ही मेरा प्यार हो तू

मेरे मन के आसमान में
उतरी हुई चांद हो तू
अंधेरे की उजाला तू ही हो
जहां भी देखूं तू ही तू हो

मेरे दिल की धड़कन हो तू
जीवन की हर खुशी हो तू
दर्द के पलों में सहारा हो तू
तू ही मेरी ज़िन्दगी का सहारा हो तू

सपनों की धारा हो तू
मेरे ख्वाबों की साकार हो तू
ज़िंदगी के सफर में साथ हो तू
तू ही मेरा प्यार हो तू

रचना 
जी आर कवियूर 
15 09 2023

Thursday, September 14, 2023

तेरे ख्यालों में

तेरे ख्यालों में
भुला न सका तेरे नैन
मुझे तड़पति है और
उड़lती है है मेरे ने चैन

दिल की झरोखे में
लिए घूमता रहा यह देन
समझता हूं मैं अनमोल
वक्त ने दिया यह लेन

तेरे इश्क़ में जबसे
बसा हूं मैं दिल में
तू है मेरी ज़िंदगी की
सबसे हसीं रोशनी

रातों को जब भी आकर
तेरी यादें लेती हूं
दिल के क़रीब तू हो
हर दर्द को मिटाती हूं

बिना तुझे मेरी जिंदगी
सुनी सी लगती है अब
तू है मेरा प्यार और
मेरी खुशियों की दाब

इस प्यार में बसे हैं हम
मिलकर सजती है यह दुनिया
तेरे बिना मेरी जिंदगी
सुनी सी लगती है सुना

रचना 
जी आर कवियूर 
15 09 2023



Wednesday, September 13, 2023

मिलन की बात।

न जाने कैसे
आंखों से आंखें मिले
दिल खिले प्यार पले
राज खुला गले मिले 

बिना बातों के भी
दिलों की बातें हो जाएं
सपनों में खो जाएं
ये राहें मिले राहों में

सब कुछ लगे मगिल
खुशियाँ बेहिसाब
ये प्यार की राहें
चाहत की जिद हैं यहाँ

दिल की गहराइयों में
छुपा ये जजबात
समय रुके यहाँ
हमारी ये मिलन की बात।

Tuesday, September 12, 2023

गजल बन के छा गया

गजल बन के छा गया

बीते हुए लम्हों में
गाता रहा नगमे
तेरी यादों में
तन्हाई के सांसों में

दिल की धड़कनों में
ख्वाबों के सिलसिले में
तेरे ख्यालों में
चाँदनी रातों मैं

छुपा रहा अपनी बातों में
मोहब्बत की बातों में
यादों के पन्नों में
धूप के किरणों में

तेरे खुशबू के आगमन में
 दिल की आवाज़ों में
गुनगुनाता रहा इन वादियों में
कौन जीता रहा इस तरह

आँखों के सपनों में 
बिना कुछ कहे, बिना कुछ सुने
सितारों के नीचे रातों में
तेरे बिना, तेरे ख्यालों में

डूबता रहा दिल की गहराइयों में
प्यार की दास्तानों में
आशिकी के गीतों में
सपनों के पलों में
मोहब्बत की राहों में
बस तेरी यादों में
गजल बंद कर छा गया

रचना और गायकी
जी आर कवियूर 
13 09 2023

ख्वाब मुझे बहुत सताता है

तारे टूट कर बिखर जाएगा
चांद बादल में छुप जाएगा
तेरे ना आने पर मैं टूट जाऊंगा
इस तरह रूठ कर क्यों जाती हो

जैसे सागर साहिल से दूर जाकर
रोते हुए लौटकर आता है
यह तन्हा और नहीं सह पाऊंगा
तेरे बिना कैसे जी पाऊंगा

तू मेरी जिंदगी की रौशनी है
तुझसे जुदा होने का डर सताता है
तेरी आवाज़ की मिठास मुझको बहुत याद आती है
खो जाने का ख्वाब हर रोज़ सताता है

प्यार की राहों में दर्द होता है
फिर भी तुझसे मोहब्बत होती है
तू मेरी जिंदगी का एक हसीन सफर है
तुझे खोने का ख्वाब मुझे डराता है

इस तन्हाई में तेरी यादें सजती हैं
दिल के दरिया में तेरा नाम बहता है
तुझसे मिलकर ही मेरी जिंदगी का मतलब है
तेरी बिना जीने का ख्वाब मुझे बहुत सताता है

