Tuesday, October 31, 2023

तुम क्यों मुस्कुराना भूल गए हो

तुम क्यों मुस्कुराना 
भूल गए हो
रातें हैं चुप, ख्वाब हैं सहमे,
दिल में छुपी बातें उठाना भूल गए हो।

चाँदनी से ढकी रातें हैं सहारे,
खोई बातों को फिर से पुनः प्यारे।
मुस्कुराहट की बुनाई सीखो,
दिल की गहराईयों में खो जाओ।

सपनों की दुनिया में खो जाओ,
खुद से मुलाकातें करो फिर से बिना किसी विरासत के।
प्यार की राहों में खो जाओ,
मुस्कुराहट को फिर से अपनाओ बिना किसी खोज के।

जिंदगी की हर खुशी को अंगिनत करो,
खोई हंसी को फिर से पा लो बिना किसी संकोच के।
मुस्कुराना भूल गए हो,
अब इसे फिर से पाने की तलाश में हो।

रचना 
 जी आर कवियूर
 01 11  2023

Sunday, October 29, 2023

दिन रात सपनों के सौदागर हो तुम

दिन रात सपनों के सौदागर हो तुम

मन की गहराईयों में बसी अजब कहानियाँ हो तुम  
चाँदनी रातों में बिखरी ख्वाबों की रानियाँ हो तुम  

हर बुढ़ापे की बहार और जवानी की मस्ती हो तुम  
जीवन की हर राह में बिखरी हंसी की बस्तियाँ हो तुम  

बारिशों की बूँदों में लिपटी खुशबू की बूंदें हो तुम  
ख्वाबों की उड़ान में बसी आसमान की सीरी हो तुम  

सुबह की पहली किरन में बसी आशा की चाँदनी हो तुम  
रात की गहराईयों में बसी चाँदनी की महफिलें हो तुम  

सपनों की मिठास में छुपी जिंदगी की मिठास हो तुम  
हर ख्वाब की ऊँचाईयों में बसी मन की उम्मीद हो तुम  

सपनों के संग सजीव रंगों की छाया हो तुम  
जीवन की हर कहानी में बसी प्यार की छाया हो तुम।

रचना 
 जी आर कवियूर
 29 10  2023


Friday, October 13, 2023

गुनगुनाहट में बसा

गुनगुनाहट में बसा

मुझसे खुदा तक पहुंची
मेरी कहानी की कहानी
रंग-बिरंगे सपनों में
मैंने छुपाई ज़िन्दगानी

धड़कनों की लहरों में
संगीनी बिताई रातें
ख्वाबों की जहां में
हर रोज़ खोई बातें

गुनगुनाहट में बसा
प्यार का मीठा सफर
चंदनी रातों में खोया
मैंने अपना प्यार।

14 10 2023

Thursday, October 12, 2023

"तुम मेरे सब कुछ हो"।

 "तुम मेरे सब कुछ हो"। 


जज्बातों ने भर दी सागर नैनो मैं
फिर भी भूल न पाया तुझको मेरे यार।
दिल में छुपी बातें, अनकही कहानी,
सपनों की दुनिया, जो ले जाती है दूर।

विश्वास है तुझमें, ओ मेरे प्यारे दोस्त,
जैसे सितारों में बसी चाँदनी की चमक।
दिल से निकली धडकन, जैसे संगीनी की संगीनी,
तेरी यादों में ही मिलती है सुख-शांति।

सपनों की गहराईयों में छुपी बातों का सफर,
मिलता है अजब रंग, जैसे हर ख्वाब सच हो जाए।
तेरी मिठास भरी मुस्कान, जैसे सूरज की किरनें,
मेरे जीवन को सजाती है हमेशा रोशनी से।

तेरे बिना जीवन लगता है सुना,
तुझसे मिलकर ही होता है हर पल ख़ास।
जैसे ख्वाबों की मन्ज़िल हो तुम,
बिना कहे ही सब समझ जाते हो तुम।

इस ख़ास वक्त  में, इस विशेष पल में,
मैं बस कहना चाहता हूँ, "तुम मेरे सब कुछ हो"। 

रचना 
 जी आर कवियूर
 12 10  2023

Wednesday, October 11, 2023

एक पल की कहानी है।

एक पल की कहानी है।


तेरी काजल वाली अखियां
तेज से छुप गया दिल को
तू भी न जाने कैसी लगी है
तूफानों के साथ आग मन में

मन की गहराइयों में छुपी बेबसी
आँखों में छुपी वो बेख़ुदी का जज्बा
सपनों की गलियों में खोई एक ख्वाबी
दिल की धड़कन में बसी है वो प्यासी

सितारों से सजीव रात की लम्बाईयाँ
वो चाँदनी की चादर में लिपटी बेख़ुदी
धीरे-धीरे खो जाना उस आग में
जैसे मिल गई हो दो ज़िन्दगानीँ को
यह सब सिर्फ उस एक पल की कहानी है।

रचना 
 जी आर कवियूर
 12 10 2023

Tuesday, October 3, 2023

सपनों की बारात।

सपनों की बारात।

अजनबी राहे गुमनाम करती है
आज और  कल के बीच 
हैरान हूं यह वीरानों की सफर में

मेरी बातों का कोई अर्थ नहीं, 
सिर्फ विचार हैं संग्रहित,
समय के आँधी में,
 सपनों की धारा बहती है बेहद।

धुंधला सा सच, 
छुपी उम्मीद की किरन,
मेरे अंदर भी, है 
एक खोई हुई कहानी।

सितारों की चमक, 
चाँदनी की कहानी,
आज की रात, है 
एक नई मिशाल जवानी।

गुजरी बातें यादें, 
सब ले जाती हैं साथ,
आज और कल के बीच, 
है सपनों की बारात।

वीरानी की गलीयों में, 
भटक रहा हूं खो,
अपनी तलाश में, 
जीवन की लब पर मुस्कान छुपा हूं मैं।

रचना 
 जी आर कवियूर
 04 10  2023

Monday, October 2, 2023

जिंदगी की दौड़ पे

जिंदगी की दौड़ पे

जिंदगी की दौड़ पे
अकेला पड़ गया
सुख दुख की रास्तों मैं
फूल और कांटे मिले

जीवन की कहानी में
हर दिन नई चुनौती
मनुष्य को आगे बढ़ना है
सपनों की ऊँचाइयों तक

रात के अंधेरे में भी
रोशनी की किरनें जगमगाती हैं
हार-जीत, गर्व-शर्म के खेल में
आत्म-समर्पण से ही मिलती है जीत

हर कदम पर सिखना है
और बढ़ते जाना है
जिंदगी की महक छुपी है
हर रोज़ नई कहानी लिखनी है।

रचना 
 जी आर कवियूर
 03 10  2023