Friday, October 28, 2022

मेरे दिल में भी

मेरे दिल में भी

आंख मिचोली खेलें
तेरी याद आज भी.
बरसात की बूंदे पर.
मुझे तेरी पायल की
झंकार सुनाई देती है..

अंबर में.निकली.चांद में..
तेरी मुस्कान नजर आती है.
सागर की लहरें.
जब लौट जाती है.
तेरी रूठना मुझे..
महसूस.कर देती है.

कोयल की बोली में.
बांसुरी की धुन में..
मोर की नाचने में.
मेरे दिल में भी.
तू ही तू है.

जी आर.कवियूर
28 10 2022

No comments:

Post a Comment