Tuesday, April 23, 2024

ग़ज़ल कहानी से

ग़ज़ल कहानी से


अपने गमों को
सीने में भारी
लबों पे उतरे
इश्क भरी शायरी से

दिल में छुपे राज़ को
बयां किया तन्हाई में
रात की गहराई में
धुंधली रोशनी से

ज़िन्दगी के क़़िस्से
सपनों के सवालों से
मिलते हैं जवाबों से
खुशियों की राहों से

उम्मीदों की राहों से
हर एक ग़ज़ल कहानी से

रचना 
जी आर कवियूर
24 04 2024

Friday, April 19, 2024

फिर जीने की तमन्ना है ( गजल )

फिर जीने  की तमन्ना है ( गजल )


फिर एक बार
जीने  की तमन्ना है
 देखे हुए तस्वीर को
आमने-सामने मिलना है

रातों की गहराई में खोया हुआ,
तुम्हारी यादों को फिर से पाना है।
चाँदनी की किरनें छू रही हैं रात को,
तेरी बातों को फिर सुनना है।

दिल के आगे तेरी मोहब्बत का इजहार करना है,
तेरे साथ हर पल बिताना है।
तेरी आँखों की गहराइयों में खोना है,
तेरी मुस्कान को प्यार से छूना है।

मेरे दिल में तेरी जगह बनानी है,
तेरे साथ जीवन की सफर साझा करना है।

रचना 
जी आर कवियूर
19 04 2024

Thursday, April 18, 2024

भूल नहीं सकता

याद करता हूं
तेरे बारे में
भूल नहीं सकता
बीते हुए दोनों की यादें

अब तक तेरी खुशबू
घूमती है घर के कोनों में
तेरे ख्वाबों में खोया
हर पल हो या रात का सोना

जब भी आँखें बंद करता हूँ
तेरी यादों का किताब खोलता हूँ
बीते हुए लम्हों की धूप
मेरे दिल को चीर कर गुजरती है छांव


रचना 
जी आर कवियूर
18 04 2024

Thursday, April 11, 2024

मगर सज़ा है।

मगर सज़ा है।

तेरे बगैर कोई जन्नत है क्या
जीत और हर तेरे प्यार के नाम
जलता है जिया  जलने दो
जालिम यह इश्क पागल कर दिया

दिल को आबाद कर दिया 
बेखुदी में हमने खुद को खो दिया 
तेरी चाहत में हमने जान गंवाई 
हर दर्द को हमने अपनी भूल दिया 

तेरे इश्क की राह में चलते चलते 
सब कुछ खोकर हमने सिर्फ तुझे पा लिया 
ये मोहब्बत का आलम है कुछ अज़ाब है 
तेरे बिना जीना तोहफा, मगर सज़ा है।

रचना
जी आर कवियूर
12 04 2024

Tuesday, April 9, 2024

तेरे मेरे बीच में

तेरे मेरे बीच में


तेरे बगैर जिंदगी की राह में
क्यों इतना फ़ासला रहता है
सपनों की मन्जिलों की धुंध में,
मेरा दिल क्यों खोया रहता है।

तेरी यादों की छांव में,
मेरा जहाँ बिखरा रहता है।
हर रोज़ तेरी यादों का ख्वाब, 
मेरी रातों में बसा रहता है।

अक्सर दिल के रिश्ते की, 
धड़कनों में तेरा नाम रहता है।
तेरी बिना ज़िंदगी की हर राह, 
मेरे लिए बेहाल रहता है।

क्यों दर्द भरी ये बातें,
मेरे दिल में बसा रहता है।
तेरे बिना हर पल बेमानी, 
मेरे दिल को सताता रहता है।

तेरी यादों की बारिश में,
मेरा दिल तरसता रहता है।
तेरे ख्वाबों की गहराई में, 
मेरा दिल डूबा रहता है।

अब कैसे कह दूँ तुझसे, 
मेरा जीना बिना तेरा कैसे रहता है।
तेरी बिना दिल मेरा बेकरार, 
तेरा इंतजार रहता है।

तेरे साथ ही मेरी
खुशियों का गुजरिश्तान, 
तेरी यादें हर जगह साथ रहती हैं।
फिर भी क्यों इतना फ़ासला

रचना
जी आर कवियूर
09 04 2024


Monday, April 8, 2024

तेरी मोहब्बत में,

तेरी मोहब्बत में,


वह यकीन नहीं थी मगर
तेरी आने की उम्मीद लेकर

उसने रातों को सिर्फ ख्वाब देखे,
तेरे ख्वाबों में उसने अपनी राह ढूंढी।

धुआं में उसने तेरी खुशबू पाई,
खुशियों के संग उसने अपनी तकदीर लिखी।

राहों में मिली तेरी यादों की रोशनी,
उसने अपनी मंजिल की ओर कदम बढ़ाया।

कभी थक कर भी, ना हारते हुए,
उसने तेरी तस्वीरों को अपने दिल में सजाया।
वह यकीन करता रहा, और तेरी मोहब्बत में,
अंत में, वह तेरे दीदार की धुन सुनाई।

रचना
जी आर कवियूर
09 04 2024

Thursday, March 28, 2024

तलाश में

तलाश में

किसी की नजर से
ना गिरा दो मुझे

इस तरह बातों से
तेरी यादों पर जीता हूं

दिल की धड़कनों में छुपी
तेरी बातों को पाता हूं

हर ख्वाब में तेरी तलाश
मैं रात भर निकलता हूं

बातें हैं अधूरी मेरी
तेरे बिना जीना सीखता हूं

ख्वाबों की गहराइयों में
तेरा चेहरा छुपाता हूं

दिल के रिश्ते तेरे नाम
हर पल तुझसे जुड़ता हूं

आँखों में छुपी है बातें
तेरे ख्वाबों में बसाता हूं

इस इश्क़ की राहों में
तेरी तलाश में भटकता हूं

रचना
जी आर कवियूर
29 03 2024