मन मंदिर की सूरत हो
तू मेरी दिल की
आईने मैं बसी सूरत हो
मन मंदिर की मूरत हो
तेरी बोली सुन
कोयल की कू के
तेरी चलने देख
मोर भी नाचे अनमोल
बादल में छुपे
चांद भी खिले
ब्रह्मा भी अनुरक्त हुवे
मेरी बात क्या बताएं
तुझे देख उत्तरी कल से
शायरी और गजल
तू मेरी दिल की
आईने मैं बसी सूरत हो
मन मंदिर की मूरत हो
रचना
जी आर कवियूर
11 06 2023
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