Sunday, December 25, 2022

कितना बुरा जुलुम हुआ मुझपर

आई हंसी तेरे होठों पर देख
चांद समझ बैठ गया
लिखें नगमे तेरे लिए 
और मैं क्या कहूं

नासमझ बनकर तूने
मेरे लिखा  हुआ 
कागज फाड़ दिए 
पहुंचे  ट्रेस कलेजे में
 
मगर रूठे हुए तुम्हें 
मनाने के लिए 
गला फाड़ कर
गाया मैंने गजल

सुनकर लोग गूंज उठे
तालियां से लेकिन
तू तो ना समझ पाई
मेरी प्यार का इजहार
यह ज़ालिम वक्त
कितना बुरा जुलुम हुआ  मुझपर


जी आर कवियूर

Sunday, December 18, 2022

बीते हुए दिनों की यादें मैं

बीते हुए दिनों की यादें  मैं


भीगे हुए बरसात की रातों में
बाहों में बाहें लिए जाते थे
यादों की बूंदे अब भी ताजा है
मन अब भी जवानी में

दोहराने से झूठ नहीं होती है
कह दे यह कहानी सच्ची है
फिर भी तेरी मेरी बातें अधूरी है
क्यों यह अब भी मजबूरी है 

जिंदगी की राहों में
दो दिलों की मेले में 
बने बिगड़े बातें हैं
प्यार लिए जाते हैं

भाग्य किसी का होता है
भूल को कुबूल लिए जाते हैं
बंदी चाहते निकाह में बदले जाते हैं
यही फेरा लिया जाता है

भीगी हुई बरसात की रातों में
मैं और तुम साथ साथ रहे
आज भी वो रात याद है
बीते हुए दिनों की यादें
मुझे शायर बना के छोड़ेंगे

जी आर कवियूर
19 12 2022










Saturday, December 17, 2022

कह दो

कह दो 


जोभी कहुं कहता रहूँ

कहने को क्या कहुं 

इतना भी कह दे 

इशारो से इशारो तक 


गरमीयो में सावन जैसे 

खिलती हुवी फुले 

तेरी लबोपे नजर आये 

दिल बोल ऊठे की 


कुछ तो है जो 

बोलने को बेचें है 

कह डालो वर्णा 

टूट जावोगे की 

तुम हमें करते हो प्यार 


जी आर कवियुर 

मेरी कविता

मेरी कविता 


जीता हूं इस जिंदगी के मेलोमे 

अजनभी बनकर रहताहूँ

दुविथा या सुविधा है मेरे सात 

दिलसे उतर आती है वो 


दिल और दिमागसे 

लबोसे उंगली योसे 

उतर आती हो   

कलम से कागज़ पर 

उसे देख लोग कहते है 


मुझे पागल सुनकर में 

हो जाता हूं घायल 

तू मेरी आश्वास विश्वास 

जीने का आधार 

तुहि मेरा संसार 

तुहि तुहो मेरी कविता   

  

जी आर कवियुर 

18 12 2022


बिछट ने केलिए

  बिछट ने केलिए 


इतना भी क्यूं  बेचेनिया 

खाये मेरे दिलको 

तेरे बिना होताहै 

इस कदर  बेकरारी 


पायामेने  सुखुन 

इस खामोशीयोसे 

तेरे बिना मेरे यारा 

तन्हाई भी अच्छा लगता है 


मगर इस हालमे 

जीनही सकता  

क्यों इस तरह कुदरत ने 

बनाये है प्यार बनके

 बिछट ने केलिए 


जी आर कवियुर 

रहे हमेशा

रात  गुजरी शांत से 
नींदे हुयी आरामसे 
तुभी रूटे तो वह 
सपना भी क्यों रूटे 

टूटी हुवी इरादे 
जोड़ने को नहीं हुवे 
अनसुनी कहानियो को 
बुनता गया आखिर 
कितने दिन यह चलेगी 

रात और दिन की मेल 
मिलाप हो के ही रहेगी 
नींद सात रहे हमेशा
तुभी रहे हमेशा 

जी आर कवियुर 

हमदम

हमदम 

 दूजा कोई न मेरे संघ
तुझसा न कोई दिलरुबा 
आवे जरा हाथ थाम ले 
 दिल्ना बटक जाये 

 तेरेलिए गावउं इस गीत 
 बेचेनिया दूर बागे जिया
आवो मिलबांटकर रहे 
 इस आशियाना में हम 

 प्यार का रंग मिटेना मिटे
 सदियों से सदी 
 सात जन्मोमे सनम 
 बरक़रार रहे हमदम 

 जी आर कवियुर
 18 12 2022

Friday, December 9, 2022

प्यार प्यार प्यार.

