Thursday, November 24, 2022

अंदाज लिए.

अंदाज लिए.

दिल में..शायराना  अंदाज लिए.
सपने देखने लगे.चिड़िया की तरह.
पंखुड़िया फैलाकर.उड़े आसमान तले.
मगर सोचा नहीं.काबिलियत.के.
सीमाएं ना जानकर.

अपने को.समझ बैठा.गालिब जैसे.
गलियों में.फिरता रहा.
आवारा पागलों की तरह..
यह कोई भूल तो नहीं.
यह धरती में.एक चींटी.भी.
अपने आप को.समझते हैं.खुदा.
ख्वाहिश.और लगन है तो.
क्यों नहीं.पहुंचेंगे..
आसमान के तारे तक.
कोशिश कोई कशिश नहीं है.
होने को तो हो सकता है.
दिल छोटा मत करो यार.
काबिलियत है तुझ में.
थान लोग.यह मंत्र.
उत्तिष्ठदा.
जाग्रता.
प्राप्य वरान्निबोधत

जी आर कवियूर
24 11 2022

Monday, November 21, 2022

ढूंढता था उसे (ग़ज़ल.)

ढूंढता था उसे
(ग़ज़ल.)


खामोशियों से जूझता मन.
खोजने लगा बीते हुए.
दिनों की किस्से हजार.
दीवाना बने घूमते थे.

उसे पता नहीं था मगर..
आंखें आंखों से मिलते थे.
सपनों में भी.दिखती थी..
दो लफ्जों में कहना चाहा.

मगर हालात ने अलग कर दिए.
आज भी वो लमहे ढूंढता हूं.
मगर दिखते नहीं वह कहीं.
भीड़ में खो गई हो..

याराना अंदाज से
मुलाकात कर नहीं सके मगर.
आती जाती है वह मेरे नगमा में.
गजल बनकर लोग 
वह कहानी दोहराते हैं.

खामोशियों से जूझता मन.
खोजने लगा बीते हुए दिन.

 जी आर कवियूर
21 11 2022

Friday, November 11, 2022

इनकार करे तो भी.

इनकार करे तो भी.


हमें तुमसे कितना प्यार है समझो
तुम कितना भी इनकार करे तो भी.
तुम हमारे दिल में रहती हो.
तुम्हें कोई भी समझ आए तो ना समझे.

हमें तुमसे कितना प्यार है समझो
तुम कितना भी इनकार करे तो भी.

आए बरसात या सावन तो भी.
नहीं बदलेगी हमारी इरादे.
कहो पागल या आशिक 
हर नगमा में तेरे ही नाम लिखूंगा

हमें तुमसे कितना प्यार है समझो
तुम कितना भी इनकार करे तो भी.

मौत आए तक भी 
ना भूल जाऊंगा
हमें तुमसे कितना प्यार है समझो
तुम कितना भी इनकार करे तो भी.

जी आर.कवियूर
11 11 2022

Monday, November 7, 2022

यह समा.

यह समा.

कमाल का है यह समा.
यह वादियों में तेरी याद में चला.
खिलती हुई कमल.
कागज में उतरी.
नगमे वफा का सनम.

कमाल का है यह समा.
यह वादियों में तेरी याद में चला.

नजरे बिछा का गया.
राहों में तेरे लिए.
और रहा नहीं जाए.
इस तन्हाई.यो में

कमाल का है यह समा.
यह वादियों में तेरी याद में चला.

जी आर.कवियूर
08 11 2022

Saturday, November 5, 2022

मत लो

मत लो

कह दो तुम मुझे 
कितना प्यार करती हो.
बार-बार यह पूछने को..
तनिक की भी.मुझे.
शरम तो नहीं.क्यों.की.
मैं तुमसे प्यार करता हूं.
बेकरारी इतनी हो चुकी है.
इंतजार और मेरे से होती नहीं.
फूलों पर मंडराना.मेरे से होती नहीं.
मगर प्यासा ही रहता हूं.
तेरे खुशबू पर.मरने.तक का नाम.
लेवे.को तैयार हूं..
अब भी मेरे प्यार का इम्तिहान.
मत लो मेरे यारा

जी आर.कवियूर
06 11 2022

आज भी मैं

आज भी मैं 

आज भी मैं तेरे याद में जीता हूं.
जहां भी.देखो तो
तुम ही तुम नजर आती है..
रितु बदले.
मगर तेरी आने की.
झलक नहीं दिखाई दिया.
तन मन इस कदर झूम उठे.
तेरी आने की खबर सुनकर.
तन मन इस कदर झूम उठे.

बजी शहनाई.
ढोल पीटे.
पायल की झंकार उठे..
तेरी मुस्कान की आहट हमें जगा दिया.
सपनों से.साकार हो गई है क्या.
आज भी मैं तेरे याद में जीता हूं.

जी आर.कवियूर
05 11 2022

Wednesday, November 2, 2022

वादा इतनी करता रहता हूं.

वादा  इतनी करता रहता हूं.

खामोशियों में..
ढूंढता रहा इन वादियों में..
तुझे पा गया दिल की धड़कनों में.
शिवाय और के लिए नहीं मेरे लिए
 तेरी मुस्कान हमेशा रहे साथ साथ.
वादा  इतनी करता रहता हूं.

तितली बन.
मेरे दिल की फूल पर बैठे रहना.
चांद सितारे और सूरज भी
तेरे लिए.ला देता हूं..

तेरी सोच पर..
खुशियों के मारे.
आंख भर आई..

सागर की लहरें भी.
तेरे नाम कर गई.
किनारे भी तेरे कदमों में.
चूम लिए.

जी आर..कवियूर
03 11 2022

Tuesday, November 1, 2022

तेरे लिए (गजल)

तेरे लिए (गजल)

यादों की शायरी.
सूखने से पहले.
शहद की मिठास.
कलम और कागज 
पर उतर आए.

इस अंजुमन में.
तेरी शरारत भरी 
आंखों की.याद आई.
दिल में हलचल मच गई.

जो बोलना चाहा वह.
वक्त में भुला गया क्यों.
दिल्लगी यह क्या चीज है.

आज खाली याद रह गए.
होती क्यों इस तरह
 मेरे साथ क्यों.
आज फिर गा रहा हूं.
तेरे लिए सनम.

जी आर..कवियूर
02 11 2022