Monday, October 10, 2022

कहां चल बसी (गजल)

कहां चल बसी  (गजल)
जी.आर.कवियूर

कितना प्यासा रहा.
तेरे प्यार पाने के लिए
.तुम कहीं भी हो तो 
मेरे दिल की हालत जान लो.

शीशा के तरह मेरे दिल.
चमक उठा तेरे याद में.
चांद उतर आई तेरे मुस्कान में
.सपनों में तू परियों की तरह

फिरlई बाहों मेरी तरफ..
मैं उड़ान.भर लिया.
मगर मेरी निंदिया टूट गई.
और तू कहां चल बसी यारा

10 10 2020

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