प्यार प्यार प्यार.

बोल ना सका मेरे यारा.
बिना बताए हुए इश्क.
बहुत बार.जबान तक आए.
मगर कहना सके, भूल गए..

चौधवी कि चांद बनकर.
चौखट पे खड़ी तू.
मुखड़ा चांद सा लेकर.
चौक गए.और चाहत.के मारे.
फूल उठे.धड़कता दिल लिए.

मन में लेकर उठे मगर.बोलने को.
मैं तुम्हें कितना प्यार करता हूं.और.
हम भी करता हूं..
प्यार प्यार प्यार.

जी आर.कवियूर

Thursday, December 8, 2022

करते हो प्यार.

करते हो प्यार.

इशारे इशारे पर 
समझ पाया मैं 
तेरी आंखों में चमकती
 सितारों की डगमग.

कितने सदियों से.
चला आ रहा है
इस चमन पर तेरी.
इशारों से इशारे पर.

भुला ना पाए तेरी..
होठों पर खिली यह
चांद सा नशीली
बातों को सनम.

बेकरारी इतना मत करो.
कह दो कि तुम मुझसे 
करते हो प्यार.

जी.आर. कवियूर

Friday, December 2, 2022

तमन्ना जगाती है.

तमन्ना जगाती है.

झील जैसी आंखें..
मेरे  होश उड़ा देती है.
चाहा फिर भी नहीं पहुंच सके.
चंचल सी दिल में

आशा भरी सपने ले चले हैं.
तेरी खोज में निकलते ही.
रास्ते के कांटे और पत्थर 
फूल जैसे लगते हैं.

मोहब्बत में इतना.दम है कि.
नैय्या.बिना सागर को भी पार करें....
तेरी.झील जैसी आंखें.
मेरे जीने की तमन्ना जगाती है.

जी आर.कवियूर
03 12 2022

Thursday, November 24, 2022

अंदाज लिए.

अंदाज लिए.

दिल में..शायराना  अंदाज लिए.
सपने देखने लगे.चिड़िया की तरह.
पंखुड़िया फैलाकर.उड़े आसमान तले.
मगर सोचा नहीं.काबिलियत.के.
सीमाएं ना जानकर.

अपने को.समझ बैठा.गालिब जैसे.
गलियों में.फिरता रहा.
आवारा पागलों की तरह..
यह कोई भूल तो नहीं.
यह धरती में.एक चींटी.भी.
अपने आप को.समझते हैं.खुदा.
ख्वाहिश.और लगन है तो.
क्यों नहीं.पहुंचेंगे..
आसमान के तारे तक.
कोशिश कोई कशिश नहीं है.
होने को तो हो सकता है.
दिल छोटा मत करो यार.
काबिलियत है तुझ में.
थान लोग.यह मंत्र.
उत्तिष्ठदा.
जाग्रता.
प्राप्य वरान्निबोधत

जी आर कवियूर
24 11 2022

Monday, November 21, 2022

ढूंढता था उसे (ग़ज़ल.)

ढूंढता था उसे
(ग़ज़ल.)


खामोशियों से जूझता मन.
खोजने लगा बीते हुए.
दिनों की किस्से हजार.
दीवाना बने घूमते थे.

उसे पता नहीं था मगर..
आंखें आंखों से मिलते थे.
सपनों में भी.दिखती थी..
दो लफ्जों में कहना चाहा.

मगर हालात ने अलग कर दिए.
आज भी वो लमहे ढूंढता हूं.
मगर दिखते नहीं वह कहीं.
भीड़ में खो गई हो..

याराना अंदाज से
मुलाकात कर नहीं सके मगर.
आती जाती है वह मेरे नगमा में.
गजल बनकर लोग 
वह कहानी दोहराते हैं.

खामोशियों से जूझता मन.
खोजने लगा बीते हुए दिन.

 जी आर कवियूर
21 11 2022

Friday, November 11, 2022

इनकार करे तो भी.

इनकार करे तो भी.


हमें तुमसे कितना प्यार है समझो
तुम कितना भी इनकार करे तो भी.
तुम हमारे दिल में रहती हो.
तुम्हें कोई भी समझ आए तो ना समझे.

हमें तुमसे कितना प्यार है समझो
तुम कितना भी इनकार करे तो भी.

आए बरसात या सावन तो भी.
नहीं बदलेगी हमारी इरादे.
कहो पागल या आशिक 
हर नगमा में तेरे ही नाम लिखूंगा

हमें तुमसे कितना प्यार है समझो
तुम कितना भी इनकार करे तो भी.

