ये दोस्त
टूट जाएं न कभी
ज़िंदगी की दौड़ में ॥
चिराग तले अँधेरा
रौशन करे कैसे दोस्त
तुम्हारे सिवाए और कौन ॥
खुदाने बनायीं ये
बगीचा मन भरी
फुलो फलो गुण गाओ ॥
दोस्ती की छावं में
खिले हृदय कमल
यही रहे मेरी मनोकामनाये ॥
रहगये अकेले हम
तेरे साथ ही ने मुझे
मुस्कुरानेकी ताकत दी दोस्त ॥