नशा क्यों है ( कविता )
किस मिट्टी से तुझे बनाया
किस्सा पुराना हो या नया
तुम तो छू गई है
मेरे दिल में सनम
कितना भी लिख तेरे बारे में
खत्म सा होता है
तेरे हुस्न की बातें सनम
सपना अपना साकार होगा कब
तेरे मिलन की सावन
आएगा कब पता नहीं
हवा के झोका महसूस किए
तेरी खुशबू की एहसास लिए
बीते हुए कल की याद में
जीता रहा हूं मैं
जैसे मैं खाने पर हो
तेरी सोच में इतना
नशा क्यों है सनम
रचना
जी आर कवियूर
15 06 2023
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