मौत आए तक भी 
ना भूल जाऊंगा
हमें तुमसे कितना प्यार है समझो
तुम कितना भी इनकार करे तो भी.

जी आर.कवियूर
11 11 2022

Monday, November 7, 2022

यह समा.

यह समा.

कमाल का है यह समा.
यह वादियों में तेरी याद में चला.
खिलती हुई कमल.
कागज में उतरी.
नगमे वफा का सनम.

कमाल का है यह समा.
यह वादियों में तेरी याद में चला.

नजरे बिछा का गया.
राहों में तेरे लिए.
और रहा नहीं जाए.
इस तन्हाई.यो में

कमाल का है यह समा.
यह वादियों में तेरी याद में चला.

जी आर.कवियूर
08 11 2022

Saturday, November 5, 2022

मत लो

मत लो

कह दो तुम मुझे 
कितना प्यार करती हो.
बार-बार यह पूछने को..
तनिक की भी.मुझे.
शरम तो नहीं.क्यों.की.
मैं तुमसे प्यार करता हूं.
बेकरारी इतनी हो चुकी है.
इंतजार और मेरे से होती नहीं.
फूलों पर मंडराना.मेरे से होती नहीं.
मगर प्यासा ही रहता हूं.
तेरे खुशबू पर.मरने.तक का नाम.
लेवे.को तैयार हूं..
अब भी मेरे प्यार का इम्तिहान.
मत लो मेरे यारा

जी आर.कवियूर
06 11 2022

आज भी मैं

आज भी मैं 

आज भी मैं तेरे याद में जीता हूं.
जहां भी.देखो तो
तुम ही तुम नजर आती है..
रितु बदले.
मगर तेरी आने की.
झलक नहीं दिखाई दिया.
तन मन इस कदर झूम उठे.
तेरी आने की खबर सुनकर.
तन मन इस कदर झूम उठे.

बजी शहनाई.
ढोल पीटे.
पायल की झंकार उठे..
तेरी मुस्कान की आहट हमें जगा दिया.
सपनों से.साकार हो गई है क्या.
आज भी मैं तेरे याद में जीता हूं.

जी आर.कवियूर
05 11 2022

Wednesday, November 2, 2022

वादा इतनी करता रहता हूं.

वादा  इतनी करता रहता हूं.

खामोशियों में..
ढूंढता रहा इन वादियों में..
तुझे पा गया दिल की धड़कनों में.
शिवाय और के लिए नहीं मेरे लिए
 तेरी मुस्कान हमेशा रहे साथ साथ.
वादा  इतनी करता रहता हूं.

तितली बन.
मेरे दिल की फूल पर बैठे रहना.
चांद सितारे और सूरज भी
तेरे लिए.ला देता हूं..

तेरी सोच पर..
खुशियों के मारे.
आंख भर आई..

सागर की लहरें भी.
तेरे नाम कर गई.
किनारे भी तेरे कदमों में.
चूम लिए.

जी आर..कवियूर
03 11 2022

Tuesday, November 1, 2022

तेरे लिए (गजल)

तेरे लिए (गजल)

यादों की शायरी.
सूखने से पहले.
शहद की मिठास.
कलम और कागज 
पर उतर आए.

इस अंजुमन में.
तेरी शरारत भरी 
आंखों की.याद आई.
दिल में हलचल मच गई.

जो बोलना चाहा वह.
वक्त में भुला गया क्यों.
दिल्लगी यह क्या चीज है.

आज खाली याद रह गए.
होती क्यों इस तरह
 मेरे साथ क्यों.
आज फिर गा रहा हूं.
तेरे लिए सनम.

जी आर..कवियूर
02 11 2022

Friday, October 28, 2022

मेरे दिल में भी

मेरे दिल में भी

आंख मिचोली खेलें
तेरी याद आज भी.
बरसात की बूंदे पर.
मुझे तेरी पायल की
झंकार सुनाई देती है..

अंबर में.निकली.चांद में..
तेरी मुस्कान नजर आती है.
सागर की लहरें.
जब लौट जाती है.
तेरी रूठना मुझे..
महसूस.कर देती है.

कोयल की बोली में.
बांसुरी की धुन में..
मोर की नाचने में.
मेरे दिल में भी.
तू ही तू है.

जी आर.कवियूर
28 10 2022

Wednesday, October 26, 2022

कुछ तो बोलो

कुछ तो बोलो

भूलनl चाहा.
मगर  हो नहीं सकता.
तेरे बिन नहीं जी सकता.
संघर्षों से जूझता रहा.
समझौता नहीं हो सकता
तेरे बिना जी नहीं सकता.

