काश तू मेरी होती ( गजल )
तेरी यादों में नैना भर आई
मगर आंसू दिल पर उतर आई
कश्ती तेरी यादों के साथ
मंजिल को अपने पास ले आई
दर्द भरी ये तक़दीर भी
तेरे प्यार से सहनी होती
काश तू मेरी होती
यह कश्ती जिंदगी की
किनारा देखा होता
यह लम्हे कितना अच्छा होता
सितारों की रौशनी में
तेरी यादों का सफर होता
रात की गहराईयों में
तेरा साथ सिर्फ़ मेरा होता
हर सुबह तेरी मुस्कान से
दिल को रोशनी मिलती होती
काश तू मेरी होती
यह कश्ती जिंदगी की
किनारा देखा होता
यह लम्हे कितना अच्छा होता
रचना
जी आर कवियूर
09 02 2024
No comments:
Post a Comment