रचना 
जी आर कवियूर 
12 09 2023

Sunday, September 3, 2023

मालूम नहीं

मालूम नहीं

नज्में नगमे लिखें हमने
तेरी यादों के सपने देखें
मालूम नहीं कब तलक
इस तरह चलती रहेगी  
हमारे दास्तां खत्म ना हो

गाते गाते गला बैठ गया
जीते जीते जिंदगी की
आखिरी छोर तक पहुंच गए
हारा नहीं और हर माना नहीं
हमेशा जीत की तरह देखता रहा

विरासतए कितनी भी मिले
तेरे सिवा कुछ भी भाता नहीं
इस तन्हाई कब तक सहेंगे 
तरसता रहा इन वादियों में
भुला ना पाया तेरी हर अदाएं

रास्ते लंबे होते गए
दिन रात एक कर गए
देखते ही देखते बीत गई 
उम्मीदों की दास्तान
और कितना दिन मालूम नहीं

रचना 
जी आर कवियूर 
04 09 2023


Saturday, September 2, 2023

अजनबी

रात से लंबी
डगर है अज्ञात
फड़के इधर-उधर
उजाला नजदीक

तू मेरे लिए दिल की खिड़की 
 खोला कर दीया हुआ दिनों
 स्मृति से मिटता नहीं
 जब भी मैं याद करता हूँ
 तो अंदर एक एहसास होता है

रात का साया, चुपके से छाता है दिल
क्योंकि तू ही है वो उजियाला 
अब मेरे दिल की पहचान
सितारों की चमक, चाँद की मिठास
तू मेरे जीवन की रौशनी, हर दिन की आस

मेरी आँखों के सामने, तू हर दिन चमकती है
तेरे बिना जिंदगी, बेमानी सी लगती है
तू मेरे सपनों की मल्लिका, खुशियों का सागर
तेरे प्यार में ही, मेरा है सब कुछ, 
ये तुझसे यह कहना है इक ख्वाब अजनबी का ।

रचना 
जी आर कवियूर 
02 09 2023

Wednesday, August 23, 2023

लेकर खुशियों की बहार।

लेकर खुशियों की बहार।

चुपके से आए मेरे द्वार
चुरा के ले गए दिल्ल की हार
चमन में चमके थे आंखों के तारे
चुंबन हो के लिए तरस उठा   

बादलों ने छुपाया
चाँद को वीरानी में
रात की आवाज़ में 
बसे थे ख्वाब सारे 

होठों की मुस्कान से
खिल उठे ज़िंदगी के फूल
आयी थी मोहब्बत की हवा, 
मिल गई अब खुशियों की राहें

दिल में छुपी थी एक 
अद्भुत सी कहानी
प्यार की लहरों ने लिया था 
मन को बहलाने
चुपके से आई थी सुबह,
लेकर खुशियों की बहार।


रचना 
जी आर कवियूर 
23 08 2023

Tuesday, August 15, 2023

बार-बार

बार-बार

दिल ढूंढता है बार-बार
प्यार के नगमे हजार बार
रिश्ते नाते लाखों बार
मगर मिलती नहीं एक बार

तेरे जैसे कोई मिलता नहीं बार-बार
बरसता रहे दिल में हर बार
तरसते रहते हैं एतबार
सपनों में आती रहती हो बारंबार

दिल तोड़ कर चली जाती हो बार-बार
कली खिलती है महकते 
 रहते हैं  खुशबू बार-बार
भंवरे आते रहते हैं बार-बार

रचना 
जी आर कवियूर 
16 08 2023



Sunday, August 6, 2023

काश ऐसा जीने का अंदाज़

काश ऐसा जीने का अंदाज़
सपनों में ही होगा 
अगर तेरे सोच में
दिन रात का पता ना होता

नींद गई चैन गई
तन्हाइयों का दिन
आवारा बना कर छोड़ा
किस्मत को कहां ले आया

गली गली पता खोजा
मुखडे पाने के लिए
कलम में शाही खत्म
आंख में आंसू भर आई

रचना 
जी आर कवियूर 
 06 08 2023





Tuesday, August 1, 2023

मैं कितनी खुश किस्मत हूं

मैं कितनी खुश किस्मत हूं
आपकी गजलो की अंदाज़ बन गई हूं
हर मुखड़े पर मेरे बारे में ही
कहां गया है सच बात है