जिंदगी की इस कश्ती में.
तेरे बिना लंगर नहींडाल सकता.
सागर की गहराइयों तक.
तेरे दिल में डूबना चाहा यारा.

तू कितने भी न करो.
मैं हार नहीं मानने वाला..
कल्पअंध.तक तेरा पीछा 
नहीं छोडूंगा सनम. 

यह मेरी  दिल लगी है.
और खामोशियों को
बरदास नहीं कर सकता.
कुछ तो बोलो मेरे यारा.

जी आर.कवियूर.

Tuesday, October 25, 2022

दफना दिया.

दफना दिया. 

लबों में तेरी नाम हो हरदम..
दिल में उतरे प्यारे नगमे.
तेरे नाम 
क्या बताऊं.
इसके सिवा यारा..

लिख गाता हूं 
तेरे लिए सुबह शाम.
नीलगगन और सागर.
रहे तेरे लिए.
पहाड़ों से निकली झड़ने.
गाय सरगम तेरे लिए.

इस तरह खामोशी.और.l
सहा नहीं जाए सितम.
सीने में पत्थर नहीं
दिल है दिलरुबा.
तेरे इश्क ने कर दिया 
मुझे घायल...
मेरे मुरादों को..
दिल में ही दफना दिया. 

जी आर...कवियूर

Monday, October 24, 2022

समा जाओ रे.

समा जाओ रे.

इश्क इश्क की दरिया में.
डूब चुके मेरे नईया मैं.
हाल क्या बताऊं  सैयारे..
दिल खोकर.हार गया हूं भैया हरे.
तेरी आंखों में रहना चाहा रे.
चमक उठे सारे बाहों में.
और खोना ना चाहूं तुझेमेरे.
पल बहुत कम है रे.
सांसों में निहारू रे.
हां मैं पागल हुआ तेरे प्यार में.
और नहीं तड़पाओ रे.
लग जा गले.मेरे गीतों में.
सावन बनकर समा जाओ रे. 

जी.आर.कवियूर
25 10 2022

Friday, October 21, 2022

तू दिल में रहती है.

तू दिल में रहती है.


जो कहता है कि
मेरे दिल में.तू रहती है.
सरासर झूठ है यह.
मैं अगर कह दूं तो.
क्या करोगे तुम.

यही तो राजनीति है.
सदा चली आई है.
राम ने कहा और
 कृष्ण ने भी..कह दिए की.
सीता और राधा दिल में रहती है.

कितने दिन झूठ बोलेंगे.
दिल में क्यों.  
कह दो की.
तू साथ में रहते हो और.
मरते दम तक..
.साथ रहेंगे..

जी आर.कवियूर

Thursday, October 20, 2022

घायल कर दिया

घायल कर दिया

आखिर तूने.मेरी बात का..
बुरा क्यों मान लिया.
तुझे देख कर..
 झलक उठे जाम भी.

हाय यह कुदरत ने 
क्या चीज बनाई है.
चौपाया.और नहीं 
पाया पछताया.

मोहब्बत तेरे बारे में.
सोचेतो भूल गया.
सब कुछ,.मैं अपने को
भी भूल चुका..

यह क्या जादू है.
कितना भी छुपाए तो भी.
उभर आया दिल में..
तेरे खयाल घायल कर दिया

जीआर कवियूर
21 10 2022

यह मेरा दिल है.

यह मेरा दिल है.

आखिर तुम्हें चाहा.
कितना भी कहो 
कम पड़ जाए...
वक्त की तकादा मैं.

बस इतना कहना चाहूं.कि
मैं मेरे से भी.
तुझे प्यार जो करता हूं.
जिंदगी के इस पड़ाव में.
और क्या बताएं..

कम ना पड़े.मेरे.यारl.
तिनका तिनका बूंदे बूंदे.
नस-नस पर 
तेरी ही नाम लिखा है.
चीर के दिखला दूं.
यह मेरा दिल है.
कागज के फूल नहीं यारा.

जी आर .कवियूर 
20 10 2022

Wednesday, October 19, 2022

इस जिंदगानी में.

इस जिंदगानी में.

तेरी यह जिंदगानी.
बड़ी अजीब है.
दिन रात तेरे ही 
ख्यालों में.खोयासा
 रहता हूं..

यादों को भुलान सका.
तेरे नाम दिल के करीब है.
तेरी हंसी गुलाब जैसी खिली.
तोबा तोबा क्या तोफा अनमोल है.
परी जैसे तू हो.

