तेरे लिए ............
प्यार को लेकर जा पहुंचा हुं
चाँद सितारों के आँगन में ।
जगमगा रहे है दिल की दर्पण पे
तेरी सूरत की मूरत ।
दिल के सूरज पे
आई हुई बादल ने
छिपाई तेरी चमकती
मोती भरी इस मुखमंडल को परदे से ।
पाऊँ कैसे इस प्यार को में
घायल होकर फिरता हुं
शायर बनके लिखू केसे
तेरी बोली तो न समझता हुं ।
तेरी आंखें में लिखी हुई
नंगमे चुरा कर लिखता हुं
फिर भी तू न समझे
काजल जैसी बादल को ॥