जीने दो सपनों में
लोग कहे मैं तेरे
प्यार में पागल.
शोर मत करियो.
मेरे ख्वाबों.से वह
चली ना जाए.
उसकी नशीली नैना
छलकती.प्यारासा...
होठों में.
यह नजारा हाय जीने.
जीने का सहारा था.
अरे लोगों क्यों इतना
चिंतित हो हमारे लिए.
हम तो ठहरे.आशिक आवारा.
हमें जीने दो इस हाल में.
यादों की बरसातों में.
दिल में बिजली चमकती है
उनकी अदाओं में
जीने दो सपनों में ही सही
जी आर कवियुर
8.03 .2022
No comments:
Post a Comment