थक गया हूं. (गजल)
तुम्ही ने हमको याद किया है.
कितना भी रोए दिल बार-बार.
कैसे कहूं.किसको कहूं.वेदना.
राह देख देख कर आंखें बरआई.
अरे क्यों तू नहीं आई.
इस कदर क्यों हमको.
तड़पाती हो तुम क्यों.
जिंदगी की इस दौड़ पर.
थक गया हूं मैं.और हमसे.
इंतजार नहीं हो सकती है.
जाओ बाहों में.तरसती है.
दिल बार बार.
आखिर यह जिंदगी कितनी
छोटी है.
तुम्हें मालूम भी होना चाहिए
मगर तुम क्यों नहीं आई.
वक्त और नहीं है समझो.
समझौता कर लो अबभी.
जी.आर.कवियूर
29 09 2022
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