आपके हृदय में कितनी जगह है
मेरे लिए है मैं समझती हूं
आशीर्वाद है आपको कुदरत की देन है
यह शायरी अंदाज और 
मेरे लिए इतना ख्याल है आपको

हाय यह मोहब्बत ही एक चीज है
जो खुदा की ही बात है
जियो हजारों साल आप और
 आपकी इस अनमोल गजलें

लेखक
जी आर कवियूर
02 08 2023


Friday, July 28, 2023

तेरी यादों में ( गजल )

तेरी यादों में ( गजल )

तेरी यादों को मैं आज
छुट्टी देने को सोचा
मगर भुला नहीं पाया
गहराई चोट दे तू चली गई

चित्रा हुआ लफ़्ज़ों को
बीनकर गजलो की माला
पर उतर नगमा के चमक
और धमक में खो गया

मगर आंसुओं ने
अक्षरों को मिटा दिए
देखते ही देखते खेड़ा
बचे हुए रंग तितली बन उड़े

रचना 
जी आर कवियूर 
28 07 2023

Saturday, July 22, 2023

बेकरारी से - (गजल)

बेकरारी से - (गजल)

इश्क की दरिया में
जा मिलने की ख्वाब
देख कर चले गली 
चौबारा से दूर दूर

जूझता हुआ मीठे दिनों की
तेरी यादों की कश्ती में
दुनिया की रंगरलिया से
हटकर चलता रहा हूं

बेजुबान सा हो गया हूं
बिना तुझे देखकर
कली जो खेली और
भंवरों की मर्डर आने की
सुख देखते ही बीते हुए दिनों में
जा अटका है राहै
तुझे मिलने की आशा से
जी रहा हूं इस तरह
सनम बेकरारी से

लेखक
जी आर कवियूर
23 07 2023

Saturday, July 8, 2023

अनमोल रहे

अनमोल रहे 

दिल चुरा लिया के 
कब चली गई हो तु
कली जो खिल उठी है

 जिंदगी का नजारा
बदल गई चंद अल्फाजों से
हां तेरी नजर से नजर मिले
गम गायब हो चुकी थी

गजलों की गुनगुना 
उठा मन की
महफिल में सनम 
बेकरारी सी हो गई

क्यों कहां है हरदम
इतनी भी लिखूं या गांवे 
नहीं यादें तुम्हारी हर दम
खयालो में नगमे बन उत्तर आती है

हां तेरे सिवा नहीं 
जीना मुमकिन नहीं है
हां यह सच है यारा 
 यह प्यार हमारा अनमोल रहे 

लेखक
जी आर कवियूर
07 07 2023




Tuesday, July 4, 2023

सपनों में से...

सपनों में से...

कहां गए वो सपने
सच होकर भी बिखर गए
आते जाते दिनों की भीड़ में
गुमशुदा की तलाश पर

रोते रोते हस पड़े
अनहोनी राहों पर
तेरी आने की झलक देख
बैठा हूं बेकरारी संघ लिए

अगर मगर की ताना बुनकर
और नहीं सहा जाता
तनहाई की मोड पर   
सपनों की सौदागर बनकर

आस की पोटली लिए
भटकता रहा इस भीड़ में
तू कहां चली गई
सपनों में से सच बनकर

रचना 
जी आर कवियूर 
05 07 2023





भुला ना पाया ....

भुला ना पाया ....

गजलो में गजल तू
गुलाब की फूलों में
मेहक और चमक 
चुभता हुआ कांटे भी तू

जिंदगी की राह में
भंवरों के पांव तले तू
तुझे बचाए कांटे और
समा जाए  सितम तुझ में ही

बेकरारी की आलम में
सब कुछ भूल है 
तेरे सिवा अधूरी है
जिंदगी के करवाएं

कुबूल है हर अदाएं तेरी
भूल ना चाहा मगर
भुला ना पाया तेरी
यादों की गुलदस्ते

रचना 
जी आर कवियूर 
03 07 2023

Monday, June 19, 2023

तू ही तू

तू ही तू

तेरे होठों में खिले
गुलाब की लाली
मुस्कुराने से
महक के चमेली

तुम संग रहे
वह सावन की दिन है
आज भी भुला न पाया
सनम इस बेकरारी सहा नहीं जाता

तुम कब आए तो
हवा का झोंका भी
बदल जाए जिस तरह
सागर में लहरे

मेरी शेर शायरी गजलो
में नजर उठाए 
तू ही तू 

रचना 
जी आर कवियूर 
20 06 2023

Wednesday, June 14, 2023

नशा क्यों है ( कविता )

