Monday, April 8, 2024

तेरी मोहब्बत में,

तेरी मोहब्बत में,


वह यकीन नहीं थी मगर
तेरी आने की उम्मीद लेकर

उसने रातों को सिर्फ ख्वाब देखे,
तेरे ख्वाबों में उसने अपनी राह ढूंढी।

धुआं में उसने तेरी खुशबू पाई,
खुशियों के संग उसने अपनी तकदीर लिखी।

राहों में मिली तेरी यादों की रोशनी,
उसने अपनी मंजिल की ओर कदम बढ़ाया।

कभी थक कर भी, ना हारते हुए,
उसने तेरी तस्वीरों को अपने दिल में सजाया।
वह यकीन करता रहा, और तेरी मोहब्बत में,
अंत में, वह तेरे दीदार की धुन सुनाई।

रचना
जी आर कवियूर
09 04 2024

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