Wednesday, February 28, 2024

कर्जदार हूं मैं

कर्जदार हूं मैं

कांपता है दिल बेकारारी से
तेरी रहमत का इंतजार है
सितारों की चमक से भी गहरा
तेरा प्यार है, ऐ खुदा

हर रात की तन्हाई में
तेरी यादों का आलम है
मेरे दिल का हर राज़ तेरे सामने
एक सच्ची मंज़िल का इंतजार है

तेरी बेनूरी से है अंधेरा
मेरे दिल का हर कोना
मेरे दिल की हर धड़कन
तेरे नाम का है बस गीत

इस खोज में हूं मैं बेताब
तेरी मोहब्बत की राह में
तेरे इश्क़ में खोया हूं मैं
बस तेरी रहमत पे कर्जदार हूं मैं

रचना 
जी आर कवियूर
 29 01 2024

No comments:

Post a Comment