नशा क्यों है ( कविता )


किस मिट्टी से तुझे बनाया
किस्सा पुराना हो या नया 
तुम तो छू गई है 
मेरे दिल में सनम

कितना भी लिख तेरे बारे में
खत्म सा होता है
तेरे हुस्न की बातें सनम
सपना अपना साकार होगा कब

तेरे मिलन की सावन
आएगा कब पता नहीं
हवा के झोका महसूस किए
तेरी खुशबू की एहसास लिए

बीते हुए कल की याद में
जीता रहा हूं मैं
जैसे मैं खाने पर हो
तेरी सोच में इतना
नशा क्यों है सनम

रचना 
जी आर कवियूर 
15 06 2023

Sunday, June 11, 2023

मन मंदिर की सूरत हो

मन मंदिर की सूरत हो

तू मेरी दिल की 
आईने मैं बसी सूरत हो
मन मंदिर की मूरत हो

तेरी बोली सुन
कोयल की कू के
तेरी चलने देख
मोर भी नाचे अनमोल

बादल में छुपे
चांद भी खिले
ब्रह्मा भी अनुरक्त हुवे
मेरी बात क्या बताएं
तुझे देख उत्तरी कल से
शायरी और गजल

तू मेरी दिल की 
आईने मैं बसी सूरत हो
मन मंदिर की मूरत हो

रचना 
जी आर कवियूर 
11 06 2023

Friday, May 5, 2023

बड़े हाथ ओररचना जी आर कवियूर

बड़े हाथ ओर
रचना 
जी आर कवियूर 

जीवन की इस दौर में
मेरी बात न मानो
तेरी मन में जो आए
वैसे ही करो यारा

मगर तेरे लिए ही
जीता आया हूं
और मर मिटेंगे
मन की बात सुनो

बेचैनियों से काबू पाओ
बचपन की यादें जवानी तक
जवानी से बुढ़ापा तक
जो कुछ सोचा था सब वेहम

अब तलक जो हुआ
सब भूल कर बढ़ाओ
हाथ जो मानवता के
ओर बढ़ती चली जाए

06 05 2023

Thursday, May 4, 2023

जीता हूं तेरे याद में - रचना जी आर कवियूर

जीता हूं तेरे याद में
रचना 
जी आर कवियूर 

जीता हूं तेरे याद में
मौन खटकता है
बीते हुए दिनों की
आहटओ के पीछे
दबे पांव की खयाल


गली और चौबारे
फांद कर के
थक चुका हूं
एक झलक देखने की
उम्मीदों पर जीता हूं  

कुबूल तो नहीं है
फिर भी भूल कर बैठा हूं
होठों पर गजल और जाम
आखिर यह धड़क कितने दिन 

जीता हूं तेरे याद में
माउन खटकता है
बीते हुए दिनों की
आहट ओके पीछे
दबे पांव की खयाल

05 05 2023

Friday, April 21, 2023

तेरे लिए यारा ( गीत)

तेरे लिए यारा ( गीत)


तेरे लिए मैं दुनिया से
मॉल लिया बेर क्या बताएं
हर दिन हर वक्त जीता हूं
तेरे ही नाम जपते जपते सनम

हमें बिछड़े हुए
दिनों की याद आती है
 पल-पल की धडकन दे जाती है
प्यार से गुजरी हुई आलम

खिला हुआ गुलाब जैसे
खिली चांद सितारे
मगर तेरी तन्हाई मुझे
अब भी सताती है यारा

जी आर कवियूर 
22 04 2023

Saturday, April 8, 2023

जिंदगी की राहों में ( गजल)

जिंदगी की राहों में ( गजल)


जिंदगी की राहों में
ढूंढता रहा मैं तुझे
दिल कीआहट बढ़ते रहे
जैसे सागर की तले

लमहे लम्हे बीत गई
नगमे लिखता गया
आंखें नमती गई
तेरे याद में सनम

जिंदगी की राहों में 
ढूंढता रहा मैं तुझे

गाता रहा तेरे लिए
हर गजलों में
तेरे गजरा महके
जैसे सावन में

जिंदगी की राहों में 
ढूंढता रहा मैं तुझे

तन्हा तन्हा मुझे
तड़पा तड़पा गया
हाय मुझे तेरी याद
इतना आती रही

जिंदगी की राहों में 
ढूंढता रहा मैं तुझे

रचनाकार
जीआर कवियूर
08 04 2023

Friday, March 31, 2023

तेरी मेरी कहानी

तेरी मेरी कहानी है

तेरी मेरी कहानी है
आशिकी तो पुरानी है
दिल दिया है जान तो भी
देने के लिए तैयार है

जीना है तो तेरे सहारे हैं
बिना तेरे अधूरा है जिंदगी
मन मंदिर में पूजा है
तेरी मुहूर्त को बसाया है 

