Sunday, October 9, 2022

गाता रहूंगा. (गजल)

गाता रहूंगा. (गजल)
जी.आर.कवियूर


दिल में अंगारे बरस गई.
कली जो खिली तेरी होठों पर..
हा यह.क्या मुस्कान है मेरे लिए..
क्या कहूं मैं आज.खुशनसीब हूं.
तेरे आने से.सनम.

बेकरारी जो कुछ थी.
हट गई  उजाले की और ले आई.

तेरी मेरी मेरी तेरी...
प्रेम कहानी.
भुला नहीं सकती..

वह तो.गुमनाम थी.
और वह ऐसे ही रहेगी..
केवल   गुनगुनाता रहूंगा.
महफिल में.
नगमा के सहारे.
गजल बनकर  गाता रहूंगा.

09 10 2022

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