Friday, May 5, 2023

बड़े हाथ ओररचना जी आर कवियूर

बड़े हाथ ओर
रचना 
जी आर कवियूर 

जीवन की इस दौर में
मेरी बात न मानो
तेरी मन में जो आए
वैसे ही करो यारा

मगर तेरे लिए ही
जीता आया हूं
और मर मिटेंगे
मन की बात सुनो

बेचैनियों से काबू पाओ
बचपन की यादें जवानी तक
जवानी से बुढ़ापा तक
जो कुछ सोचा था सब वेहम

अब तलक जो हुआ
सब भूल कर बढ़ाओ
हाथ जो मानवता के
ओर बढ़ती चली जाए

06 05 2023

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