चाहतों में दिलासा नहीं
पाने भर के लिए इंतजार है
रूठे को मनाना आसान नहीं
तेरी बातें सुहानी है
कहने को तो पुरानी है
मगर आज भी नया लगता है

तेरी मेरी यारी पुरानी है
तेरे लिए दिल दीवाना है
जीना है तो  तेरे सहारे हैं
बिना तेरे अधूरा है जिंदगी   

रचनाकार
जीआर कवियूर
01 04 2023

तेरी अखियां

तेरी अखियां

तेरी पहचान तो
तेरी अखियां ही है
दो चार से मिले तो
दिल की धड़कन बड़ी

क्या कहूं किस्सा
किसको बताऊं मैं
हैरान हूं
दूर तू रहे तो भी
पास रहने का एहसास है

बरसों से तेरी याद को
सीने पर लिए घूमता हूं सनम
बेकरारी से तड़पता गया
तनहाई मुझे खाती रही
तेरे पहचान तो
तेरी आंख्या ही है

रचनाकार
जीआर कवियूर
01 04 2023




Tuesday, March 28, 2023

देखता रह जाए

देखता रह जाए 

देखो तो देखता रह जाए
बोलो तो बोलता रह जाए
गालों की लाली गुलाब जैसे
होठों से बोली कोयल की जैसे 

फूलों पर भंवरा मंडराए
तेरी यवन देखकर घबराए
तेरी कहानीे सुनते सुनाते 
गालिब और मीर  
गजलों से अमीर बन जाए  
गली चौबारा से देख तुझे
कोतवाल भी
कव्वाली गाता रह जाए 
अमीर या गरीब
देखो तो देखता रह जाए
बोलो तो बोलता रह जाए 

रचनाकार 
जी आर कवियूर
28 03 2023














महफिल मैं ( गजल )

महफिल मैं   ( गजल )

देखता रहता हूं
तेरे चेहरे पर
चांद सितारों की महफिल

मन में उठ गई लहर
जैसे सागर उठे साहिल पे

तेरी बोली सुन
कुकू गाए कोयल

तेरी चमक दमक देख
तितली भी शरमाए

तेरे लिए मैं लिखूं नगमे
गाता रहूं गजलों को
देखता रहता हूं

तेरे चेहरे पर
चांद सितारों की महफिल

रचनाकार 
जी आर कवियूर
27 03 2023

दीवाना बन गया ( गजल)

दीवाना बन गया ( गजल)

तेरी नैनो के काजल से
मैं लिख डालूंगा गजलें को
पहन के तू आती हो
पायल की झंकार से
बजती है धुन मन में मेरी
गूज उड़ती है लहरें प्यार की
बातों से सनम

तेरी कानों की बाली नाचे
मेरे मन मै नाचे मोर
तेरी होठों से खिली
मुस्कान की फूलों को
देख फूल गया मेरा दिल
हाय यह प्यार को मैं कैसे
संभालू मेरे मुखड़े को

दूर रहने से भी महसूस करता हूं
तेरी महक मेरी नाक में
आती है मोगरे का खुशबू
हाय यह मोहब्बत मुझे
दीवाना बना कर ही छोड़ेगा

रचनाकार 
जी आर कवियूर
27 03 2023



Monday, March 27, 2023

जब से तूने मुझे (गजल)

जब से तूने मुझे  (गजल)



जब से तूने मुझे 
प्यार से याद किया है
नींद नहीं चैन नहीं
दीवाना बनकर घूमता हूं

जब से तूने दिल
चुरा चुरा के चली ली
 गई हो चुपके से सनम

कली जो खिल उठी है
हर फूल पर मंडराते
भंवरा मच्छ मचक के 
 मधु पी रहे हैं देखो

राग रंग जो लाई है मुझ में
पतंग जैसे उड़ने लगी है मन
डोर छोड़कर खुश रहे हैं तुम भी
कहां चली गई हो तू
जब से तूने मुझे
प्यार से याद किया है

