खो बैठा.(गजल)
जी.आर.कवियूर
तेरी याद इतना तड़पाए
होश और आवाज़ खो बैठा.
झील सी आंखों में.
तूने हजार सपने दिखाए.
खोजा तुझे गली और चौबारे में..
सावन के हवाओं से और
फूलों की खुशबू से भी पूछा
कोई भी मुझे.तेरी पता.नहीं बताए.
कहां छुप गई हो तू.
रहती हो कहां
खोजता रहा.
आखिर पाया मैंने
दिल की आईनेमें तुझे
याद इतना तड़पाए
होश और आवाज़ खो बैठा.
07 10 2022
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