हां यह जलवे इतनी
 इनायत.भरी.है
तेरे ही सोच में ही जीता हूं
 इस जिंदगानी में.

जी आर.कवियूर
20 10 2022

जिए इस आशियाने में.

जिए इस आशियाने में.


निगाहों ने निगाहों से पूछा.
क्या रंग लाई है तुने.
नया मॉड लlई है जिंदगी में.
तेरी अदाएं.कर गई मुझे घायल.

जीते जीते हार गया हूं.
तेरी अदाओं  से  सनम
बोलने के लिए नहीं रह गई.
कोई बातें, मुलाकाते..

छा गई मोहब्बत.
दिल में समा गई.
भूलना चाहा तो भी
 नहीं हो पाई.

तेरे नजरों के सामने.
गाता रहूं.
तेरी प्यारी बातें.
आओ मिलकर जिए 
इस आशियाने में.

जी आर.कवियूर.
20 10 2022

तेरी यादों लेके चला.

तेरी यादों लेके चला.

यूं ही मैं चला दिल हार कर.
तेरी यादों की बारात लेके चला.
जुगनू बि सात दिए.
रंगोली सजी , चिराग जले.

तेरी आंगन से गुजरा.
बिन बुलाए यादों को लेकर.
मेरी बेबसी देख चांद मुस्कुराए.
तब भी वजह देखता रहl..

पुरवइया चली धूमधाम से..
मेरी किस्मत.  रोते रह गए..
साया भी सात न दिया.
तारे चमक उठे.

सागर भी लौट चलें
किनारे से मुंह मोड़ कर.
मैं बेचारा और क्या कर सकूं.
तूने तो नजर उठाकर भी नहीं देखा.

फिर भी चला दिल हार कर.
तेरे प्यार पर l हे दिलरुबा.
खुदा तू ही गवाह.
हाय मेरे प्यार लुट गए..

संभालू कैसे दुनिया वालों.
अरे किसी के साथ में ना हो दोबारा
मैं चला दिल हार कर.
तेरी यादों की बारात लेके चला..

जी आर.कवियूर
19 10 2022

Tuesday, October 18, 2022

सताती है.(गजल)

सताती है.(गजल)
जी आर कवियूर.

जिंदगी इस कदर 
बार-बार सताती है.
तुझ संग जीना चाहा.
मगर वह तो 
एक ख्वाब रह गया.

आज भी सोच में
.डूबा रहता हूं.
बीते दिनों का.
रंगीन नजारे.
और बात आज भी.
लिख गाता हूं.

तेरी आवाज में.इसे 
गाकर सुनना चाहा.मगर तू तो 
बात से भी दूर रहती हो.
छोड़ गई मुझको.
इस गुमनाम डगर पर सनम.

जिंदगी इस कदर 
बार-बार सताती है

18 10 2022

Thursday, October 13, 2022

कुबूल कर लो

कुबूल कर लो 
जी.आर.कवियूर

बार-बार पुकारा.कितना.
हृदय से हारा.
आंखों से खून टपके.
दिल से आंसू निकले.

तेरी ही दर्द छुपा रखा हूं.
 गुलाब दिखता है.
खोल के देख लो दिल मेरा.
तेरे लिए ही.सजा रखा है.

कागज समझ कर
उसे फेंकना देना सनम.
यह मेरे तोहफा है.
इस नगमे को कुबूल कर लो

उभर आई

उभर आई
जी.आर.कवियूर

पलक छपते ही.
तू कहां चली गई.
शायराना अंदाज 
ढूंढता रहा तुझे.

नगमा में पाया
.तेरी नक्शे और कदम.
कलम ने तो पहचान लिया.
तेरी खून भरी.लिखावट.

आंखों में उतर आई.
दिल के द्वारा लबों पर.
तेरी खामोशियां.
इस कदर.महफिल में.उतर गई

लाखों दफा. 
मेरे कागज पर.
लिखे और काट दिए.
तेरे नाम.

इतना जो.
दिल पर छा गई. 
जैसे.बादल तले.
इंद्र.धनुष की रंगों में.
देख देख कर लिखता रहा

सुनी हुई राहे.
थक गई.नजरें 
और नजरl आने.
चांद भी.मुस्कुरा दिए.
मेरे हाल पर.

