मेरी यादोमे तू (गजल ) जी आर कवियूर
आज मगर तू इस कदर लगती हो
चाँद और चांदनी शर्मा जाते है ।
तेरे सामने आते ही
फुल भी लगती है बहार ।
तेरे पलके झपक ते ही
तारे भी कम लगते है ।
तेरी बोली सुनकर
कोयल भी चुप हो जाती है ।
तेरे गुगट उठते ही
सूरज भी बादल में चुप जाते है ।
तेरे होटो की मुस्कान से
दिल की आग बुत जाती है ।
तेरे याद नहीं रहते तो
में कबका बिदा हो जाता ।
जीदर भी देखता तो हमें
तुही तु नजर आती हो ॥
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