Friday, October 28, 2022

मेरे दिल में भी

मेरे दिल में भी

आंख मिचोली खेलें
तेरी याद आज भी.
बरसात की बूंदे पर.
मुझे तेरी पायल की
झंकार सुनाई देती है..

अंबर में.निकली.चांद में..
तेरी मुस्कान नजर आती है.
सागर की लहरें.
जब लौट जाती है.
तेरी रूठना मुझे..
महसूस.कर देती है.

कोयल की बोली में.
बांसुरी की धुन में..
मोर की नाचने में.
मेरे दिल में भी.
तू ही तू है.

जी आर.कवियूर
28 10 2022

Wednesday, October 26, 2022

कुछ तो बोलो

कुछ तो बोलो

भूलनl चाहा.
मगर  हो नहीं सकता.
तेरे बिन नहीं जी सकता.
संघर्षों से जूझता रहा.
समझौता नहीं हो सकता
तेरे बिना जी नहीं सकता.

जिंदगी की इस कश्ती में.
तेरे बिना लंगर नहींडाल सकता.
सागर की गहराइयों तक.
तेरे दिल में डूबना चाहा यारा.

तू कितने भी न करो.
मैं हार नहीं मानने वाला..
कल्पअंध.तक तेरा पीछा 
नहीं छोडूंगा सनम. 

यह मेरी  दिल लगी है.
और खामोशियों को
बरदास नहीं कर सकता.
कुछ तो बोलो मेरे यारा.

जी आर.कवियूर.

Tuesday, October 25, 2022

दफना दिया.

दफना दिया. 

लबों में तेरी नाम हो हरदम..
दिल में उतरे प्यारे नगमे.
तेरे नाम 
क्या बताऊं.
इसके सिवा यारा..

लिख गाता हूं 
तेरे लिए सुबह शाम.
नीलगगन और सागर.
रहे तेरे लिए.
पहाड़ों से निकली झड़ने.
गाय सरगम तेरे लिए.

इस तरह खामोशी.और.l
सहा नहीं जाए सितम.
सीने में पत्थर नहीं
दिल है दिलरुबा.
तेरे इश्क ने कर दिया 
मुझे घायल...
मेरे मुरादों को..
दिल में ही दफना दिया. 

जी आर...कवियूर

Monday, October 24, 2022

समा जाओ रे.

समा जाओ रे.

इश्क इश्क की दरिया में.
डूब चुके मेरे नईया मैं.
हाल क्या बताऊं  सैयारे..
दिल खोकर.हार गया हूं भैया हरे.
तेरी आंखों में रहना चाहा रे.
चमक उठे सारे बाहों में.
और खोना ना चाहूं तुझेमेरे.
पल बहुत कम है रे.
सांसों में निहारू रे.
हां मैं पागल हुआ तेरे प्यार में.
और नहीं तड़पाओ रे.
लग जा गले.मेरे गीतों में.
सावन बनकर समा जाओ रे. 

जी.आर.कवियूर
25 10 2022

Friday, October 21, 2022

तू दिल में रहती है.

तू दिल में रहती है.


जो कहता है कि
मेरे दिल में.तू रहती है.
सरासर झूठ है यह.
मैं अगर कह दूं तो.
क्या करोगे तुम.

यही तो राजनीति है.
सदा चली आई है.
राम ने कहा और
 कृष्ण ने भी..कह दिए की.
सीता और राधा दिल में रहती है.

कितने दिन झूठ बोलेंगे.
दिल में क्यों.  
कह दो की.
तू साथ में रहते हो और.
मरते दम तक..
.साथ रहेंगे..

जी आर.कवियूर

Thursday, October 20, 2022

घायल कर दिया

घायल कर दिया

आखिर तूने.मेरी बात का..
बुरा क्यों मान लिया.
तुझे देख कर..
 झलक उठे जाम भी.