रचना 
जी आर कवियूर 
27 03 2023







Thursday, March 16, 2023

चाहता हूं तुझे (गजल)

चाहता हूं तुझे (गजल)

आज  भी चाहता हूं तुझे
कहने को और नहीं रह गई बातें 
हजार बार करके क्या होगा सनम
दिल्लगी तेरी याद में लिख गाता रहूं

हाय मोहब्बत मुझे भी
भl गई है क्या कहूं
तनहाई की राहों से जूझ रहा हूं
तेरी एक झलक पाने के 
लिए तरस रहा हूं सनम

बदले यह समा बदले रुतु
आसमान में सतरंगी दिखे
बादल गरजे बिजली चमके
कोयल कुके मोर नाचे

तेरी याद में मगन होकर
जी रहा हूं अनहोनी राहों में
खो गया हूं नगमें में तेरे लिए 
दिन में भी तारे गिनता हूं तेरे लिए

रचना 
जी आर कवियूर 
17 03 2023


Tuesday, March 14, 2023

चैन नहीं

चैन नहीं

दिन में चैन नहीं
रातों को नींद दिया भी नहीं
तेरी रूह दिखती है
तन्हा हो गई मन भर आई

बीते हुए दिनों का सपने
जीने की सहारा है
कह दो कि तुम मुझे
तिनका भर्ती चाहते हो कि नहीं

हाय यह दिल की हालत 
क्या बताएं कि मेरी 
कलम भी रोने को आई
तेरे नाम का शेर शायरी और
गजलो से मन नहीं भरी

दिन में चैन नहीं
रात को निंदिया भी नहीं

जी आर कवियूर 
15 03 2023

Sunday, March 5, 2023

होली के रंग आइए

होली के रंग आइए 

रंगों की राग रंग में
अनुराग लाए उमंग
संग संग जीने का तरंग
मंगलमय हो जलतरंग
सुनते ही गूंज उठे हृदय संग

बाजे मृदंग उठे मन में तरंग
राग रंग लाए सितम में सरगम
अभिव्यक्त करें प्रणाय के रंग
लाए होली के रंगों का सारंग

जी आर कवियूर
06 03 2023


Thursday, March 2, 2023

तेरे बिना

 तेरे बिना


हम आपके  आंखों से फिदा हो गए
एक पल की छपक से
सदियों तक जीने का सहारा मिल गई है
आज फिर तेरी याद में
शायराना अंदाज पर उतर आया है मेरा दिल
आखिर इस तन्हाई कैसे सहूं मैं तेरे लिए सनम
गाते लिखते मैं कातिल बन जाऊंगा गजलों का
अब तो कुबूल कर लो मुझे से वरना कटेगी नहीं
 यह दास्तान जिंदगी का तेरे बिना

जी आर कवियूर  
02 03 2023

Monday, February 27, 2023

उसकी छाया पर

उसकी छाया पर

तू ही मेरी आरजू का
पसाना ओ सनम
तेरे लिए मैं जान भी गवा दूंगा
हुस्न की तबस्सुम देख
मैं मुझे ही भूल गया हूं

आखिर क्यों तुम दूर दूर तक 
भागती चली जाती हो
तेरे चेहरे पर चांद
आंखों में सितारे देख
होश खो बैठा हूं
मगर तू क्यों पास नहीं आती हो

रितु बदल बदल कर
बीते हुए सावन को 
आज भी याद कर
तड़पता रहता है
हे हुस्न तेरे लिए सब कुछ  
निछावर कर दूं 
हाय जिंदगी तू एक पहेली  
बनकर जीने को 
आदि कर दे ते हो 
उसकी छाया पर

जी आर कवियूर
28 02 2023


Saturday, February 25, 2023

मुझे जीने की...( गजल)

मुझे जीने की...( गजल)

आ आ आ
आपकी अदाएं
मुझे जीने की हौसला देती है

है खुदा मेरे लिए एक खोसला
 बना दीजिए ताकि 
उसके साथ जीने का 
पनाह मिल जाए

हाय यह नजर नजर से मिल ना पायl
उसकी आंखों ने मार डाला

आ आ आ आ 

तुझे मिल गई तो 
जिंदगी सुहाना हो जाए 
किसी को भी

आ आ आ
आपकी अदाएं
मुझे जीने की हौसला देती है


जी आर कवियूर
26 02 2023


Monday, February 20, 2023

गम ना हो

गम ना हो

प्यार हो जैसा कोई
 गम ना हो तेरे सिवा
 कहने को तो दम जैसा
वहां के इस दो लब मैं हो
इस तरह कहते हैं
मोहब्बत को प्रेम
जो निकल जाता है
तू जब रूठ कर
चले जाते हो दूर
वापस लौट आए तो
सुकून मिले जैसा की
पा गए मंजिल और महफिल
काश ऐसा होता तो
 कितना अच्छा लगता
प्यार हो जैसा कोई 
गम ना हो तेरे जैसा

