Tuesday, August 15, 2023

बार-बार

बार-बार

दिल ढूंढता है बार-बार
प्यार के नगमे हजार बार
रिश्ते नाते लाखों बार
मगर मिलती नहीं एक बार

तेरे जैसे कोई मिलता नहीं बार-बार
बरसता रहे दिल में हर बार
तरसते रहते हैं एतबार
सपनों में आती रहती हो बारंबार

दिल तोड़ कर चली जाती हो बार-बार
कली खिलती है महकते 
 रहते हैं  खुशबू बार-बार
भंवरे आते रहते हैं बार-बार

रचना 
जी आर कवियूर 
16 08 2023



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