हाय यह कुदरत ने 
क्या चीज बनाई है.
चौपाया.और नहीं 
पाया पछताया.

मोहब्बत तेरे बारे में.
सोचेतो भूल गया.
सब कुछ,.मैं अपने को
भी भूल चुका..

यह क्या जादू है.
कितना भी छुपाए तो भी.
उभर आया दिल में..
तेरे खयाल घायल कर दिया

जीआर कवियूर
21 10 2022

यह मेरा दिल है.

यह मेरा दिल है.

आखिर तुम्हें चाहा.
कितना भी कहो 
कम पड़ जाए...
वक्त की तकादा मैं.

बस इतना कहना चाहूं.कि
मैं मेरे से भी.
तुझे प्यार जो करता हूं.
जिंदगी के इस पड़ाव में.
और क्या बताएं..

कम ना पड़े.मेरे.यारl.
तिनका तिनका बूंदे बूंदे.
नस-नस पर 
तेरी ही नाम लिखा है.
चीर के दिखला दूं.
यह मेरा दिल है.
कागज के फूल नहीं यारा.

जी आर .कवियूर 
20 10 2022

Wednesday, October 19, 2022

इस जिंदगानी में.

इस जिंदगानी में.

तेरी यह जिंदगानी.
बड़ी अजीब है.
दिन रात तेरे ही 
ख्यालों में.खोयासा
 रहता हूं..

यादों को भुलान सका.
तेरे नाम दिल के करीब है.
तेरी हंसी गुलाब जैसी खिली.
तोबा तोबा क्या तोफा अनमोल है.
परी जैसे तू हो.

हां यह जलवे इतनी
 इनायत.भरी.है
तेरे ही सोच में ही जीता हूं
 इस जिंदगानी में.

जी आर.कवियूर
20 10 2022

जिए इस आशियाने में.

जिए इस आशियाने में.


निगाहों ने निगाहों से पूछा.
क्या रंग लाई है तुने.
नया मॉड लlई है जिंदगी में.
तेरी अदाएं.कर गई मुझे घायल.

जीते जीते हार गया हूं.
तेरी अदाओं  से  सनम
बोलने के लिए नहीं रह गई.
कोई बातें, मुलाकाते..

छा गई मोहब्बत.
दिल में समा गई.
भूलना चाहा तो भी
 नहीं हो पाई.

तेरे नजरों के सामने.
गाता रहूं.
तेरी प्यारी बातें.
आओ मिलकर जिए 
इस आशियाने में.

जी आर.कवियूर.
20 10 2022

तेरी यादों लेके चला.

तेरी यादों लेके चला.

यूं ही मैं चला दिल हार कर.
तेरी यादों की बारात लेके चला.
जुगनू बि सात दिए.
रंगोली सजी , चिराग जले.

तेरी आंगन से गुजरा.
बिन बुलाए यादों को लेकर.
मेरी बेबसी देख चांद मुस्कुराए.
तब भी वजह देखता रहl..

पुरवइया चली धूमधाम से..
मेरी किस्मत.  रोते रह गए..
साया भी सात न दिया.
तारे चमक उठे.

सागर भी लौट चलें
किनारे से मुंह मोड़ कर.
मैं बेचारा और क्या कर सकूं.
तूने तो नजर उठाकर भी नहीं देखा.

फिर भी चला दिल हार कर.
तेरे प्यार पर l हे दिलरुबा.
खुदा तू ही गवाह.
हाय मेरे प्यार लुट गए..

संभालू कैसे दुनिया वालों.
अरे किसी के साथ में ना हो दोबारा
मैं चला दिल हार कर.
तेरी यादों की बारात लेके चला..

जी आर.कवियूर
19 10 2022

Tuesday, October 18, 2022

सताती है.(गजल)

सताती है.(गजल)
जी आर कवियूर.

जिंदगी इस कदर 
बार-बार सताती है.
तुझ संग जीना चाहा.
मगर वह तो 
एक ख्वाब रह गया.