जी आर कवियूर
20 02 2023

Friday, February 17, 2023

संभालो मुझे

संभालो मुझे

कितने फुर्सत में तेरे आंखों को सजाया है
कितनी खामोशियों से तेरी होठों को बनाया है
कितनी प्यार से सवारा है तेरी गालों को
कितनी नाजुक हाथों से छुआ है तेरी हृदय को

हे रब मुझे क्यों इतना सुंदर संवारा नहीं
कुछ तो रहमत  होता तो मैं भी आज तुझसे
इतनी शिकायत ना करता
फिर भी तूने जो दिया
जो कुछ से सुकून रहना चाहता हूं 
मगर यह सब देख
मुझसे संभाला नहीं जा है 
थोड़ा रहम करो
मेरे इस हाल को सुधार दो 
आखिर तुम भी एक खुदा हो

जी आर कवियूर  
18 02 2023

Thursday, February 16, 2023

तनमन जल उठे

तनमन जल उठे


तेरी नैनो की खातिर
तरसते रहे इस तरह
तनहाई बरसते रहे
तनमन जल उठे

निंदिया रूठ कर चल बसे
हाल अपनी देखकर
चांद मुस्कुराते रहे
हवा खिल्ली उड़ाते रहे

मन के डोर खींचते चले
तू पतंग जैसे उड़ के चली


आ भी जा रितु बादल
वीराना में छुपकर अच्छा लगता है
तेरी नैनो की खातिर तरसते रहे
तनहाई बरसते रहे 
तनमन जल उठे

जी आर कवियूर  
16 02 2023

Wednesday, February 15, 2023

तेरे बगैर ( गजल )

तेरे बगैर ( गजल )

तेरे बगैर जीना दुश्वार हो गया है
तेरी यादों के मंजर पर घूमता रहा हूं
प्यासा हूं इस तरह तेरी प्यार पाने के लिए
नींद नहीं चैन नहीं आंखें तरस रही है तेरे लिए

चांद सितारों जगमगाते रहे 
तेरे सोच में मैं बावला बनता गया
तन्हाई के आलम ने मुझे 
शायर बना दिया 
कितना भी लिखेगा हूं
कम महसूस हुए तेरे बगैर

तेरे बगैर जीना दुश्वार हो गया है
तेरी यादों के मंजर पर घूमता रहा हूं

लेखक
जी आर कवियूर  
15 02 2023

Thursday, February 9, 2023

मेरे नैनों से ( ग़ज़ल)

मेरे नैनों से ( ग़ज़ल)

मेरे नैनों से
तूने निंदिया चुराई
करवट बदलते बदलते
रात कट गई
ना हुआ सपना
ना तू आई दिलरुबा

खामोशियों में
सोचता रहा
तेरी मुस्कुराहट की 
आहट पे 
दिल की धड़कन
बढ़ते गई यारा

तनहाई और नहीं सहा नहीं जाए
मेरे नैनों से
तूने निंदिया चुराई

लेखक
जी आर कवियूर

Tuesday, February 7, 2023

गजल- जाने क्यों

गजल- जाने क्यों

जाने क्यों मुलाकात ना हो सका
जानता हूं तेरे बात को अच्छी तरह
जानता हूं तेरे बात को अच्छी तरह
जाने क्यों मुलाकात ना हो सका
जाने क्यों मुलाकात ना हो सका

जिंदगी के इस राह पर खड़ा हूं
तेरी नैनो की झलक पाने के लिए 
क्या कोई बता दे , यही है क्या
मोहब्बत की दास्तान


जाने क्यों मुलाकात ना हो सका
जानता हूं तेरे बात को अच्छी तरह
जानता हूं तेरे बात को अच्छी तरह
जाने क्यों मुलाकात ना हो सका,

