Saturday, April 8, 2023

जिंदगी की राहों में ( गजल)

जिंदगी की राहों में ( गजल)


जिंदगी की राहों में
ढूंढता रहा मैं तुझे
दिल कीआहट बढ़ते रहे
जैसे सागर की तले

लमहे लम्हे बीत गई
नगमे लिखता गया
आंखें नमती गई
तेरे याद में सनम

जिंदगी की राहों में 
ढूंढता रहा मैं तुझे

गाता रहा तेरे लिए
हर गजलों में
तेरे गजरा महके
जैसे सावन में

जिंदगी की राहों में 
ढूंढता रहा मैं तुझे

तन्हा तन्हा मुझे
तड़पा तड़पा गया
हाय मुझे तेरी याद
इतना आती रही

जिंदगी की राहों में 
ढूंढता रहा मैं तुझे

रचनाकार
जीआर कवियूर
08 04 2023

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