आज भी सोच में
.डूबा रहता हूं.
बीते दिनों का.
रंगीन नजारे.
और बात आज भी.
लिख गाता हूं.

तेरी आवाज में.इसे 
गाकर सुनना चाहा.मगर तू तो 
बात से भी दूर रहती हो.
छोड़ गई मुझको.
इस गुमनाम डगर पर सनम.

जिंदगी इस कदर 
बार-बार सताती है

18 10 2022

Thursday, October 13, 2022

कुबूल कर लो

कुबूल कर लो 
जी.आर.कवियूर

बार-बार पुकारा.कितना.
हृदय से हारा.
आंखों से खून टपके.
दिल से आंसू निकले.

तेरी ही दर्द छुपा रखा हूं.
 गुलाब दिखता है.
खोल के देख लो दिल मेरा.
तेरे लिए ही.सजा रखा है.

कागज समझ कर
उसे फेंकना देना सनम.
यह मेरे तोहफा है.
इस नगमे को कुबूल कर लो

उभर आई

उभर आई
जी.आर.कवियूर

पलक छपते ही.
तू कहां चली गई.
शायराना अंदाज 
ढूंढता रहा तुझे.

नगमा में पाया
.तेरी नक्शे और कदम.
कलम ने तो पहचान लिया.
तेरी खून भरी.लिखावट.

आंखों में उतर आई.
दिल के द्वारा लबों पर.
तेरी खामोशियां.
इस कदर.महफिल में.उतर गई

लाखों दफा. 
मेरे कागज पर.
लिखे और काट दिए.
तेरे नाम.

इतना जो.
दिल पर छा गई. 
जैसे.बादल तले.
इंद्र.धनुष की रंगों में.
देख देख कर लिखता रहा

सुनी हुई राहे.
थक गई.नजरें 
और नजरl आने.
चांद भी.मुस्कुरा दिए.
मेरे हाल पर.

ठोकरें क्यों खाए.
प्यार के नाम पर.
तन्हाइयों ने.
संवारा.सजाया.
मेरी मन की आरजू.
कविता बनकर उभर आई

13 10 2022

Wednesday, October 12, 2022

दिल नहीं.भरतl

दिल नहीं.भरतl 
जी.आर.कवियूर


दिल यह बेकाबू
.तेरे सिवा
.संसार में.
जी नहीं सकता.
तेरी मोहब्बत ने.
मुझे घायल कर दिया.
कब तक जिए..
तेरी यादों के.
सपनों में सनम..
जितना भी..कहो.
तेरे.बारे में.
कम.पड़ता है.
मेरे लिए.हाय 
दिल नहीं.भरतl सनम

13 10 2022

खो चुका हूं (गजल)

खो चुका हूं  (गजल)
जी.आर.कवियूर


याद रखता हूं.
तेरे याद सखी..
बीते हुए दिनों की..
सपनों में जीता हूं.

आने वाली कल को भी.
सोचना भूल चुका हूं.
इस तरह और कितने दिन.
बिकाऊ इस हाल में..

तेरी खामोशियों के.
पल पल खा जाती है.
दिन रात एक कर.
चाहतों के भीड़ में.
खो चुका हूं

Monday, October 10, 2022

कहां चल बसी (गजल)

कहां चल बसी  (गजल)
जी.आर.कवियूर

कितना प्यासा रहा.
तेरे प्यार पाने के लिए
.तुम कहीं भी हो तो 
मेरे दिल की हालत जान लो.

