वादा इतनी करता रहता हूं.
खामोशियों में..
ढूंढता रहा इन वादियों में..
तुझे पा गया दिल की धड़कनों में.
शिवाय और के लिए नहीं मेरे लिए
तेरी मुस्कान हमेशा रहे साथ साथ.
वादा इतनी करता रहता हूं.
तितली बन.
मेरे दिल की फूल पर बैठे रहना.
चांद सितारे और सूरज भी
तेरे लिए.ला देता हूं..
तेरी सोच पर..
खुशियों के मारे.
आंख भर आई..
सागर की लहरें भी.
तेरे नाम कर गई.
किनारे भी तेरे कदमों में.
चूम लिए.
जी आर..कवियूर
03 11 2022
No comments:
Post a Comment