Saturday, February 27, 2021

तेरी याद में सनम

जैसे बिछड़े हुवे गमो के छाया में 

जिसम और जान जाम बरी महफ़िल में 

जिंदगी की इस मोड़ पर है 

जताया न जासके यारों 


आवो गायें बसंत ऋतु की आने पर 

गम बुलासके होटो पर आई जो 

नगमे उतारूँ ग़म हेट कलमसे 

प्रेम बरी शाहीसे मनकी ठंडक  


खूनकी रंग क्यों हो जाई नीला   

बांसूरीकी धुनमें क्यों दुःखकी 

राग रंग और बेवफायीकी आलम 

ठहरे जो ओसकी  बूंदो पे


न आई निंदिया भी

गीले हुवे तकिया 

दिल भी रोए इतने 

तेरी याद में सनम 


जी आर कवियूर 

28  02  2021  

   

 

Friday, February 19, 2021

तू और मैं

तू और मैं 

तेरी प्यारी नैनन में
देखा प्यार की रंग
मोहोटा तन मन में
जैसे बरसे बादल रिमझिम

आओ नाचो गाओ 
आया सावन की उमंग
 तुम भी गओ हम भी गावे 
आया सावन की उमंग 

तुम भी गावे हम भी गावे 
सात रंग की धुन में हम 
सपनों की निंदिया में 
संग संग रहती तू 

आंखें खुले तो 
तितली बन कर दे उठे
जनम जनम की इस मेले में
तू और मैं ही हरदम 
तेरी प्यारी नैनन में 
देखा प्यार की रंग

जीआर कवियूर
20.02.2021