तमन्ना जगाती है.
झील जैसी आंखें..
मेरे होश उड़ा देती है.
चाहा फिर भी नहीं पहुंच सके.
चंचल सी दिल में
आशा भरी सपने ले चले हैं.
तेरी खोज में निकलते ही.
रास्ते के कांटे और पत्थर
फूल जैसे लगते हैं.
मोहब्बत में इतना.दम है कि.
नैय्या.बिना सागर को भी पार करें....
तेरी.झील जैसी आंखें.
मेरे जीने की तमन्ना जगाती है.
जी आर.कवियूर
03 12 2022
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