फिर जीने की तमन्ना है ( गजल )
फिर एक बार
जीने की तमन्ना है
देखे हुए तस्वीर को
आमने-सामने मिलना है
रातों की गहराई में खोया हुआ,
तुम्हारी यादों को फिर से पाना है।
चाँदनी की किरनें छू रही हैं रात को,
तेरी बातों को फिर सुनना है।
दिल के आगे तेरी मोहब्बत का इजहार करना है,
तेरे साथ हर पल बिताना है।
तेरी आँखों की गहराइयों में खोना है,
तेरी मुस्कान को प्यार से छूना है।
मेरे दिल में तेरी जगह बनानी है,
तेरे साथ जीवन की सफर साझा करना है।
रचना
जी आर कवियूर
19 04 2024
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