आजा निभा जा
दिल में हो तुम
मेरी सांसों में तू
आंखों से अखियां
मिला ती हो तू
कहां खो गई तू
पलक के बंद तो भी
दिखती हो तू
पल पल प्यार के
लम्हों मैं तेरी खयालों से
घायल हो गया
आखिर इस जिंदगी में
रखा ही क्या
चार दिन की चमक दमक
फिर तो अंधेरा ही अंधेरा
आजा निभा जा
मेरे दिल की लगी
कर ले प्यार को कुबूल
दिल में है तू
सांसों में तू
जी आर कवियूर
03 01 2023
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