तेरे सिवा ...(कविता )
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है
तुम बिना नहीं जिया जाएगा इस दुनिया में
चांद सितारों की तले जी रहा हूं
चंद दिनों की इस जीवन के मेले में ll
रात की नींद गई और सपने भी टूट गए
राह देखते-देखते आंखें लाल हो गई
रहा नहीं जाता और इस दुनिया में
रहमत है तेरा सहारा ही सही ll
रात दिन एक हो गई मेरी
तन्हाई के आतंक मुझे लूट रहे हैं
तन मन अर्पण कर दो अब तो
आओ बाहों में ले लो ll
तुम बिना नहीं जिया जाएगा इस दुनिया में
चांद सितारों की तले जी रहा हूं
चंद दिनों की इस जीवन के मेले में
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है ll
जीआर कवियूर
23.07.2020.