ठोकरें क्यों खाए.
प्यार के नाम पर.
तन्हाइयों ने.
संवारा.सजाया.
मेरी मन की आरजू.
कविता बनकर उभर आई

13 10 2022

Wednesday, October 12, 2022

दिल नहीं.भरतl

दिल नहीं.भरतl 
जी.आर.कवियूर


दिल यह बेकाबू
.तेरे सिवा
.संसार में.
जी नहीं सकता.
तेरी मोहब्बत ने.
मुझे घायल कर दिया.
कब तक जिए..
तेरी यादों के.
सपनों में सनम..
जितना भी..कहो.
तेरे.बारे में.
कम.पड़ता है.
मेरे लिए.हाय 
दिल नहीं.भरतl सनम

13 10 2022

खो चुका हूं (गजल)

खो चुका हूं  (गजल)
जी.आर.कवियूर


याद रखता हूं.
तेरे याद सखी..
बीते हुए दिनों की..
सपनों में जीता हूं.

आने वाली कल को भी.
सोचना भूल चुका हूं.
इस तरह और कितने दिन.
बिकाऊ इस हाल में..

तेरी खामोशियों के.
पल पल खा जाती है.
दिन रात एक कर.
चाहतों के भीड़ में.
खो चुका हूं

Monday, October 10, 2022

कहां चल बसी (गजल)

कहां चल बसी  (गजल)
जी.आर.कवियूर

कितना प्यासा रहा.
तेरे प्यार पाने के लिए
.तुम कहीं भी हो तो 
मेरे दिल की हालत जान लो.

शीशा के तरह मेरे दिल.
चमक उठा तेरे याद में.
चांद उतर आई तेरे मुस्कान में
.सपनों में तू परियों की तरह

फिरlई बाहों मेरी तरफ..
मैं उड़ान.भर लिया.
मगर मेरी निंदिया टूट गई.
और तू कहां चल बसी यारा

10 10 2020

शायर बना देती (गजल)

शायर बना देती  (गजल)
जी.आर.कवियूर


तेरी खामोशी.मुझको.
शायर बना देती है..
क्यों इस कदर.चुप हो.
दिन में तारे देखता रहता हूं

.हजार बार पुकारा मैंने.
हलचल मच जाती है.
इतना क्यों गुनगुनाने.की 
आदत मुझ में डालती हो.

मुझसे मुझको चुरा लिया.तूने.
और नहीं.सहा जाता.
बोलो बोलो.मुझसे चाहती हो क्या.
क्या मेरी नगमे को.चाहती हो..

आओ तेरे लिए.गाजू.
प्यारे प्यारे गीत.
तेरी खामोशी
.मुझको.शायर बना देती

10 10 2020

Sunday, October 9, 2022

तेरे हवाले.(गजल)

  तेरे हवाले.(गजल)
जी.आर.कवियूर


हाय रे. मेरी जिंदगी तेरे हवाले.
कर दी.मेरी निंदिया.रे.

जब तू.चाहते हो हमें.
लौटा दे.मेरे प्यार को.
मेरे दिलदार को.
जिसके सहारे जीता था.
मेरे याद रे.

हाय मेरे सनम..
तुझे पाया नहीं इस जन्म...
फिकर नहीं. जन्म जन्म की
मेले जो लगी है..
अनमोल है 

बीते हुवे हर एक वक्त भी.
तेरे संग बिताया है मैंने.
वापस तो नहीं आएगा.
वह सावन की.मीत और रीत

हाय रे. मेरी जिंदगी तेरे हवाले.
कर दी.मेरी निंदिया.

10 10 2022

गाता रहूंगा. (गजल)

गाता रहूंगा. (गजल)
जी.आर.कवियूर


दिल में अंगारे बरस गई.
कली जो खिली तेरी होठों पर..
हा यह.क्या मुस्कान है मेरे लिए..
क्या कहूं मैं आज.खुशनसीब हूं.
तेरे आने से.सनम.

बेकरारी जो कुछ थी.
हट गई  उजाले की और ले आई.

तेरी मेरी मेरी तेरी...
प्रेम कहानी.
भुला नहीं सकती..

वह तो.गुमनाम थी.
और वह ऐसे ही रहेगी..
केवल   गुनगुनाता रहूंगा.
महफिल में.
नगमा के सहारे.
गजल बनकर  गाता रहूंगा.

09 10 2022

Friday, October 7, 2022

तेरी आंखों में..(गजल)

तेरी आंखों में..(गजल)
जी.आर.कवियूर

तेरी आंखों में.
बसा हुआ राज क्या है.
इस कदर मुझे.भाती है.
बार-बार.छू जाती है दिल में.
.हाय.यह जादू.क्या है.
किसको..बताऊं.
कैसे बताऊं.

तेरी आंखों में.
बसा हुआ राज क्या है.

