है सच्चे तो
दिल की वो बातें
दिल में ही रहने दो
वह मुलाकाते जो
बात तो तक रहने दो
लबों से निकली है
दिल मैं ही रहने दो
दिल्लगी क्या है
दिल में ही रहने दो
है सच्चे तो
वादे जो प्यार के
निभाने पड़ेगी
यही है सच
दिल की वह बातें
दिल में ही रहने दो
जी आर कवियूर
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