Friday, February 16, 2024

बस एक अरमान।

बस एक अरमान।


धड़कनों की गहराइयों से सुन,
उसकी आवाज में छुपी बेखुदी को।
धीरे-धीरे उसकी बातों में गुम,
चिपके हैं वो लम्हे तेरे सपनों को।

उसने कहा था वो ज़िन्दगी के रास्तों से,
तेरी यादों की खुशबू उसके दिल में बसी है।
जैसे मोती खोजते हैं समुंदर की लहरों में,
वैसे ही वो तुझमें अपनी मंजिल को पाए हैं।

अब उसके आँसुओं में छुपा है तेरा गम,
तेरे इश्क के दरवाजे पर उसने किया अभिमान।
सोचता है वो क्या कहे, कैसे बयाँ करे,
उसकी कहानी में तेरा होना तो बस एक अरमान।

रचना 
जी आर कवियूर
17 02 2024

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