जी आर कवियूर

Sunday, January 29, 2023

ख्वाइश अब रह गई है

ख्वाइश अब रह गई है


तेरे लबों में    
से निकले
हर एक बात मुझको
प्यार का पैगाम था

हर कुछ छुपाने की
कोशिश मत करो
तेरी आंखें बताती है
हर चीज सच सच

तुम बीना रह नहीं 
पाएंगे हम
रूठ कर मत जाओ सनम
तेरे प्यार में मैं बेकाबू हूं

आओ मिलकर
गाय प्यार का सरगम
बस यही है जीने की
ख्वाइश अब रह गई है


जी आर कवियूर
30 01 2023

Monday, January 9, 2023

चाहते हैं कितने

चाहते हैं कितने

नशेमन है तेरी आंखें
जीने को मजबूर करती है
आती है नगमे लबों पर
जाने कैसे पता नहीं है यारा

दिल में बसी प्यार के
बातें बदलते नहीं यारा
अरमानों को कैसे रोके
मालूम नहीं है यारा

कितनी होती है  बातें
नहीं भुला सकता
जितना मैं मेरे मेरे से ज्यादा
चाहते हैं तुझको यारा

जी आर कवियूर
09 01 2023

Thursday, January 5, 2023

रात और बातें

रात और बातें


चंद लम्हे में चौकाती
चमकती बिजली डराती
गरजे बादल ना बरसे
गूंजते हुए आए चुपके से
निकल गई रात और बातें

उसके आंखों से आंख न मिला पाए
खामोशी बरसती रही
मोन की दीवाल खड़ी हो गई
चांद और सितारे ना नजर आई
सूरज की किरणें खिल्ली उड़ाई
मेरे कलम नींद से जागे

जी आर कवियूर
04 01 2023

Tuesday, January 3, 2023

आजा निभा जा

आजा निभा जा

दिल में हो तुम
मेरी सांसों में तू
आंखों से अखियां  
 मिला ती हो तू
कहां खो गई तू

पलक के बंद तो भी
दिखती हो तू
पल पल प्यार के
लम्हों मैं तेरी खयालों से
घायल हो गया

आखिर इस जिंदगी में 
रखा ही क्या
चार दिन की चमक दमक
फिर तो अंधेरा ही अंधेरा

आजा निभा जा
मेरे दिल की लगी
कर ले प्यार को कुबूल
दिल में है तू
सांसों में तू

जी आर कवियूर
03 01 2023


Monday, January 2, 2023

खौफनाक कहानी

खौफनाक कहानी

तेरी मेरी यारी
बोलने को न्यारी
है बहुत पुरानी
सुनने की कहानी

आई एक लड़की
जिससे छा गई कड़की
दोस्ती में हो गई लड़ाई
मिट गई पुरानी यारी न्यारी

यह  है जिंदगी की
मोड पर होती रहती
अनहोनी बेसूरीली
खौफनाक कहानी

जी आर कवियूर

02 01 2023


Sunday, January 1, 2023

प्यार को रहने दो

प्यार को रहने दो

आंखों से आंखें मिले
धीरे धीरे प्यार बढ़ा
मुलाकातों से बातें बड़ी
दिल से दिल मिले

दूरियां नज़दीकियां में बदले
होले होले प्यार बढ़ा
प्यार इकरार में बदल गए
दूरियां बढ़ते गए

आंखों का धोखा को समझो
दिल की बात दिल में ही रहने दो
लबों पर लाकर खतरा मत मोलो
प्यार को प्यार में ही रहने दो

जी आर कवियूर



 

है सच्चे तो

है सच्चे तो


दिल की वो बातें
दिल में ही रहने दो
वह मुलाकाते जो   
बात तो तक रहने दो
   
लबों से निकली है
दिल मैं ही रहने दो
दिल्लगी क्या है
दिल में ही रहने दो

है सच्चे तो
वादे जो प्यार के
निभाने पड़ेगी
यही है सच
दिल की वह बातें
दिल में ही रहने दो

जी आर कवियूर

दिल मानता नहीं

दिल मानता नहीं


आखिर यह बात क्या है
मुझको तो पता नहीं है
कहां चली गई हो
रूठ के तो नहीं गई

दिल में छुपाया हुआ
इश्क को क्या नाम दूं
तुझे पता है क्या 
तो बता दो जरा

दिल धड़कता है
प्यासी है गला
मैं और मेरे कलम
थक चुका है तेरे लिए

और कितने पुकारू
ल में कितने बीत चुका है
ना कुछ बन सका
तेरे प्यार के सामने
समझौता करूं किस से
मानता नहीं दिल

जी आर कवियूर