Friday, February 16, 2024

तुम नहीं तो

तुम नहीं तो

तुम नहीं तो गम भरी 
दिन ही है आज मेरी
जाने क्यों सताती है यादें तेरी

तेरे बिना ज़िंदगी सुनी
क्योंकि तू नहीं है मेरी
बहारें भी लगतीं सूनी
कहीं खो गई है चाँदनी

दिल की हर धड़कन में तू
ख्वाबों में भी बसी है तू
हर रोज़ तेरी यादों में
जी लूँ मैं फिर भी मरी

तेरी रूह का साया मेरे
हर अंधेरे में रोशनी
तेरे बिना अधूरी है ज़िंदगी
तू मेरी खुशियों की कुंजी

रचना 
जी आर कवियूर
15 02 2024

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