Saturday, November 5, 2022

आज भी मैं

आज भी मैं 

आज भी मैं तेरे याद में जीता हूं.
जहां भी.देखो तो
तुम ही तुम नजर आती है..
रितु बदले.
मगर तेरी आने की.
झलक नहीं दिखाई दिया.
तन मन इस कदर झूम उठे.
तेरी आने की खबर सुनकर.
तन मन इस कदर झूम उठे.

बजी शहनाई.
ढोल पीटे.
पायल की झंकार उठे..
तेरी मुस्कान की आहट हमें जगा दिया.
सपनों से.साकार हो गई है क्या.
आज भी मैं तेरे याद में जीता हूं.

जी आर.कवियूर
05 11 2022

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