इस राज मोहब्बत का.
सीने में लेकर 
घूमता रह गया.सदियों से
 यही चलता रहा.
मगर क्यों नहीं बता पाया.

तेरी आंखों में.
बसा हुआ राज क्या है.

जी और कवियूर
07 10 2022

खो बैठा.(गजल)

खो बैठा.(गजल)
जी.आर.कवियूर

तेरी याद इतना तड़पाए
होश और आवाज़ खो बैठा.
 झील सी आंखों में. 
तूने हजार सपने दिखाए.

खोजा तुझे गली और चौबारे में..
सावन के हवाओं से और
फूलों की खुशबू से भी पूछा
कोई भी मुझे.तेरी पता.नहीं बताए.

कहां छुप गई हो तू.
रहती हो कहां
खोजता रहा.
आखिर पाया मैंने
दिल की आईनेमें तुझे

याद इतना तड़पाए
होश और आवाज़ खो बैठा.

07 10 2022

Friday, September 30, 2022

जंग जिंदगी का (गजल)

जंग जिंदगी का (गजल)
जी.आर.कवियूर

नजर से नजर मिली...
मिली आसमान सागर से.
 मिला सागर शोर से....
सांस सांस से मिली
मिली तेरे मेरे संसार से.

हाय यह घायल दिल को..
समझाऊं कैसे.
हाय घायल दिल को 
समझाऊं कैसे..
संभलते.संभलते.
रह गई डगर पर

मीठी-मीठी सपने..
साकार होगा कैसे.
तुम ना मिली तो.
होगा कैसे यह प्यार.
आओ सनम.
मिलजुल जाए.
और नहीं हो सकती..
ऐलाने.जंग जिंदगी का

जी.आर.कवियूर
30 09 2022

खामोशियों का सुख (गजल)

खामोशियों का सुख (गजल)
जी.आर.कवियूर


तेरी अरमानों के लिए..
करता हूं पूजा.
बेबस दिल की मुरादे  पूरा हो.
यही रही मेरी दुआएं.

जहां कहीं हो तू.
खुश रहे हमेशा.
दुआ है और क्या मांगू.
मांग पर सिंदूर रहे हमेशा.

मीठे हर दुख तेरा.
 और तेरी याद
हमारे साथ रहे

सुखचैन पर प्ले.
हमेशा साथ रहे.
खामोशियों का.
सुख पर मैं  जीता रहा हूं.

01 10 2020

Wednesday, September 28, 2022

थक गया हूं. (गजल)



थक गया हूं. (गजल)

तुम्ही ने हमको याद किया है.
कितना भी  रोए  दिल बार-बार.
कैसे कहूं.किसको कहूं.वेदना.
राह देख देख कर आंखें बरआई.

अरे क्यों तू नहीं आई.
इस कदर क्यों हमको.
तड़पाती हो तुम क्यों.
जिंदगी की इस दौड़ पर.

थक गया हूं मैं.और हमसे.
इंतजार नहीं हो सकती है.
जाओ बाहों में.तरसती है.
दिल बार बार.

आखिर यह जिंदगी कितनी
 छोटी है.
तुम्हें मालूम भी होना चाहिए
मगर तुम क्यों नहीं आई.
वक्त और नहीं है समझो.
समझौता कर लो अबभी.

जी.आर.कवियूर
29 09 2022

Saturday, September 24, 2022

मेरे यारा.(गजल)

मेरे यारा.(गजल)

आज तुझे पुकारता रहा.
अजनबी.राहों से गुजरता रहा.
अदाएं फिर लिए मगर.
आगे तक तेरी नाम निशान ना मिला.

अरे तू कहां रूठ गई.मैं तो तुम्हें.
आरजू से ढूंढता रहा इस कदर.
आईने ने भी.झूठ.हाय.
अगर मगर की डगर पर..गुमनाम.हो.

आजाओ मेरी महफिल में सही
आन बान शान दूंगा तुम्हें.
अभी.जाओ.क्यों.तड़पाती इस कदर
आई तू मेरे कागज कलम पर
नगमे बनकर छा गई तू..

और रूठ कर ना जाओ मुझसे.
आती नहीं और.रास्ते रिश्ते की.
आवाज.ना करो.मेरे यारा. 

जी.आर.कवियूर
25 09 2022

Saturday, August 13, 2022

आजादी ही अमृत है ll

आजादी की अमृत है ll
नदियां अनेक है 
सागर तो एक है 
जिंदगी एक है 
रंग.तो अनेक है 
सत्य ही नेक है.
तरंग तो अनेक है.
तिरंगा तो प्यारी है.
आतंक तो बुरा है.
सात रंग की इंद्रधनुष्य है.
शिव की रंग.का.सफेद है..
मन ही सुंदर है.
तेरी मेरी संग ही..
अनेक में. एक है.

