Sunday, January 29, 2023

ख्वाइश अब रह गई है

ख्वाइश अब रह गई है


तेरे लबों में    
से निकले
हर एक बात मुझको
प्यार का पैगाम था

हर कुछ छुपाने की
कोशिश मत करो
तेरी आंखें बताती है
हर चीज सच सच

तुम बीना रह नहीं 
पाएंगे हम
रूठ कर मत जाओ सनम
तेरे प्यार में मैं बेकाबू हूं

आओ मिलकर
गाय प्यार का सरगम
बस यही है जीने की
ख्वाइश अब रह गई है


जी आर कवियूर
30 01 2023

Monday, January 9, 2023

चाहते हैं कितने

चाहते हैं कितने

नशेमन है तेरी आंखें
जीने को मजबूर करती है
आती है नगमे लबों पर
जाने कैसे पता नहीं है यारा

दिल में बसी प्यार के
बातें बदलते नहीं यारा
अरमानों को कैसे रोके
मालूम नहीं है यारा

कितनी होती है  बातें
नहीं भुला सकता
जितना मैं मेरे मेरे से ज्यादा
चाहते हैं तुझको यारा

जी आर कवियूर
09 01 2023

Thursday, January 5, 2023

रात और बातें

रात और बातें


चंद लम्हे में चौकाती
चमकती बिजली डराती
गरजे बादल ना बरसे
गूंजते हुए आए चुपके से
निकल गई रात और बातें

उसके आंखों से आंख न मिला पाए
खामोशी बरसती रही
मोन की दीवाल खड़ी हो गई
चांद और सितारे ना नजर आई
सूरज की किरणें खिल्ली उड़ाई
मेरे कलम नींद से जागे

जी आर कवियूर
04 01 2023

Tuesday, January 3, 2023

आजा निभा जा

आजा निभा जा

दिल में हो तुम
मेरी सांसों में तू
आंखों से अखियां  
 मिला ती हो तू
कहां खो गई तू

पलक के बंद तो भी
दिखती हो तू
पल पल प्यार के
लम्हों मैं तेरी खयालों से
घायल हो गया

आखिर इस जिंदगी में 
रखा ही क्या
चार दिन की चमक दमक
फिर तो अंधेरा ही अंधेरा

आजा निभा जा
मेरे दिल की लगी
कर ले प्यार को कुबूल
दिल में है तू
सांसों में तू

जी आर कवियूर
03 01 2023


Monday, January 2, 2023

खौफनाक कहानी

खौफनाक कहानी

तेरी मेरी यारी
बोलने को न्यारी
है बहुत पुरानी
सुनने की कहानी

आई एक लड़की
जिससे छा गई कड़की
दोस्ती में हो गई लड़ाई
मिट गई पुरानी यारी न्यारी

यह  है जिंदगी की
मोड पर होती रहती
अनहोनी बेसूरीली
खौफनाक कहानी

जी आर कवियूर

02 01 2023


Sunday, January 1, 2023

प्यार को रहने दो

प्यार को रहने दो

आंखों से आंखें मिले
धीरे धीरे प्यार बढ़ा
मुलाकातों से बातें बड़ी
दिल से दिल मिले

दूरियां नज़दीकियां में बदले
होले होले प्यार बढ़ा
प्यार इकरार में बदल गए
दूरियां बढ़ते गए

आंखों का धोखा को समझो
दिल की बात दिल में ही रहने दो
लबों पर लाकर खतरा मत मोलो
प्यार को प्यार में ही रहने दो

जी आर कवियूर



 

है सच्चे तो

है सच्चे तो


दिल की वो बातें
दिल में ही रहने दो
वह मुलाकाते जो   
बात तो तक रहने दो
   
लबों से निकली है
दिल मैं ही रहने दो
दिल्लगी क्या है
दिल में ही रहने दो

है सच्चे तो
वादे जो प्यार के
निभाने पड़ेगी
यही है सच
दिल की वह बातें
दिल में ही रहने दो

जी आर कवियूर

दिल मानता नहीं

दिल मानता नहीं


आखिर यह बात क्या है
मुझको तो पता नहीं है
कहां चली गई हो
रूठ के तो नहीं गई

दिल में छुपाया हुआ
इश्क को क्या नाम दूं
तुझे पता है क्या 
तो बता दो जरा

दिल धड़कता है
प्यासी है गला
मैं और मेरे कलम
थक चुका है तेरे लिए

और कितने पुकारू
ल में कितने बीत चुका है
ना कुछ बन सका
तेरे प्यार के सामने
समझौता करूं किस से
मानता नहीं दिल

जी आर कवियूर