शीशा के तरह मेरे दिल.
चमक उठा तेरे याद में.
चांद उतर आई तेरे मुस्कान में
.सपनों में तू परियों की तरह

फिरlई बाहों मेरी तरफ..
मैं उड़ान.भर लिया.
मगर मेरी निंदिया टूट गई.
और तू कहां चल बसी यारा

10 10 2020

शायर बना देती (गजल)

शायर बना देती  (गजल)
जी.आर.कवियूर


तेरी खामोशी.मुझको.
शायर बना देती है..
क्यों इस कदर.चुप हो.
दिन में तारे देखता रहता हूं

.हजार बार पुकारा मैंने.
हलचल मच जाती है.
इतना क्यों गुनगुनाने.की 
आदत मुझ में डालती हो.

मुझसे मुझको चुरा लिया.तूने.
और नहीं.सहा जाता.
बोलो बोलो.मुझसे चाहती हो क्या.
क्या मेरी नगमे को.चाहती हो..

आओ तेरे लिए.गाजू.
प्यारे प्यारे गीत.
तेरी खामोशी
.मुझको.शायर बना देती

10 10 2020

Sunday, October 9, 2022

तेरे हवाले.(गजल)

  तेरे हवाले.(गजल)
जी.आर.कवियूर


हाय रे. मेरी जिंदगी तेरे हवाले.
कर दी.मेरी निंदिया.रे.

जब तू.चाहते हो हमें.
लौटा दे.मेरे प्यार को.
मेरे दिलदार को.
जिसके सहारे जीता था.
मेरे याद रे.

हाय मेरे सनम..
तुझे पाया नहीं इस जन्म...
फिकर नहीं. जन्म जन्म की
मेले जो लगी है..
अनमोल है 

बीते हुवे हर एक वक्त भी.
तेरे संग बिताया है मैंने.
वापस तो नहीं आएगा.
वह सावन की.मीत और रीत

हाय रे. मेरी जिंदगी तेरे हवाले.
कर दी.मेरी निंदिया.

10 10 2022

गाता रहूंगा. (गजल)

गाता रहूंगा. (गजल)
जी.आर.कवियूर


दिल में अंगारे बरस गई.
कली जो खिली तेरी होठों पर..
हा यह.क्या मुस्कान है मेरे लिए..
क्या कहूं मैं आज.खुशनसीब हूं.
तेरे आने से.सनम.

बेकरारी जो कुछ थी.
हट गई  उजाले की और ले आई.

तेरी मेरी मेरी तेरी...
प्रेम कहानी.
भुला नहीं सकती..

वह तो.गुमनाम थी.
और वह ऐसे ही रहेगी..
केवल   गुनगुनाता रहूंगा.
महफिल में.
नगमा के सहारे.
गजल बनकर  गाता रहूंगा.

09 10 2022

Friday, October 7, 2022

तेरी आंखों में..(गजल)

तेरी आंखों में..(गजल)
जी.आर.कवियूर

तेरी आंखों में.
बसा हुआ राज क्या है.
इस कदर मुझे.भाती है.
बार-बार.छू जाती है दिल में.
.हाय.यह जादू.क्या है.
किसको..बताऊं.
कैसे बताऊं.

तेरी आंखों में.
बसा हुआ राज क्या है.

इस राज मोहब्बत का.
सीने में लेकर 
घूमता रह गया.सदियों से
 यही चलता रहा.
मगर क्यों नहीं बता पाया.

तेरी आंखों में.
बसा हुआ राज क्या है.

जी और कवियूर
07 10 2022

खो बैठा.(गजल)

खो बैठा.(गजल)
जी.आर.कवियूर

तेरी याद इतना तड़पाए
होश और आवाज़ खो बैठा.
 झील सी आंखों में. 
तूने हजार सपने दिखाए.

खोजा तुझे गली और चौबारे में..
सावन के हवाओं से और
फूलों की खुशबू से भी पूछा
कोई भी मुझे.तेरी पता.नहीं बताए.

कहां छुप गई हो तू.
रहती हो कहां
खोजता रहा.
आखिर पाया मैंने
दिल की आईनेमें तुझे

याद इतना तड़पाए
होश और आवाज़ खो बैठा.

07 10 2022