काश ऐसा जीने का अंदाज़
सपनों में ही होगा
अगर तेरे सोच में
दिन रात का पता ना होता
नींद गई चैन गई
तन्हाइयों का दिन
आवारा बना कर छोड़ा
किस्मत को कहां ले आया
गली गली पता खोजा
मुखडे पाने के लिए
कलम में शाही खत्म
आंख में आंसू भर आई
रचना
जी आर कवियूर
06 08 2023
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