Wednesday, August 23, 2023

लेकर खुशियों की बहार।

लेकर खुशियों की बहार।

चुपके से आए मेरे द्वार
चुरा के ले गए दिल्ल की हार
चमन में चमके थे आंखों के तारे
चुंबन हो के लिए तरस उठा   

बादलों ने छुपाया
चाँद को वीरानी में
रात की आवाज़ में 
बसे थे ख्वाब सारे 

होठों की मुस्कान से
खिल उठे ज़िंदगी के फूल
आयी थी मोहब्बत की हवा, 
मिल गई अब खुशियों की राहें

दिल में छुपी थी एक 
अद्भुत सी कहानी
प्यार की लहरों ने लिया था 
मन को बहलाने
चुपके से आई थी सुबह,
लेकर खुशियों की बहार।


रचना 
जी आर कवियूर 
23 08 2023

Tuesday, August 15, 2023

बार-बार

बार-बार

दिल ढूंढता है बार-बार
प्यार के नगमे हजार बार
रिश्ते नाते लाखों बार
मगर मिलती नहीं एक बार

तेरे जैसे कोई मिलता नहीं बार-बार
बरसता रहे दिल में हर बार
तरसते रहते हैं एतबार
सपनों में आती रहती हो बारंबार

दिल तोड़ कर चली जाती हो बार-बार
कली खिलती है महकते 
 रहते हैं  खुशबू बार-बार
भंवरे आते रहते हैं बार-बार

रचना 
जी आर कवियूर 
16 08 2023



Sunday, August 6, 2023

काश ऐसा जीने का अंदाज़

काश ऐसा जीने का अंदाज़
सपनों में ही होगा 
अगर तेरे सोच में
दिन रात का पता ना होता

नींद गई चैन गई
तन्हाइयों का दिन
आवारा बना कर छोड़ा
किस्मत को कहां ले आया

गली गली पता खोजा
मुखडे पाने के लिए
कलम में शाही खत्म
आंख में आंसू भर आई

रचना 
जी आर कवियूर 
 06 08 2023





Tuesday, August 1, 2023

मैं कितनी खुश किस्मत हूं

मैं कितनी खुश किस्मत हूं
आपकी गजलो की अंदाज़ बन गई हूं
हर मुखड़े पर मेरे बारे में ही
कहां गया है सच बात है

आपके हृदय में कितनी जगह है
मेरे लिए है मैं समझती हूं
आशीर्वाद है आपको कुदरत की देन है
यह शायरी अंदाज और 
मेरे लिए इतना ख्याल है आपको

हाय यह मोहब्बत ही एक चीज है
जो खुदा की ही बात है
जियो हजारों साल आप और
 आपकी इस अनमोल गजलें

लेखक
जी आर कवियूर
02 08 2023