जीआर..कवियूर

13 08 2022

Saturday, July 23, 2022

तेरी याद में गाता हूं

तेरी याद में गाता हूं
.बांसुरी के धुन में सनम.
बेसुर था मन मेरा.
तूने .भर दिया.प्यार के तरंग.
बन जाए  उमंग  हरदम...
सात सुरों की सरगम
.सात जन्मों की संगम.
शबनम गिरे हरदम.
मोतियों का चमक..
यारा तेरी.यादों की.बरसात कदम
.मुझे तन्हाई से दूर रखते हैं.सनम.
जीता हूं तेरी याद के सहारे.
हर कदम जनम जनम.

जीआर.कवियूर

Tuesday, April 19, 2022

मन मोड़ा.

मन मोड़ा.


दिल मेरा किसी ने.जोड़ा.
तनहाई में रहते रहते रोया.
शायरी की तरफ मन मोड़ा.
गाते गाते चांद.सोए.

दिल मेरा किसी ने.जोड़ा.
तनहाई में रहते रहते रोया.
शायरी की तरफ मन मोड़ा.

सूरज आकर मुस्कुराया.
निंदिया तो मगर नहीं पाया.
दिल मेरा धड़कता धड़कता रह गया.
दुआएं कितना उसके लिए.मांगा.

दिल मेरा किसी ने.जोड़ा.
तनहाई में रहते रहते रोया.
शायरी की तरफ मन मोड़ा.

जी आर कवियुर
19 04 2022

Monday, March 7, 2022

जीने दो सपनों में

जीने दो सपनों में


लोग कहे मैं तेरे
 प्यार में पागल.
शोर मत करियो.
मेरे ख्वाबों.से वह
 चली ना जाए.
उसकी नशीली नैना
छलकती.प्यारासा...
होठों में.
यह नजारा हाय जीने.
जीने का सहारा था.
अरे लोगों क्यों इतना 
चिंतित हो हमारे लिए.
हम तो ठहरे.आशिक आवारा.
हमें जीने दो इस हाल में.
यादों की बरसातों में.
दिल में बिजली चमकती है 
उनकी अदाओं में 
जीने दो सपनों में ही सही

जी आर कवियुर
8.03 .2022

Thursday, March 3, 2022

आवो महसूस करके

यूं मुस्कुराए.
लागे चांद..उत्तर आए.
मोरे निंदिया में.
सपना सालोरा.कर दे.

हाय यह अदाएं...
मुझे भाग गई.इतना रे.
रूट क्यों गई मुझसे.
मनाना आता नहीं..

मान भी...जावे.
अरमानों को पूरा करके.
मुस्कान भर कर जाइएगा.
जनम जनम की.

कीमत चुकाते.हुए..
लौट के जाना है सबको.
क्यों रूठ कर 
टूट कर क्या मिलेगा.

आवो महसूस करके 
मोहब्बत का इस आशियाना...

जीआर कवियूर
03 03 2022

Monday, February 14, 2022

जिंदगी बार-बार नहीं मिलती.

जिंदगी बार-बार नहीं मिलती.
जरा समझो यह.खुदा  की देन है.

वफा यह प्यार का पैगाम है.प्यार करते 
वजह नहीं वापस जॉ मिले जरूरी नहीं.
 दिन अनगिन ना रह गए
 उंगलियों में गिन लो...
आए हुए दिन को.दीया जैसे संभालो

जिंदगी बार-बार नहीं मिलती.
जरा समझो है.खुदा  की देन है...

कहने से नहीं बनता शोर ना करो.
महसूस करो प्यार का करो इंकार ना करो.
जिंदगी बार-बार नहीं मिलती.
जरा समझो है.खुदा  की देन है...

.जीआर कवियूर

Wednesday, January 26, 2022

तेरी याद की है

तेरी याद की है

तेरी याद की है
कोई जुर्म नहीं की है
तनहाई में नींद नहीं आई
दिन में भी देखे सपने हजार

इतना ना दो सजा की
एक बार भी मुलाकात ना किया
सनम तुझे देखने के लिए
आंखें तरसता रहा और 

प्यार  की याद बनकर 
दर-दर भटकता रहा
आजकल तो सपने में भी 
आने से कतराते क्यों

तेरी याद की है
कोई जुर्म नहीं की है

जी आर  कवियूर
26 01 2022