कुबूल कर लो
जी.आर.कवियूर
बार-बार पुकारा.कितना.
हृदय से हारा.
आंखों से खून टपके.
दिल से आंसू निकले.
तेरी ही दर्द छुपा रखा हूं.
गुलाब दिखता है.
खोल के देख लो दिल मेरा.
तेरे लिए ही.सजा रखा है.
कागज समझ कर
उसे फेंकना देना सनम.
यह मेरे तोहफा है.
इस नगमे को कुबूल कर लो
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