शायर बना देती (गजल)
जी.आर.कवियूर
तेरी खामोशी.मुझको.
शायर बना देती है..
क्यों इस कदर.चुप हो.
दिन में तारे देखता रहता हूं
.हजार बार पुकारा मैंने.
हलचल मच जाती है.
इतना क्यों गुनगुनाने.की
आदत मुझ में डालती हो.
मुझसे मुझको चुरा लिया.तूने.
और नहीं.सहा जाता.
बोलो बोलो.मुझसे चाहती हो क्या.
क्या मेरी नगमे को.चाहती हो..
आओ तेरे लिए.गाजू.
प्यारे प्यारे गीत.
तेरी खामोशी
.मुझको.शायर बना देती
10 10 2020
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