Monday, June 19, 2023

तू ही तू

तू ही तू

तेरे होठों में खिले
गुलाब की लाली
मुस्कुराने से
महक के चमेली

तुम संग रहे
वह सावन की दिन है
आज भी भुला न पाया
सनम इस बेकरारी सहा नहीं जाता

तुम कब आए तो
हवा का झोंका भी
बदल जाए जिस तरह
सागर में लहरे

मेरी शेर शायरी गजलो
में नजर उठाए 
तू ही तू 

रचना 
जी आर कवियूर 
20 06 2023

Wednesday, June 14, 2023

नशा क्यों है ( कविता )

नशा क्यों है ( कविता )


किस मिट्टी से तुझे बनाया
किस्सा पुराना हो या नया 
तुम तो छू गई है 
मेरे दिल में सनम

कितना भी लिख तेरे बारे में
खत्म सा होता है
तेरे हुस्न की बातें सनम
सपना अपना साकार होगा कब

तेरे मिलन की सावन
आएगा कब पता नहीं
हवा के झोका महसूस किए
तेरी खुशबू की एहसास लिए

बीते हुए कल की याद में
जीता रहा हूं मैं
जैसे मैं खाने पर हो
तेरी सोच में इतना
नशा क्यों है सनम

रचना 
जी आर कवियूर 
15 06 2023

Sunday, June 11, 2023

मन मंदिर की सूरत हो

मन मंदिर की सूरत हो

तू मेरी दिल की 
आईने मैं बसी सूरत हो
मन मंदिर की मूरत हो

तेरी बोली सुन
कोयल की कू के
तेरी चलने देख
मोर भी नाचे अनमोल

बादल में छुपे
चांद भी खिले
ब्रह्मा भी अनुरक्त हुवे
मेरी बात क्या बताएं
तुझे देख उत्तरी कल से
शायरी और गजल

तू मेरी दिल की 
आईने मैं बसी सूरत हो
मन मंदिर की मूरत हो

रचना 
जी आर कवियूर 
11 06 2023