कर्जदार हूं मैं
कांपता है दिल बेकारारी से
तेरी रहमत का इंतजार है
सितारों की चमक से भी गहरा
तेरा प्यार है, ऐ खुदा
हर रात की तन्हाई में
तेरी यादों का आलम है
मेरे दिल का हर राज़ तेरे सामने
एक सच्ची मंज़िल का इंतजार है
तेरी बेनूरी से है अंधेरा
मेरे दिल का हर कोना
मेरे दिल की हर धड़कन
तेरे नाम का है बस गीत
इस खोज में हूं मैं बेताब
तेरी मोहब्बत की राह में
तेरे इश्क़ में खोया हूं मैं
बस तेरी रहमत पे कर्जदार हूं मैं
रचना
जी आर कवियूर
29 01 2024